‘प्रसन्न’ ने आखिर पा ली मन की ‘खुशी’

एबेकस एण्ड मेंटल अर्थमेटिक इंटरनेशनल कॉम्पिटिशन में पाया प्रथम स्थान
राजस्थान का नाम दुनिया भर में किया रोशन

एसएमएस स्कूल जयपुर का छात्र प्रसन्न दिवान 21 वीं इंटरनेषनल व 13 नेषनल एबेकस एंड मेंटल अर्थमेटिक कॉम्पिटिषन 2016 की आठवीं एवं शीर्ष श्रेणी में फर्स्ट प्लेसिंग ट्रॉफी के साथ
एसएमएस स्कूल जयपुर का छात्र प्रसन्न दिवान 21 वीं इंटरनेषनल व 13 नेषनल एबेकस एंड मेंटल अर्थमेटिक कॉम्पिटिषन 2016 की आठवीं एवं शीर्ष श्रेणी में फर्स्ट प्लेसिंग ट्रॉफी के साथ
दुबई का हमदान स्पोर्टस कॉम्प्लैक्स जहां प्रतियोगिता हुई।
दुबई का हमदान स्पोर्टस कॉम्प्लैक्स जहां प्रतियोगिता हुई।
अजमेर, 21 नवम्बर। जयपुर के सवाईमान सिंह विद्यालय के सातवीं कक्षा के छात्र प्रसन्न दिवान ने हाल ही में दुबई में सम्पन्न ‘एबेकस एण्ड मेंटल अर्थमेटिक इंटरनेशनल कॉम्पिटिशन’ में प्रथम स्थान हांसिल पर दुनियाभर में राजस्थान का परचम फहराया है। आठ श्रेणियों वाली इस अन्तरराष्ट्रीय प्रतियोगिता के शीर्ष श्रेणी में अव्वल आना प्रसन्न का सपना था और वह उसने महज 12 वर्ष की नन्हीं सी उम्र में पूरा कर लिया; क्यूं कि प्रसन्न जो चाहता है; उसे पूरा करता है।
जानकारी के अनुसार प्रसन्न दिवान ने गत वर्ष भारत ( दिल्ली) में आयोजित इस अन्तरराष्ट्रीय प्रतियोगिता की छठी श्रेणी के रनरअप का खिताब जीता था। बकौल प्रसन्न की माता श्रीमती नीलम दिवान; तब से ही प्रसन्न ने इस प्रतियोगिता की शीर्ष श्रेणी में अव्वल आने का मन बना लिया था। दुबई के हमदान स्पोर्टस कॉम्प्लैक्स में 11 नवम्बर को सम्पन्न 21 वीं इन्टरनेशनल एण्ड 13 वीं नेशनल प्रतियोगिता 2016 में तकरीबन 57 देशों के 3000 से अधिक बच्चों के बीच प्रसन्न ने फर्स्ट प्लेसिंग अर्जित कर आखिर वह खुशी पा ही ली जिसे वह मन से चाहता था। उन्होंने बताया कि प्रसन्न में लगन है। जो वह चाहता है; वह करता है। इस साल स्टेट लेवल पर प्रसन्न इस प्रतियोगिता का चैम्पियन रहा। उसने इसकी तैयारी तब की जबकि उसके एसए वन के एक्जाम्स सिर पर थे।
श्रीमती नीलम ने बताया कि दरअसल वह यह ट्राफी अपने पिता स्वर्गीय राजेश दिवान को समर्पित करना चाहता था और उसने यह कर दिखाया। प्रसन्न ने अपने स्कूल की पढ़ाई के साथ गणित, विज्ञान, कम्प्यूटर, फ्रेंच जैसे जटिल विषय से जुड़े नेशनल व इंटरनेशनल ऑलम्पियाड कॉम्पिटिशनों में भी सिल्वर व गोल्ड मैडल जीते हैं। इस प्रतियोगिता में प्रथम आने की गंभीरता और अहमियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बच्चों को 8 मिनट में 200 सवाल हल करने होते हैं। इन प्रश्नों में अनेक जटिल ही होते हैं।
उन्होंने बताया कि प्रसन्न अब इस प्रतियोगिता के पोस्टग्रेज्युएट श्रेणी जिसे ग्रेंड लेवल कहते हैं देने की इच्छा रखता है। जिसकी वह तैयारी कर रहा है। प्रसन्न शुरू से ही स्वयं अध्ययनशील है। वह किसी तरह की ट्यूशन में विश्वास नहीं करता। यह बात अलग हेै कि उसकी बहन इशिता दिवान जो स्वयं एमबीबीएस छात्रा है प्रसन्न की पढ़ाई में उलझन सुलझा देती है। वैसे प्रसन्न को पढ़ाई के अतिरिक्त बास्केट बाल खेलना, अंग्रेजी न्यूज पेपर पढ़ना, स्पोर्टस में क्रिकेट के प्रति रुचि रखना, महापुरुषों की बायोग्राफी पढ़ना काफी अच्छा लगता है। गौरतलब है कि प्रसन्न का अजमेर से बेहद नजदीकी रिष्ता है। प्रसन्न का ननिहाल अजमेर में है। मित्तल हॉस्पिटल एंड रिसर्च संेटर के संरक्षक एम एल मित्तल प्रसन्न दिवान के नाना है।

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