दायित्व बोध से करें कार्य – प्रो. सांवर लाल जाट

sanwar lal jat 7अजमेर, 27 अक्टूबर। अजमेर सांसद एवं राज्य किसान आयोग के अध्यक्ष प्रो. सांवर लाल जाट ने कहा कि समस्त विभागीय अधिकारियों को दायित्व बोध के साथ कार्य करने चाहिए। जिससे की अवसंरचना और मानव विकास में सुधार तथा जन कल्याण के लिए सरकार द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों का लाभ पात्रा व्यक्ति तक पहुंच सके।
प्रो. जाट गुरूवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयेजित जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिले के प्रभावी और समयबद्ध विकास के लिए संसद, विधानसभा एवं स्थानीय निकायों के निर्वाचित प्रतिनिधियों के मध्य बेहतर समन्वय के साथ कार्य किया जाना चाहिए। जिले की प्रशासनिक मशीनरी तथा जनप्रतिनिधियों के बीच तालमेल एवं संकेद्रण को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। बैठक में संसदीय सचिव सुरेश सिंह रावत, केकड़ी विधायक शत्राुघ्न गौतम तथा जिला कलक्टर गौरव गोयल ने उपस्थित अधिकारियों को सौंपी गई जिम्मेदारियों को समयबद्ध तरीके से पूर्ण करने के लिए आवश्यक निर्देश प्रदान किए।
उन्होंने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि गारंटी अवधि के दौरान सड़क का सम्पूर्ण मरम्मत ठेकेदार द्वारा समय-समय पर की जानी चाहिए। लम्बे समय तक मरम्मत नहीं करने वाले ठेकेदारों के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही करते हुए उन्हें ब्लेक लिस्टेड किया जाना चाहिए। जिले की गांरटी अवधि मे ंआने वाली सड़कों के मरम्मत की प्रभावी माॅनिटरिंग के लिए उनकी सूची पंचायत समितिवार प्रधान एवं विकास अधिकारी को उपलब्घ करवायी जाएगी। साथ ही एक माह के भीतर जिले की समस्त सड़कों की एकीकृत रिपोर्ट तैयार करके समिति को उपलब्ध करवायी जाएगी। जेठाना बाईपास के संबंध में भूमि अवाप्ति के कार्य में तेजी लाकर शोसियल इम्पेक्ट के मध्यनजर 15 दिनों में पूर्ण करें। केकड़ी में निर्माधाधीन चिकित्सालय की गुणवत्ता उच्च श्रेणी की रखते हुए निश्चित समयावधि में कार्य पूर्ण करें। माडा योजना के अन्तर्गत निर्मार्णाधीन छात्रावासों को बीसलपुर योजना का पानी उपलब्ध करवाने के लिए जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करने के निर्देश प्रदान किए।
उन्होंने निर्देशित किया कि जिले की क्षतिग्रस्त सड़कों की समय पर मरम्मत की जाए। जेठाना -दौलतखेड़ा, खरवा-भीलवाड़ा, डूमाड़ा, पीसांगन -करनोस सड़कों को प्राथमिकता से ठीक किया जाए। मांगलियावास-रास सड़क पर चलने वाले ओवरलोडिड वाहनों पर अंकुश लगाया जाकर सड़क को सही किया जाए। जिले की लगभग एक हजार किलोमीटर नाॅन पैचेबल सड़कों को ठीक करवाने के लिए राज्य सरकार के पास प्रस्ताव भिजवाए जाएंगे। वर्तमान में जिले की लगभग 200 किलोमीटर नाॅन पैचेबल सड़कों को मरम्मत करने का कार्य प्रक्रिया में तेजी लाए जाए।
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी नरेगा के माध्यम से निर्मित होने वाले सीसी सड़कों तथा सिमेन्टेड ब्लाॅक सड़कों का कार्य जिले के समस्त विधानसभा क्षेत्रों में समानुपात में करवाए जाए। ग्राम पंचायत के माध्यम से 5 लाख की सीमा तक के कार्य करवाने के लिए ठेका फर्मों का पंजीयन पंचायत समिति स्तर पर बड़े स्तर पर किया जाए। ग्रामीणों को लाभान्व्ति करने के लिए पक्के कार्यों को समय पर आरम्भ करने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए निविदा प्रक्रिया में तेजी लाए जाने की आवश्यकता है। इसके अन्तर्गत जिले को आंवटित सम्पूर्ण राशि का उपयोग किया जाना चाहिए। जिले में वित्तीय वर्ष 2015-16 के दौरान 125.03 लाख के विरूद्ध 127.59 लाख मानव दिवस सृजित कर 102.04 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किया गया। वहीं वर्तमान वित्तीय वर्ष में अक्टूबर माह तक 117.84 प्रतिशत की उपलब्धि प्राप्त हुई और 83.64 लाख मानव दिवस सृजित किए गए। इस वर्ष अब तक लगभग 14692 लाख का व्यय किया गया है। जिले के 395983 पंजीकृत श्रमिकों मे से 349132 श्रमिकों का आधार कार्ड से फीडिंग किया गया है जो 88.17 प्रतिशत है। जिले की 282 ग्राम पंचायतों मे से 166 ग्राम पंचायतों में माॅडल तालाब निर्माण के लिए स्वीकृति जारी की गई है और 126 कार्य आरम्भ करके 11 कार्य पूर्ण किए गए है।
उन्होंने दीनदयाल उपाध्याय अन्त्योदय योजना एवं अन्य योजनाओं की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए की स्वयं सहायता समूह के गठन के लिए स्थानीय प्रशिक्षित बीआरएलपीएस का अधिकतम उपयोग किया जाए। जिले में केकड़ी, पीसांगन तथा सिलोरा ब्लाॅक में 1380 स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है। इनमे से 1091 समूहों को 15-15 हजार सक्रिय निधि जारी की गई है। सामूदायिक निवेश निधि 565 समूहों को प्रति समूह एक लाख 10 हजार की राशि उपलब्घ करवायी गई है और 309 समूहों का बैंक से क्रेडिट लिंकेज करवाया गया है।
उन्होंने कहा कि जिले के समस्त राजकीय छात्रावासों की व्यवस्था, भैतिक एवं मानवीय संसाधन तथा पढ़ाई के गुणवत्ता के बारे में जांच करके विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाए। अन्तर्जातीय विवाह योजना के अन्तर्गत जिले में इस वित्तीय वर्ष के दौरान 52 युगलों को 130.5 लाख की राशि उपलब्ध करवायी गई। इसी प्राकर अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2015-16 में 69 पीड़ितों को 44.57 लाख की आर्थिक सहायता उपलब्ध करवायी गई। गाड़िया लौहारों को स्थायी निवास उपलब्ध करवाने के लिए स्थानीय सरपंच के द्वारा सर्वे करवाकर जरूरतमंद परिवारों को सूचीबद्ध करके लाभान्व्ति करवाना चाहिए। राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित करने के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा पंचायत समिति स्तर पर कैम्प लगाकर जागरूकता पैदा करने के साथ ही आवेदन भरवाए जाने चाहिए। पेंशन संबंधी आवेदनों को विकास अधिकारी के माध्यम से स्वीकृत करवाकर लाभान्वित किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्राी श्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा वर्ष 2022 तक सभी को आवास उपलब्ध करवाने के संकल्प को पूर्ण करने के लिए आरम्भ की गई प्रधानमंत्राी आवास योजना ग्रामीण का लाभ सामाजिक आर्थिक एवं जातिगत जनगणना 2011 के अनुसार पात्रा व्यक्तियों तक पहुंचाया जाना चाहिए। वे ग्रामीण जो आवासहीन, कच्चा आवास में निवास करते है। उन्हें पक्के आवास निर्माण के लिए एक लाख 20 हजार की सहायता राशि उपलब्ध कराने के साथ ही महात्मा गांधी नरेगा से 90 अकुशल श्रमिक मानव दिवस भी उपलब्ध करवाए जाने चाहिए। स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत शौचालय निर्माण के लिए 12 हजार की प्रोत्सहान राशि भी लाभार्थी को मिलेगी। लाभार्थी द्वारा आवश्यकता अनुभव करने पर बैंक के माध्यम से 70 हजार का आवास ऋण भी उपलब्ध करवाया जाना चाहिए। जिले में 41 हजार 635 परिवारों को प्रधानमंत्राी आवास योजना ग्रामीण के लिए ग्राम सभा के अनुमोदन के प्श्चात चिन्हिकृत किया गया। आवाससोफ्ट पर अपलोड सूची के अनुसार 22 हजार 780 परिवार पात्रा पाए गए। इनमें से वर्ष 2016-17 के दौरान कुल 2 हजार 884 परिवारों को आवास उपलब्ध करवाने का लक्ष्य आवंटित किया गया और 1177 परिवारों के आवेदन पत्रा भरवाए गए है।
उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत निर्मित शौचालयों की बकाया प्रोत्साहन राशि शीघ्र जारी की जाए। ग्राम सेवक के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाए की मिशन के अन्तर्गत निर्मित शौचालयों की राशि से कोई परिवार वंचित नहीं रहे। जिले की समस्त ग्राम पंचायते 10 अक्टूबर तक खुले में शौच से मुक्त घोषित की जा चुकी है। इनमें 2012 के बेस लाइन सर्वे के अनुसार लक्षित 28 लाख 4 हजार 397 परिवारों के लिए शौचालय निर्मित किए गए।
राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के माध्यम से जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा जिले की समस्त बसावटों को बीसलपुर योजना से जोड़ने के संबंध में जलदाय विभाग द्वारा रिपोर्ट तैयार करवायी जाएगी। यह रिपोर्ट पंचायत समिति की बैठकों में जन प्रतिनिधियों के द्वारा दिए गए सुझावों को सम्मिलित करते हुए बनायी जाएगी। मुख्य मंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के प्रथम चरण में 43 ग्राम पंचायतों के 108 गांवों में पूर्ण 4 हजार 473 कार्यों का वैरिफीकेशन करने के लिए निर्देश प्रदान किए।
डिजीटल भारत भूअभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम के अन्तर्गत अजमेर जिले की 4 तहसीलों अजमेर, पुष्कर, पीसांगन एवं नसीराबाद के राजस्व रिकाॅर्ड को सैटमेन्ट विभाग दुरूस्त करने के प्रश्चात ही डिजीटिलीकृत करने के निर्देश प्रदान किए गए।
प्रधानमंत्राी फसल बीमा योजना के अन्तर्गत काश्तकारों को फसल खराबे का मुआवजा दिलवाने पर चर्चा की गई। राजस्व विभाग द्वारा फसल कटाई प्रयोग की रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसके आधार पर राजस्व मण्डल द्वारा संकलित रिपोर्ट बनेगी। इस रिपोर्ट के आधार पर बीमा कम्पनी द्वारा मुआवजा प्रदान किया जाएगा।
इस अवसर पर विभिन्न पंचायत समितियों के प्रधान, समिति के मनोनीत सदस्य, पूर्व जिला प्रमुख सीमा माहेश्वरी, पुष्कर नगर पालिका अध्यक्ष कमल पाठक, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कमल राम मीना, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय माथुर सहित समस्त विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

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