विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास ही शिक्षा की सफलता -प्रो. देवनानी

कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों की खेलकूद प्रतियोगिता का समापन
8ed3f17f-b992-4e5b-9d5b-cbb35a34308cअजमेर 16 सितम्बर। शिक्षा राज्य मंत्राी प्रो. वासुदेव देवनानी ने कहा कि शिक्षा की सफलता तभी मानी जा सकती है जब वह विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करे। शिक्षा के साथ ही खेलकूद का भी पर्याप्त महत्व है। एक स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है। उन्होंने बालिकाओं से कहा कि वे मन लगाकर पढ़े और खेलों को भी पर्याप्त महत्व दें। हाल ही में सम्पन्न हुए ओलम्पिक खेलों में बेटियों ने मेडल जीत कर देश का नाम रोशन किया है।
शिक्षा राज्य मंत्राी प्रो. देवनानी ने आज तबीजी में कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों की खेलकूद प्रतियोगिता के समापन के अवसर पर यह बात कही। उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ साथ खेल भी जीवन का अभिन्न अंग है। स्वास्थ्य के लिए खेलों का महत्व सर्वाधिक है। बचपन में डाली गई स्वस्थ जीवन की नीव ही भविष्य में सशक्त बालक-बालिकाओं का आधार बनती है। खेलों का विकास स्कूल स्तर से ही संभव है।
प्रो. देवनानी ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में स्कूली स्तर पर खेलांे के विकास के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार कर रही है। राजस्थान में अगला शैक्षणिक सत्रा खेल वर्ष के रूप में मनाया जाएगा। मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुन्धरा राजे भी चाहती है कि राजस्थान शिक्षा के साथ ही खेलों के क्षेत्रा में भी तरक्की करें। इसके लिए स्कूली स्तर पर प्रतिभावान खिलाड़ियों को तराशने का काम शुरू किया जाएगा।
शिक्षा राज्य मंत्राी ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा के विकास के लिए भी पूरी तन्मयता से कार्य कर रही है। प्रदेश में पांचवी एवं आठवी कक्षाओं में जिला स्तर पर परीक्षाओं का प्रचलन फिर शुरू किया गया है ताकि स्कूलों में पूरी गम्भीरता के साथ पढ़ाई हो सकें। राजस्थान को बेहतर विद्यार्थी एवं बेहतर खिलाड़ी देने के लिए शिक्षा विभाग पूरी गम्भीरता के साथ कार्य कर रहा है।
उन्होंने शिक्षकों का आह्वान किया कि राज्य सरकार के प्रयासों में कन्धे से कन्धा मिलाकर सहयोग करें ताकि राजस्थान शीघ्र अग्रणी प्रदेशों की श्रेणी में खड़ा हो सकें। उन्होंने कहा कि सरकार और शिक्षकों के समन्वित प्रयासों का ही परिणाम है कि प्रदेश में पिछले दो सालों में 15 लाख नामांकन बढ़ा है। सरकार ने शिक्षकों की समस्याओं के समाधान के लिए भी हर संभव प्रयास किया है।
शिक्षा मंत्राी ने बालिकाओं से कहा कि आप अनुशासित और पूरी लगन से कार्य करती हों । आप मेहनत करों और आगे बढ़ों। उन्होंने हाल ही ओलम्पिक में पदक जीतने वाली पी.वी.सिन्धु, साक्षी मलिक और पैरालम्पिक में पदक जीतने वाली दीपा मलिक का उदाहरण देते हुए कहा कि बालिकाएं आज किसी से कम नही है। हर क्षेत्रा में उनका परचम फहरा हुआ है। उन्होंने कस्तूरबा आवासीय विद्यालय और शारदे छात्रावासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि बालिका शिक्षा को इन संस्थानों से मजबूती मिलेगी।
प्रो. देवनानी ने विभिन्न खेलकूद और सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में पदक जीतने वाली बालिकाओं को पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया। कार्यक्रम में पीसांगन प्रधान श्री दिलीप पचार सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

पुस्तकालयों में चलाया जाएगा सदस्यता अभियान – प्रो. देवनानी
मण्डल पुस्तकालय में हिन्दी दिवस पखवाड़ा का समापन
शिक्षा राज्यमंत्राी ने किया विजेताओं को पुरूस्कृत

अजमेर 16 सितम्बर। शिक्षा राज्यमंत्राी प्रो. वासुदेव देवनानी ने कहा कि विद्यार्थियों में ज्ञान अर्जन की क्षमता विकसित करने के लिए उनमें पढ़ने की आदत को बढ़ावा देना होगा। राज्य सरकार एवं विभिन्न संस्थाओं द्वारा स्थापित पुस्तकालयों में बड़ी संख्या में उपयोगी पुस्तकें संकलित है। इन पुस्तकों तक आमजन एवं विद्यार्थियों की पहुंच बढ़ाने के लिए प्रदेश में पुस्तकालय सदस्यता अभियान चलाया जाएगा।
शिक्षा राज्यमंत्राी प्रो. देवनानी ने आज तोपदड़ा स्थित राजकीय मण्डल पुस्तकालय में हिन्दी दिवस पखवाड़ा समापन पर विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरण किया। उन्होंने कहा कि राज्य में सरकार एवं विभिन्न संस्थाओं द्वारा संचालित पुस्तकालयों में बड़ी संख्या में पुस्तकें रखी हुई है। जरूरत है इन उपयोगी पुस्तकों को उनके जरूरतमंद पाठकों तक पहुंचाने की। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा संचालित पुस्तकालयों के लिए जल्द ही सदस्यता अभियान शुरू किया जाएगा ताकि ज्यादा से ज्यादा पाठकों को इससे जोड़ा जा सके।
उन्होंने कहा कि पुस्तकों का मनुष्य के जीवन में बड़ा महत्व है। पुस्तकें व्यक्ति की सर्वश्रेष्ठ मित्रा तो है ही, साथ ही यह ज्ञान अर्जन में भी सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। देश के लिए ज्ञानवान और सुयोग्य नागरिक तैयार करने के लिए आवश्यक है कि हम अपने बच्चों में पढ़ने की आदत विकसित करें। विद्यार्थी जितना अधिक पढ़ेंगे उतना ही आगे बढ़ेंगे।
प्रो. देवनानी ने कहा कि हिन्दी सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली भाषा है। यहां तक कि विदेशों से भारत में आकर व्यापार करने वाली बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को भी अपने उत्पाद बेचने के लिए हिन्दी में ही विज्ञापन जारी करने पड़े। हमें हिन्दी भाषा पर गर्व है और हमें इसके लगातार संवर्द्धन के लिए प्रयास करते रहना चाहिए। उन्होंने अजमेर में पुस्तकालय विकास के लिए 70 लाख रूपए का बजट जारी करने की घोषणा भी की।
कार्यक्रम को भाषा एवं पुस्तकालय विभाग की निदेशक श्रीमती चित्रा गुप्ता ने भी संबोधित किया। उन्होंने विभाग द्वारा किए जा रहे विभिन्न कार्यों की जानकारी दी। कार्यक्रम में हिन्दी भाषा पखवाडे के तहत आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को भी पुरूस्कृत किया गया।

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