अजमेर, 4 नवम्बर। शिक्षा राज्य मंत्राी प्र¨. वासुदेव देवनानी ने कहा है कि शिक्षा क्षेत्रा म विकास की अनिवार्यता है कि श¨ध एवं परिवर्तन क¨ इसमंे निरंतर जारी रखा जाए। उन्ह¨ंने विद्यालय¨ं म शिक्षण के अंतर्गत विद्या£थय¨ं क¨ ज्ञान संपन्न करने के साथ ही उन्ह विषय से जुड़ी भावनाओं से भी ज¨ड़े जाने पर ज¨र दिया। उन्ह¨ंने प्रदेश की शिक्षा म युगानुकूल किए गए परिवर्तनों की चर्चा करते हुए कहा कि हमने शिक्षा क¨ समाज परिवर्तन की संवाहक बनाते हुए गुणात्मक रूप म दिशानुकूल किया है। उन्ह¨ंने शिक्षा व्यवस्था म भावनात्मक और आध्यात्मिक तत्व¨ं क¨ आवश्यक बताते हुए कहा कि इसी से विद्यार्थी म नवीन ज्ञान का प्रभावी रूप म संप्रेषण ह¨ सकता है।
प्र¨.देवनानी आज यहां केशव विद्यापीठ, जामड¨ली म शैक्षिक अनुसंधान की प्रविधिय¦ं विषयक राष्ट्रीय कार्यशाला म बत©र मुख्य अतिथि संब¨धित कर रहे थे। उन्ह¨ंने शिक्षा म अनुसंधान क¨ अपनाए जाने के साथ ही र्तक आधारित ज्ञान का विकास किए जाने पर भी ज¨र दिया। उन्ह¨ंने कहा कि राजस्थान म पाठ्यक्रम परिर्वतन का र्काय तर्क आधार पर किया गया। हमने पाठ्यक्रम म 200 से अधिक वीर-वीरांगनाओं के इतिहास क¨ ज¨ड़ने का महत्ती र्काय किया ताकि नई पीढ़ी क¨ अपने देश के महापुरूष¨ं पर ग©रव ह¨ सके। उन्ह¨ंने विद्यालय¨ं म प्रार्थना सभा के द©रान ध्यान और य¨ग क¨ महत्ती बताते हुए कहा कि इससे विद्या£थय¨ं म सकारात्मक स¨च का विकास हुआ है। उन्ह¨ंने प्रदेश के विद्यालय¨ं म क से कबूतर की बजाय क से कम्प्यूटर, ख से खग¨ल और ग से गणेष पढ़ाए जाने की पहल करने, पढ़ाई म एसक्यू और ई-क्यू के समावेश से उसे संप्रेषणीय बनाने जैसे कदम¨ं क¨ महत्वर्पूण बताते हुए कहा समयानुकूल बदलाव से ही शिक्षा की सार्थकता है।
शिक्षा राज्य मंत्राी ने कहा कि बीएड के विद्यार्थियों के लिए 5 माह किसी विद्यालय म पढ़ाना अनिवार्य ह¨ता है परन्तु ह¨ता यह था कि उसका लाभ पहले वास्तवकि रूप म विद्यार्थियों क¨ और स्वयं बीएड अभ्यर्थी क¨ नह° मलिता था। हमने इस संबंध म संश¨धन किया और अब हर बीएड अभ्यर्थी क¨ राजकीय विद्यालय म पढ़ाना अनिवार्य कर दिया गया है। इसका लाभ यह ह¨ रहा है कि भावी शिक्षक का विद्यार्थियों से पहले से तारतम्य ही नह° हुआ है बल्कि राज्य सरकार क¨ भी 60 से 70 हजार शिक्षक विद्यालयों म पढ़ाने के लिए उपलब्ध ह¨ गए। उन्ह¨ंने समयानुकूल शिक्षा म इस तरह के परिवर्तन को अनिवार्य बताया।
उन्ह¨ंने ग्राम पंचायतांे म उत्कृष्ट एवं आदर्श विद्यालय¨ं की स्थापना, एक साथ 16 हजार समन्वित विद्यालय¨ं की पहल आदि की चर्चा करते हुए कहा कि राजस्थान म शिक्षा क्षेत्रा म अभूतर्पूव विकास से आने वाले समय की तस्वीर ही बदल जाएगी।
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद रहे शिक्षाविद् श्री महेशचन्द्र शर्मा ने शिक्षा क्षेत्रा म पंडित दिनदयाल उपाध्याय के य¨गदान की चर्चा करते हुए उनके एकात्म मानववाद के बारे म विस्तार से अवगत कराया। उन्ह¨ंने शिक्षा म श¨ध एवं अनुसंधान क¨ सतत जारी रखे जाने पर ज¨र दिया।
इस म©के पर केशव विद्यापीठ के श्री राजीव सक्सेना, श्री राजेन्द्र शर्मा, इन्दिरा ग¦ंधी नेशनल ओपन यूनिव£सटी के प्र¨. एन.सी.शर्मा, प्र¨. एस.के. त्यागी तथा प्राचार्य श्री अश¨क सिडानी ने राष्ट्रीय कार्यशाला के महत्व पर विचार रखे।