नागेलाव तालाब में 20 साल बाद आया पानी

जिले में अभियान 4102 कार्य पूर्ण, अभियान के आने लगे अच्छे परिणाम
PROAJM(2)अजमेर, 30 जून। मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुन्धरा राजे द्वारा राजस्थ्ज्ञान को जल के क्षेत्रा में आत्मनिर्भर बनाने के लिए शुरू किए गए मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान से गांवों के तालाब पोखरों के दिन फिरने लगे है। अभियान के तहत चयनित नानकिया तालाब नागेलाव एवं रामसर में भीलांे की बस्ती के पास कैटल फार्म में खोदी गई नाडी में पहली ही बारिश में लबालब पानी आ गया है। ग्रामीणों में खुशी की लहर है।
जिला कलक्टर श्री गौरव गोयल ने बताया कि मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के तहत नागेलाव में नानकिया तालाब की आव खुदाई एवं माॅडल तालाब निर्माण का कार्य हाथ में लिया गया था। इस कार्य पर करीब 37 लाख रूपए खर्च हुए। स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं आमजन ने भी कार्य में पूरे मन से सहयोग दिया। सभी की मेहनत अब रंग लाने लगी है।
उन्होंने बताया कि नानकिया तालाब में हर साल बारिश में नाम मात्रा का पानी आता था। लेकिन इस बार पानी की आवक के रास्ते खुल जाने से पहली ही बारिश में तालाब आधा भर गया है और लबालब दिखाई देने लगा है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के प्रथम चरण की शुरूआत 27 जनवरी 2016 को जिले की प्रत्येक पंचायत समिति में जल संरक्षण के लिये सरकार के प्रयासों में आम जन की सहभागिता के उद्देश्य के साथ की गई थी। यह प्रथम चरण का अभियान आज 30 जून को पूर्ण हो गया। अभियान के तहत 9 विभागों के कुल 4817 कार्याें का चयन किया गया था। जिनमें से 4211 कार्य प्रारम्भ कर 4102 कार्य पूर्ण करा लिये गये है, शेष कार्य भी बहुत जल्द पूर्ण कराये जा रहे है। इन कार्याें मंे से अधिकतर कार्य जल संरक्षण से सम्बन्धित है, जिनमें लगभग 549 करोड लीटर पानी का संग्रहण किया जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि अभियान के तहत अन्तर्गत जन प्रतिनिधियों, जन साधारण एवं विभिन्न संस्थानों के असाधारण सहयोग ने कार्याें को गुणवत्तापूर्वक पूर्ण करने हेतु प्रेरणा दी। इसी तरह श्री सीमेन्ट, एल.एण्ड.टी, मार्बल ऐसोसियेशन किशनगढ़, जी.वी. के. टोल प्लाजा, गेगल टोल प्लाजा, अडानी समूह आदि औद्योगिक संस्थानों ने विभिन्न जल संरक्षण कार्याें को गोद लिया एवं मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुन्धरा राजे के भागीरथी प्रयासों को पूर्ण करने में सहयोग किया।
जल संरक्षण हेतु प्रतिबद्धता ग्रामीण अंचल ही नहीं शहरी क्षेत्रों में भी लक्षित हुई हेै, जिसके परिणाम स्वरूप अजमेर, ब्यावर, विजयनगर, केकडी आदि शहरी क्षेत्रों में प्राचीन बावडियों के पुनरूद्धार कार्य भी करवाए गए। सभी जल संरक्षण संरचनाओं पर वन विभाग, भूसंरक्षण विभाग एवं महात्मा गांधी नरेगा द्वारा वृहद स्तर पर पौधारोपण भी किया जा रहा है।

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