बिठूर जीएसएस को माॅडल जीएसएस बनाया जाएगा -श्रीमत पाण्डे

लोसेज कम करने पर प्रोत्साहन स्वरूप विकास कार्य होगें – गौरव गोयल
छीजत कम करते हुए राजस्व बढोतरी के प्रयास करें – डी. के. शर्मा

Sr. Officers' meeting 1अजमेर, 10 जून। डिस्काॅम्स अध्यक्ष श्री श्रीमत पाण्डे ने कहा है कि अजमेर विद्युत वितरण निगम लि. के बिठूर जीएसएस को माॅडल जीएसएस के रूप में विकसित किया जाएगा तथा उसी अनुरूप अन्य जिलों के जीएसएस को भी बनाने का प्रयास होगा।
डिस्काॅम्स अध्यक्ष शुक्रवार को अजमेर डिस्काॅम मुख्यालय सभागार में आयोजित वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप बिठूर जीएसएस पर किए जा रहे कार्यों की जानकारी देने जिला कलक्टर श्री गौरव गोयल को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया।
जिला कलेक्टर ने बताया कि बिठूर में बिजली चोरी रोकने के लिए जनजाग्रति पैदा करने के प्रयास हो रहे हैं। इसके लिए उपखण्ड अधिकारी की अध्यक्षता में स्थानीय स्तर पर कमेटी का गठन भी किया गया है जो प्रति सप्ताह चैपाल लगाती है। यहां तीनों पंचायतों को जन प्रतिनिधि एवं ग्रामीण जन उपस्थित रहते है। इन तीनों पंचायतों को बिजली चोरी मुक्त पंचायत बनाने का प्रस्ताव भी लिया गया है। उन्होंने बताया कि लोसेज 20 प्रतिशत से कम होने पर प्रोत्साहन स्वरूप सड़को के कार्य करवाए जाएगें इसके लिए अलग से प्रावधान भी रखा गया हैं।
बैठक में डिस्काॅम्स अध्यक्ष ने कहा कि निगमों का घाटा कम करना, वित्तीय सुधार लाना, उपभोक्ताओं को अच्छी सेवाएं प्रदान करना, तकनीकी का अधिकतम प्रयोग कर कार्यों को गति प्रदान करना तथा आम उपभोक्ता को राहत प्रदान करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता हैं। उसी अनुरूप सभी कार्य करें।
उन्होंने अधिकारों एवं पदार्थ प्रबंधन के विकेन्द्रीयकरण के बारे में चर्चा की एवं इसके लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश भी दिए।
बैठक में डिस्काॅम्स अध्यक्ष ने कहा कि निगम के लोसेज कम करते हुए उपभोक्ता हितों का ध्यान रखना हमारी प्राथमिकता है। इसमें उपभोक्ता का विश्वास बना रहे इसके लिए नवाचारों के साथ टीम भावना से कार्य करें। उन्होंने बताया कि बिजली चोरी रोकने के लिए सतर्कता जांच बढ़ाई जाएगी। साथ ही पुलिस के खाली पदों को भी शीघ्र भरने की कार्यवाही की जाएगी।
उन्होंने निर्देशित किया कि निगम कार्यों में नवाचारों के लिए प्रोजेक्ट बना कर प्रस्तुत करें ताकि उसे लागू किया जा सके। उन्होंने चित्तौड़गढ़ के अधीक्षण अभियंता को ड्रीप वाले कनेक्शन देने का प्रोजेक्ट तैयार करने के निर्देश दिए ताकि किसानों को लाभ हो सके।
इस मौके पर निगम के प्रबंध निदेशक श्री डी. के. शर्मा ने राजस्व वसूली पर जोर देते हुए शत-प्रतिशत वसूली करने तथा टीएनडी लोस कम करने के प्रयास करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हाई रिस्क पाॅवईन्ट का विशेष ध्यान रखें। छीजत कम करने के साथ ही सभी उपखण्ड कार्यालयों पर सही मीटर रीडिंग, सही बिलिंग और सुरक्षित बिजली आपूर्ति की व्यवस्था भी की जाए। उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए जन प्रतिनिधियों का सहयोग भी लिया जाए और प्रत्येक फीडर के वित्तीय घाटे को उन्हें बताकर गांवों में छीजत कम करने की जरूरत से अवगत कराया जाए।
उन्होंने निर्देश दिए कि शहरी क्षेत्रों में 11 केवी फीडर तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 33 केवी जीएसएस को चिन्हित करते हुए वहां बिठूर जीएसएस की तरह कराए जाने वाले कार्यों को चिन्हित करें। इसमें प्रतिमाह एक फीडर का सर्वे किया जाए एवं अगले दो माह में कार्य पूरा किया जाए।
प्रबंध निदेशक ने निर्देश दिए कि बिजली चोरी रोकने के लिए की जा रही सतर्कता जांच को प्रभावी बनाया जाए तथा बड़े बिजली चोरांें पर पैनी नजर रखते हुए उन्हें पकड़ें। अधिक लोसेज वाले क्षेत्रों में लोगों को बिजली चोरी नहीं करने के लिए आईईसी कार्यक्रम भी चलाने के निर्देश दिए।
बैठक में निदेशक (वित्त) श्री एस. एम. माथुर, मुख्य अभियंता श्री बी.एस. रत्नू (अजमेर), श्री आर. पी. सुखवाल (उदयपुर), श्री के. पी. वर्मा (झुंझुनूं), श्री बी. एम. भामू (वाणिज्य), मुख्य लेखाधिकारी श्री बी. एल. शर्मा (एटीबी), श्री एम.के. जैन (राजस्व) सहित समस्त अधीक्षण अभियंता एवं संबंधित अधिकारी गण उपस्थित थे।
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