विवेकानन्द केन्द्र बच्चों में संस्कारों का सूत्रधार

विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी शाखा अजमेर द्वारा आउटडोर समर कैंप का समापन

swami-vivekananda-120भावी पीढ़ी में संस्कारों के बीजारोपण का कार्य विवेकानन्द केन्द्र कर रहा है। बच्चे कच्ची मिट्टी के समान होते हैं तथा विवेकानन्द केन्द्र की कार्यपद्धति वह कुशल कारीगर की तरह कार्य कर रही है जिससे बच्चों का शारीरिक ही नहीं अपितु मानसिक, बौद्धिक एवं भावनात्मक विकास हो रहा है। उक्त विचार मित्तल चैंबर्स के सलाहकार भारत भूषण बंसल ने विवेकानन्द केन्द्र के आउटडोर समर कैंप के समापन कार्यक्रम के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सहकार भारती के संगठन प्रमुख सम्मान सिंह बड्गुर्जर ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द कहते थे कि गीता पढ़ने के स्थान पर फुटबॉल खेलने में ज्यादा अच्छा ध्यान लगता है। उन्होंने इस समर कैंप में आए बच्चों के अभिभावकों से आह्वान किया कि वे बच्चों के अनुभवों से पता चलता है कि सिर्फ किताबी ज्ञान ही उनके सर्वांगीण विकास के लिए काफी नहीं है।
इस अवसर पर उपस्थित अभिभावकों ने भी बच्चों के अनुभव साझा किए। बच्चों द्वारा वीर सावरकर की नाट्य प्रस्तुति भी दी। विभाग प्रमुख डॉ. स्वतन्त्र शर्मा ने बताया कि विवेकानन्द केन्द्र द्वारा दिनांक 13 मई 2016 से साँय 5.30 से 7.30 बजे तक सिद्धेश्वर महादेव मंदिर, हरिभाऊ उपाध्याय नगर, अजमेर पर भी दस दिवसीय आउटडोर समर कैंप 8 से 16 वर्ष की आयु के बालक बालिकाओं के लिए लगाया जा रहा है तथा 13 मई से ही प्रातः 5.45 से 7.15 तक योग एवं ध्यान सत्र का भी आयोजन इसी स्थान पर किया जा रहा है।
नगर संगठक श्वेता टाकलकर ने बताया कि आउटडोर समर कैंप के साथ ही बच्चों का तीन दिवसीय आवासीय संस्कार वर्ग प्रशिक्षण शिविर भी दिनांक 26 मई से अपना घर संस्थान, कोटड़ा, अजमेर में आयोजित किया जा रहा है जिसमें 10 से 16 वर्ष की आयु वर्ग के बालक बालिकाएं भाग लेंगे।

(डॉ. स्वतन्त्र शर्मा )
विभाग प्रमुख
9414259410

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