आशा सहयोगिनियां देंगी लाभार्थियों को योजना की जानकारी

beawar samacharब्यावर, 26 अप्रैल। प्रदेश में भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के प्रभावी क्रियान्वयन एवं योजना के लाभार्थियों को कैशलेस उपचार सुलभ करवाने के उद्देश्य से 46 हजार से अधिक आशा सहयोगिनियों का सहयोग लिया जाएगा। चिकित्सा विभाग द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के पात्रा एक करोड़ से अधिक लाभार्थी परिवारों की सूची उपलब्ध करवायी जाएगी।
सीईओ बीएसबीवाई एवं मिशन निदेशक एनएचएम श्री नवीन जैन के अनुसार प्रत्येक आशा को बीएसबीवाई किट दी जाएगी एवं इस किट में आशा डायरी, स्थानीय सूचीबद्ध निजी चिकित्सालयों की सूची, डमी एवं योजना का लाभ प्राप्त करने की प्रक्रिया का फोल्डर इत्यादि सामग्री होगी। इसके तहत सभी जिला आशा समन्वयकों, ब्लाॅक आशा हैल्थ फैसीलिटेटरेंा, पीएचसी आशा हैल्थ सुपरवाइजरों को समस्त आशा सहयोगिनी को भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना की जानकारी का प्रशिक्षण यथाशीघ्र देने हेतु निर्देशित किया गया है।
आशा संवाद 28 अप्रैल को
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक श्री नवीन जैन के अनुसार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्राी श्री राजेन्द्र राठौड़ के साथ प्रदेशभर की 46 हजार से अधिक आशा सहयोगिनियां वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वार्तालाप करेंगी। ‘आशा संवाद’ नाम से यह वार्तालाप 28 अप्रैल को को दो पारियों मेें आयोजित किया जाएगा। राज्य सरकार तक सीधे ही अपने कार्यक्षेत्रा से जुड़ी जानकारियां पहुंचाने में ’आशा संवाद’ प्रभावी सिद्ध होगा।
श्री जैन के अनुसार गत दिसम्बर से जनवरी माह में प्रभावी ‘एएनएम संवाद’ कार्यक्रम के आयोजन के बाद अब ‘आशा संवाद’ में सैटेलाइट द्वारा आशायें उच्चाधिकारियों से सीधे संवाद कर सकेंगी।–00–
बाल विवाह की प्रभावी रोकथाम के लिए व्यापक प्रबन्ध
ब्यावर, 26 अप्रैल। प्रदेश में बाल विवाहों की रोकथाम के लिए समस्त जिला कलक्टर व पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिये गए हैं कि वे बाल विवाह की रोकथाम के लिए अपने-अपने क्षेत्रा में समुचित कदम उठाएं एवं सूचना प्राप्त होने पर बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत कानूनी कार्यवाही करें।
बाल विवाह पर रोकथाम के लिए प्रदेश में गृह विभाग द्वारा ज़ारी पत्रा में कहा गया है कि अक्षय तृतीया (आखातीज) 9 मई एवं पीपल पूर्णिमा 21 मई पर होने वाले बाल विवाहों को रोकने के लिए समाज की मानसिकता एवं सोच में सकारात्मक परिर्वतन लाना आवश्यक है। इन अवसरों पर विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विवाहों के आयोजनों की प्रबल सम्भावना रहती है।
बाल विवाह की रोकथाम के लिए विभिन्न विभाग जैसे सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग के ग्राम स्तरीय कार्यकर्ताओं को सक्रिय रहने के लिए कहा गया है। साथ ही पटवारी, अध्यापिका इत्यादि को बाल विवाह होने पर निकट के पुलिस स्टेशन में सूचना देने के लिए पाबंद किया गया है। सार्वजनिक स्थानों पर सूचना बाॅक्स रखने एवं इसके लिए नियंत्राण कक्ष स्थापित करने को कहा गया है।
इसी प्रकार विद्यालयों को निर्देश दिए गए हैं कि विद्यालय स्तर पर बच्चों को बाल विवाह के दुष्परिणामों व इससे संबंधित विधिक प्रावधानों की जानकारी दें। ग्रामसभाओं में भी सामूहिक रूप से बाल विवाह के दुष्प्रभावों की चर्चा एवं निर्वाचित जन प्रतिनिधियों के साथ चेतना बैठकों का आयोजन करने का सुझाव भी दिया गया है। प्रिन्टिंग प्रेस वालों को कहा गया है कि वे विवाह हेतु छपने वाले निमन्त्राण पत्रा में वर-वधू की जन्म तारीख प्रिन्ट करने पर बल देने के साथ ही वर-वधू के आयु के प्रमाणपत्रा अपने पास रखे।
कन्ट्रोल रूम स्थापित होंगे
बाल विवाह की रोकथाम के लिए अक्षय तृतीया से पूर्व जिलों में कलक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं उपखण्ड कार्यालयों में कन्ट्रोल रूम स्थापित करने के निर्देश हैं जो 24 घण्टे क्रियाशील रहेंगे। बाल विवाह के आयोजन किये जाने की स्थिति में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम -2006 के तहत जवाबदेही निर्धारित करने एवं जिनके क्षेत्रों में बाल विवाह सम्पन्न होने की घटना होती है, उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने को कहा गया है। –00–
तम्बाकू उत्पादों पर 15 प्रतिशत
सचित्रा स्वास्थ्य चेतावनी प्रदर्शित करना आवश्यक
ब्यावर, 26 अप्रैल। तम्बाकू उत्पाद विक्रेताओं, होलसेलर्स एवं डिस्ट्रीब्यूटर्स द्वारा 85 प्रतिशत सचित्रा स्वास्थ्य चेतावनी प्रदर्शित नहीं होने वाले तम्बाकू उत्पादों का क्रय, विक्रय, भण्डारण एवं वितरण करने पर सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (पैकेजिंग एवं लेबलिंग) संशोधित नियम-2014 के तहत नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। यह नियम सम्पूर्ण भारतवर्ष में 1 अप्रैल 2016 से लागू हो गया है।
राज्य के नोडल अधिकारी एनटीसीपी डाॅ. आदित्य आत्रोय ने बताया कि सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम की धारा 7 के अनुसार सभी तम्बाकू उत्पादों के 85 प्रतिशत प्रमुख प्रदर्शित भाग पर सचित्रा स्वास्थ्य चेतावनी प्रदर्शित किया जाना अनिवार्य है। अधिनियम की उक्त धारा की अनुपालना में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (पैकेजिंग एवं लेबलिंग) संशोधित नियम 2014 की अधिसूचना 15 अक्टूबर 2014 को ज़ारी की गयी। इसके तहत केवल वही तम्बाकू उत्पादों की बिक्री, वितरण, उत्पादन या आयात किये जाने की अनुमति है जिन पर 85 प्रतिशत प्रमुख प्रदर्शित भाग पर स्वास्थ्य चेतावनी प्रदर्शित की गयी है।
इन नियमों के उल्लंघन पर एक हजार से 10 हजार रूपये का दण्ड अथवा 1 वर्ष से 5 वर्ष तक का कारावास या दोनों का प्रावधान किया गया है। अधिनियम अन्तर्गत राजस्व, स्वास्थ्य, यातायात, बिक्रीकर, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्राण तथा पुलिस विभाग के अधिकारियों को सर्च व सीजर की शक्तियां प्रदान की गयी हैं।–00–
पानी के बिल 29 अप्रैल तक जमा होंगे
ब्यावर, 26 अप्रैल। जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ब्यावर द्वारा तकनीकी कारणों से शहर में पानी के बिलों का वितरण समय पर नहीं होने से पानी के बिल जमा कराने की अंतिम तिथि 29 अप्रैल 2016 तक बढ़ाई है। उक्त जानकारी सहायक अभियन्ता एस.के.माथुर ने दी। –00–

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