44 मनरेगा श्रमिकों को 4-5 माह से भुकतान नही मिला

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फ़िरोज़ खान बारां ( शाहाबाद ) 30 जून । कसबनोनेरा पंचायत के गांव मझारी सहरिया बस्ती में करीब 40 परिवार निवास करते है । मोतीलाल सहरिया व् राम सिंह ने बताया कि करीब 44 मनरेगा श्रमिकों को 4-5 माह से भुकतान नही मिला । इस कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । देवी सिंह को 6, रामहरी को 4, तुरसा को 4, गुड्डी को2, उदयराज को 4, सारदि को 3, किशन को 3, रामदयाल को 7, लीला को 6, राजेश को 6, भुटिया को 6, सुखलाल को 3, सावो को 2, देवीलाल को 3 , रम्मो को 3, नानजी को 3, पतिया को 2, हरिशंकर को 3, फुलबती को 2, कोमल को 4, हरगोविंद को 2, उषा को 2, जानकीलाल को 2, ऊँकार को 4, ढ्खको को 2, कल्ला को 2, कूगर बाई को 4, महोली को 1, सतीश को 2, कोस्य को 1, मोतीलाल को 3, नेबा को 3, हरिलाल को 3, जगराम को 3, कल्याण को 2, गुड्डी को 2, रामबती को 4, सानेलाल को 2, नाथूलाल को 1, प्रेम को 1 मस्टरोल का बकाया भुकतान अभी तक भी नही मिला है । इन श्रमिकों ने बताया कि मेट धन्नालाल खेरूआ निवासी स्वांस जब भी मस्टरोल लेकर आता है तो 4 दिन तक अपने पास रखता है । और उसके बाद मजदूरों से कहता है कि दो दिन की हाजरी के पैसे खुद मेट रखता है, और दो दिन की हाजरी का पैसा श्रमिकों को देता है । इस तरह मनरेगा श्रमिकों का शोषण किया जा रहा है । श्रमिकों ने बताया की मेट द्वारा हमारे साथ हमेशा धोखा करता आ रहा है । और धमकी देता है की अगर तुमने शिकायत की तो मस्टरोल भी नही चलाऊंगा । इसी तरह इन लोगो ने बताया कि सरकारी योजना में मात्र 4- 5 लोगो को ही मकान मिले है । और जिनको मिले है उनको भी किश्ते नहीँ मिली है । उन्होंने बताया कि बस्ती में सरकार की ओर से सहरिया बंगला भी नहीँ बनाया गया है । हम लोगो ने लकडियो से खुदने बंगला बना रखा है । दिनभर इसी बंगले में बैठते है । वहीँ फूलवती पत्नी जगराम सहरिया ने बताया कि मुझे अभी तक भी इंद्रा आवास की दो किश्ते नही मिली है । इस कारण मेरा मकान अधूरा पड़ा हुआ है । और बारिश का मौसम भी शुरू हो गया है । ऐसे में रहने के लिए मेरे पास जगह भी नही बची है । इस सम्बंध में जब विकास अधिकारी सुधीर पाठक से बात की तो उन्होंने बताया की में अभी बहार हूँ । और आने के बाद मामले की जानकारी करवाता हूँ ।

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