कृषि कनेक्शनों के अनाधिकृत बढे भार की घोषणा कर नियमित कराएं

योजना 30 नवम्बर, 2016 तक
avvnl thumbअजमेर, 07 सितम्बर। कृषि क्षेत्रा में विद्युत आपूर्ति की गुणवत्ता में वृद्धि और राजस्व हानि को रोकने के लिये प्रदेश के कृषि उपभोक्ताओं को सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से विद्युत वितरण निगमों द्वारा “स्वैच्छिक भार वृद्धि घोषणा योजना“ को लागू करने का निर्णय लिया है। योजना को 1 जुलाई, 2016 से 30 नवम्बर, 2016 तक की अवधि के लिए लागू किया गया है। योजना अवधि की समाप्ति के उपरान्त भार सत्यापन के लिये विशेष जांच अभियान चलाया जायेगा।

ऊर्जा राज्य मंत्राी श्री पुष्पेन्द्र सिंह ने बताया कि प्रदेश के कृषि उपभोक्ताओं के हितों को देखते हुए योजना को एक जुलाई, 2016 से लागू किया गया है। इस अवधि के दौरान उपभोक्ताओं की बढे हुए भार की भरी गई वी.सी.आर. का निस्तारण इस योजना के प्रावधानों के अनुसार कर बढे हुए भार को नियमित कर दिया जाएगा।

“स्वैच्छिक भार वृद्धि घोषणा योजना“ के अन्तर्गत उन कृषि उपभोक्ताओं का जिनके कनेक्शन को एक वर्ष से अधिक समय हो गया है यदि विद्युत भार बढा हुआ पाया जायेगा तो उनसे कोई पैनल्टी राशि नहीं ली जायेगी एवं मात्रा धरोहर राशि (15 रुपए प्रति हार्स पावर प्रति माह की दर से दो माह के लिए) जमा करवा कर भार को नियमित कर दिया जायेगा। इसके साथ ही जिन कृषि उपभोक्ताओं के कनेक्शनों को एक वर्ष की अवधि नहीं हुई है वे भी इस योजना का लाभ ले सकते है किन्तु इसके लिये उन्हें धरोहर राशि के अतिरिक्त रूपये 2500/- प्रति हार्स पावर (अतिरिक्त बढे भार पर) देने होंगे।

कृषि उपभोक्ता जिनके कृषि कनेक्शनों को एक वर्ष से अधिक समय हो गया है अथवा जिनके कृषि कनेक्शनों को एक वर्ष की अवधि नहीं हुई है और वे इस योजना का लाभ नहीं उठाते हैं तो उक्त योजना की अवधि समाप्ति पर चैकिंग के दौरान उनका भार स्वीकृत भार से अधिक पाये जाने पर ऐसे उपभोक्ताओं से बढे हुये भार पर नियमानुसार राशि वसूल की जाएगी।

योजना अवधि में योजना का लाभ उठाने वाले कृषि उपभोक्ताओं के लिये आवश्यक होने पर ट्रांसफाॅर्मर क्षमता वृद्धि व नई 11 के.वी. लाईन डालने एवं सब-स्टेशन का खर्च विद्युत वितरण निगमों द्वारा वहन किया जायेगा। ऐसे कृषक जो उसी कुएं पर दूसरी मोटर लगाकर भार वृद्धि करते हैं अथवा दूसरे कुएं पर जो उसी खसरा/खेत/परिसर/मुरब्बा में हों, दूसरी मोटर चलाने के लिये भार बढाते है तो उन्हें इस योजना का लाभ नहीं दिया जायेगा।

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