महेश नवमी पर सार्वजानिक अवकाश की घोषणा करने की मांग

demandमाननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी
भारत सरकार
नई दिल्ली
विषय १३ जून २०१६ को महेश नवमी के शुभ अवसर पर सार्वजानिक अवकाश की घोषणा करने के सम्बन्ध में

आदरणीय महोदय

कोटि कोटि अभिनन्दन एवं शुभकामनाएं आपकी देवीय उर्जा से भारत निरन्तर प्रगति की और अग्रसर हेण्हमारे आराध्यदेव भगवन महेश के विश्वनाथ के ज्योतिर्लिंग मोक्ष दायिनी कशी के आप जनप्रतिनिधि भी हें इसलिए आपका परम ध्यान हमारे महेश्वरी समाज के उत्पत्ति दिवस की और आकर्षित करना चाहता हूँ १३ जून २०१६ को महेश नवमी के शुभ अवसर पर हम विश्व महेश्वरी महासभा की और से भारत सरकार प्रधानमंत्री जी समस्त मंत्रिमंडल का और भारत के जन सामान्य प्रजाजनों और भारत के कर्मठ हमारे समस्त जनप्रतिनिधियों समस्त अधिकारीयों कर्मचारियों लोकतंत्र के चारों स्तम्भ विधायिका न्यायपालिका कार्यपालिका और मिडिया का हार्दिक अभिनन्दन करते हुए सम्पूर्ण मानव जाती की विश्व के समस्त बंधुओं के प्राणिमात्र के कल्याण की कामना करते हें
माहेश्वरी उत्पत्ति कथा के अनुसार महेश पार्वती माहेश्वरी संस्कृति माहेश्वरीत्व के संस्थापक है और महेश नवमी माहेश्वरी संस्कृति का स्थापना दिन है ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को महेश नवमी का उत्सव मनाया जाता है। यह पर्व मुख्य रूप से भगवान महेश महादेव और माता पार्वती की आराधना को समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि इसी दिन भगवान महेश और माता पार्वती की कृपा से माहेश्वरी समाज की उत्पत्ति हुई इसलिए भगवान महेश और माता पार्वती को माहेश्वरी धर्म के संस्थापक मानकर माहेश्वरी समाज में यह उत्सव माहेश्वरी वंशोत्पत्ति दिन के रुपमें बहुत ही भव्य रूप में और बड़ी ही धूम धाम से मनाया जाता है। इस उत्सव की तैयारी पहले से ही शुरु हो जाती है। इस दिन धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाते हैं। चल समारोह शोभायात्रा निकाली जाती हैं। यह पर्व भगवान महेश और पार्वती के प्रति पूर्ण भक्ति और आस्था प्रगट करता है।
माहेश्वरियों के उत्पत्ति दिवस पर केंद्र सरकार से मांग की जा रही हे की जैसे महावीर जयंती गुरुनानक देव जयंती गुड फ्राइडे और अन्य धर्मो पर्वों के लिए अवकाश घोषित किया जाता हे वैसे ही महेश्वरी जाती के उत्पत्ति दिवस महेशनवमी को अवकाश घोषित करने की मांग विश्व महेश्वरी महासभा द्वारा आपसे और सरकार से की जा रही हे माहेश्वरी समाज का प्रागट्य भगवान महेश के आशीर्वाद से हुआ है। वैसे तो महेश नवमी का उत्सव समस्त समाज के लोग अपनी.अपनी श्रद्धा के अनुरूप मनाते हैं लेकिन महेश नवमी का त्यौहार माहेश्वरी समाज द्वारा खूब धूमधाम से मनाया जाता है। माना जाता है की माहेश्वरी समाज पूर्वकाल में क्षत्रिय वंश से थे लेकिन किसी पूर्वज से हुई भुल के कारण ऋषियों ने उन्हें श्राप दे दिया। आज ही के दिन भगवान महेश ने उन्हें श्राप के प्रभाव से मुक्त कर अपना नाम दिया था। यह भी माना जाता है कि भगवान महेश से आज्ञापत्र पाकर माहेश्वरी समाज के पूर्वजों ने क्षत्रिय कर्म का त्याग कर वैश्य कृषि गोरछ वाणिज्यिक व्यापारिक कामों को अपनाया। भगवान महेश ने कभी भी किसी के साथ भेदभाव नहीं किया। उनके लिए सब समान हैं विशेष है तो केवल श्रद्धा व भाव जो जिस श्रद्धा के साथ भगवान का ध्यान करते हैं भगवान भी उनका उतना ही ध्यान रखते हैं। १३ जून २०१६ सोमवार को महेश नवमी का शुभ दिन है। इस दिन के लिए यदि भारत सरकार की और से हमारे विश्व महेश्वरी महासभा और महेश्वरी समाज के लिए कुछ विशेष शुभकामना सन्देश और सार्वजानिक अवकाश की घोषणा की जाती हे तो हम आपके ह्रदय से सदेव के लिए आभारी रहेंगे और हम भारत सरकार के भारत वर्ष की संस्कृति के हमेशा पक्षधर रहे हें और रहेंगे हमारा समाज हमेशा से देशप्रेम त्याग बलिदान दान परोपकार सद्व्यहार सुसंस्कृति और निस्वार्थ सहयोग के लिए जाना जाता हे आपकी शुभकामनाएं और अवकाश सम्बन्धी घोषणा की अपेक्षा में धन्यवाद के साथ शुभकामनाओं सहित ।

माहेशवरी बंधु
सभी माहेशवरी बंधु आगे भेजे
Ashok rathi

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