कष्मीर मे बिगड़ते माहौल के लिये हुर्रियत की अलगावादी नीति जिम्मेदार

dargaah deewanअजमेर 12 जुलाई। सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिष्ती के वंषानुगत सज्जादानषीन एवं अजमेर दरगाह के धर्म प्रमुख दरगाह दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने कहा कि कष्मीर मे बिगड़ते माहौल के लिये हुर्रियत की अलगावादी नीति और जाकिर नायक जैसे इस्लामिक स्काॅलरों की विचार धारा जिम्मेदार है। घाटी में यह तत्व अपने निहित स्वार्थों को पूरा करने के लिए अशांति पैदा करने पर आमादा हैं और वे निर्दोष जिंदगियों के साथ खेल रहे हैं।
दरगाह दीवान ने मंगलवार को ख्वाजा साहब के धर्मगुरू हजरत ख्वाजा उस्मान हरवनी के उर्स के समापन के बाद जारी ब्यान मे कहा कि कि हुर्रियत काॅन्फेस नौजवानों की लाशों पर राजनीति करने में दिलचस्पी रखती हैं कष्मीर के मौजूदा हालात इसकी परिणिती के रूप सामने आने लगे है कि जब कष्मीर का पढ़ा लिखा मुस्लिम नौजवान आलगाववादियों की विचारधारा से प्रभावित होकर हिंसा पर उतारू है। कश्मीर में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने तथा आगे बेकसूर जिंदगियों की क्षति और सार्वजनिक एवं निजी संपत्तियों के नुकसान को रोकने के लिए लोगों का सहयोग की अपील करते हुऐ कहा कि कष्मीर मे शान्ति स्थापित करने के लिये भटकाव वाली विचारधारा का विरोध कष्मीर के मुस्लिम धर्म गुरूओं को खुलकर करना होगा।
उन्होने साफ कहा कि इस्लामिक स्काॅलर जाकिर नायक जैसे लोग धर्म के नाम पर कट्टरता फैला रहे हैं वो कितना भी कहे कि वो ये सब धर्म के लिए कर रहे हैं आखिर में गलत ही साबित होते हैं। उन्होंने आगे कहा कि अगर ऐसे लोग मजहब को फॉलो कर रहे होते तो प्यार-मुहब्बत की बात करते, क्योंकि मजहब तो यही सिखाता है। इस तरह के लोग इस्लाम की अपने हिसाब से व्याख्या करके मुस्लिम षिक्षित नोजवानों को भटकाव की राह पर धकेल रहे है जिसका नतीजा कष्मीर में फेल रही हिंसात्मक गतिविधियों में शामिल मुस्लिम युवकों के रूप मे सामने आ रहा है।
दरगाह दीवान ने कहा कि कश्मीरी नौजवान अलगाववादियों से पूछें कि अगर जिहाद और कश्मीर की आजादी के लिए बंदूक उठाना जरूरी है तो फिर वे क्यों अपने बच्चों को बंदूक नहीं थमाते उनके अपने बच्चे तो मलेशिया, कनाडा और अमेरिका में हैं और कइयों के बच्चे दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु में रहकर या तो पढ़ाई कर रहे या फिर बहुराष्ट्रीय कम्पनियों में नौकरियां। वह सिर्फ दूसरों के बच्चों को ही उकसाते हैं। जब भी कश्मीर कोई नौजवान मरता है तो अलगाववादी उसे हीरो बताकर दुसरे युवाओं को भी उसी रस्ते पर चलने को कहते हैं।
उन्होने कष्मीर की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुऐ कहा कि कश्मीर घाटी में पिछले कुछ सालों से देखा जा रहा है कि अमरनाथ यात्रा आरम्भ होती है तो उसी समय अलगावादी संगठन हिंसा पर उतर आते हैं, लेकिन यह जानते हुए भी जम्मू-कश्मीर सरकार कानून व्यवस्था को बहाल रखने के लिए कोई अग्रिम नीति नहीं बना पाती, जिससे घाटी के हालात बाद से बदतर हो जाते हैं। कश्मीर के युवाओं में गुस्सा और बगवात है लेकिन उन्हें समझना पड़ेगा कि किसी भी समस्या का हल बन्दूक उठाना नहीं है।
उन्होने भारत सरकार को विष्वास दिलाया कि समुचे देष का मुसलमान सरकार के साथ खड़ा है केन्द्र सरकार अलगाववादियों के खिलाफ निर्णयक लड़ाई आरम्भ करे क्योंकि अब देष हित में कड़े से कड़ा कदम उठाऐ जाने का समय आ चुका है चुंकि कष्मीर ही इस देष मे पनप रहे आतंकवाद की बुनियाद रहा है।
दरगाह दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान
वंषानुगत सज्जादानषीन एवं अजमेर दरगाह के धर्म प्रमुख
सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिष्ती द्वारा जारी

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