भारतीय संस्कृति के अनुरुप कला का प्रदर्शन किया स्कूली बच्चों ने

IMG-20160724-WA001123 जुलाई को अजमेर के भगवानगंज स्थित शहीद अविनाश माहेश्वरी विद्या निकेतन में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का समापन समारोह हुआ। इस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर प्रदेश की महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री अनिता भदेल उपस्थित थी। वहीं अतिथि के तौर पर मेरे सहित राजकीय पृथ्वीराज चौहान महाविद्यालय के प्रो निसार अहमद मदनी व एस के अरोड़ा उपस्थित रहे। समापन समारोह में स्कूली बच्चों ने भारतीय संस्कृति के अनुरुप कला का प्रदर्शन किया। समारोह के आरंभ में कार्यशाला के संयोजक प्रमोद शर्मा ने बताया कि यह कार्यशाला केन्द्रीय संस्कृति मंत्रालय और विद्या भारती संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में हुई। दो दिवसीय कार्यशाला में अजमेर शहर की विभिन्न स्कूलों के छह सौ विद्यार्थियों ने भाग लिया। कार्यशाला में प्रियंका शर्मा, प्रीति शर्मा, अलका शर्मा, संजय शर्मा, संजय सेठी, उमेश चौरसिया, अंकित, भवानी कुशवाह, भगवान जोशी, नीलम शर्मा, मृदुला चौरसिया, मीना वर्मा, श्यामनारायण माथुर आदि ने बच्चों को नृत्य, चित्रकला, लोककला, नाटक, निबंध, संगीत आदि के गुर सिखाए। सभी विद्यार्थियों को भारतीय संस्कृति के अनुरुप जीने की कला भी बताई गई। समारोह में श्रीमती भदेल ने कहा कि एनजीओ जो कार्यक्रम करते है उन पर मुझे शर्म आती है। हाल ही में उनके विभाग में स्किल डवलपमेंट से संबंधित एक दस दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। एनजीओ के माध्यम से इस कार्यशाला में मात्र 30 युवाओं ने भाग लिया। एनजीओ ने जो बिल प्रस्तुत किया उसमें दस हजार रुपए की आइसक्रीम का उपयोग बताया गया। उन्होंने कहा कि तथाकथित एनजीओ सरकारी धन का दुरुपयोग करते है। लेकिन वहीं दूसरी ओर विद्या भारती जैसे संस्थान है जो बहुत कम खर्च में कार्यशालाएं आयोजित करते है। इस दो दिवसीय कार्यशाला में स्कूली बच्चें अपने घरों से खाने का टिफिन लाए है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कार्यशाला कितनी प्रभावी रही है।
समारोह में मैंने कहा कि अब हालात ऐसे हो गए है कि भारतीय संस्कृति को सिखाने और बताने के लिए भी कार्यशालाएं आयोजित करनी पड़ रही है। आजादी के बाद देश में जो शिक्षा नीति लागू की गई उसी का परिणाम है कि हम हमारे संस्कृति और परंपरा से दूर होते चले गए। अब विद्या भारती ने यह बीड़ा उठाया है तो बात आगे तक जाएगी। मैंने कहा कि यदि हम खासकर युवा पीड़ी भारतीय संस्कृति के अनुरुप जीवन यापन करे तो कभी भी जीवन में कठिनाई नहीं होगी। आज हम समाज में जो बुराईयां देख रहे है उसका कारण भी भारतीय संस्कृति को भूलना है। मैंने कहा कि जिस प्रकार टीवी और इंटरनेट संस्कृति युवाओं को बिगाड़ रही है उसमें अभिभावकों का यह दायित्व है कि वे सर्तक रहे।
अतिथियों का सम्मान :
समारोह की शुरूआत में उद्योगपति गोपाल चोयल ने सभी अतिथियों का सम्मान किया। चोयल स्कूल की प्रबंध समिति के अध्यक्ष भी है। कार्यशाला को सफल बनाने में सचिव जिनेन्द्र आदि की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही।
(एस.पी. मित्तल) (23-07-2016)
(www.spmittal.in) M-09829071511

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