एक वारन्टी गिरफ्तार

apradh samacharपुलिस थाना गंज में द्वारा न्यायालय ए.सी.जे.एम.02 अजमेर द्वारा जारी गिरफ्तारी वारण्ट में मनीष राव पुत्र नारायण दास जाति राव उम्र 25 साल नि. गली न. 03 श्यामनगर फॉयसागर रोड अजमेर को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेष किया गया।

चोरी का मुकदमा दर्ज
पुलिस थाना अलवर गंेट मंे पुलिस अधीक्षक जिला अजमेर के निर्देशो की पालना मे हरिपाल सिह थानाधिकारी ने बताया कि दिनांक 26.1116 को माननीय न्यायालय न्यायिक मजिस्टेªट संख्या 6, अजमेर से जरिये डाक इस्तगासा परिवादी फूल चन्द चन्द स्व. श्री घीसा जी, जाति रावत, निवासी ए0एम0सी0 नम्बर 428/29, रावत मौहल्ला, कल्याणीपुरा अजमेर का इस आश्य का प्राप्त हुआ कि न्यायालय न्यायिक मजिस्टेªट संख्या 6, अजमेर, प्रकरण संख्या / फूल चन्द चन्द स्व. घीसा जी, जाति रावत, निवासी ए0एम0सी0 नम्बर 428/29, रावत मौहल्ला, कल्याणीपुरा अजमेर। परिवादी बनाम बन्ना सिंह पुत्र बज्जा सिंह आयु 67 वर्ष, जाति रावत निवासी ए0एम0सी0 नम्बर 429/29, रावत मौहल्ला, ग्राम कल्याणीपुरा, अजमेर। अभियुक्त परिवाद अन्तर्गत धारा 385,389,323,337,448,451,506 भा0द0स0 माननीय न्यायालय से परिवादी की ओर से निवेदन है कि:- 1 यह कि परिवादी अपनी पत्नि व 2 बच्चों के साथ उपरोक्त वर्णित पते पर निवास करता है तथा पिरवादी दिन दिहाडी मजदूरी करके अपना व अपने परिवार का पालन पोषण करता है। 2 यह कि परिवादी के पडौस में परिवादी क मकान से सटाकर स्थित मकान में परिवादी का दूर का रिश्तेदार अभियुक्त बन्ना सिंह का मकानि है, तथा अभियुक्त तथा उसके परिवारवाले परिवादी व उसके परिवार से आरम्भ से ही ईर्श्याभाव व दुश्मनी रखते है, और अभ्यिुक्त व उसके परिवारवालों काफी पैसें वाले व्यक्ति और पैसों के बल पर परिवादी को मकान को येन करने तरीके से खदीदना चाहता हे, क्योंकि परिवादी के मकान में आने जासने के लिए जो नाल (सिढिया) कॉमन है, जिसका परिवादी व बन्ना सिंह का परिवार सामूहिक रूप से उपयोग में लेते है, तथा अभियुक्त ने परिवादी के दूसरें रिश्तेदारों के मकान खरीद लिये है, तथा अब वह परिवादी का मकान खरीदना चाहता है, और इसी के तहत अभियुक्त द्वारा परिवादी पर दो साल पहले एक दीवारी मुकदमा सिढियों को हडपने बाबत किया ािा, और परिवादी के पूरे मकान पर यथास्थिति मांगी थी, उसका स्टे प्रार्थना पत्र माननीय न्यायालय ् सिविल न्यायाधीश पूर्व अजमेर द्वारा दिनांक 18.01.2016 को खारिज कर दिउया गया है, और उक्त अस्थाई निषेधाज्ञा प्रार्थना पत्र खारिज होने के बाद से ही अभियुक्त का व्यवहार बडा उम्र हो गया है, और उसी दिन से परिवादी व उसके परिजनों को ऐलानिया धमकियां दे रहा है कि मैं यह मकान और सिढिया लेकर रहूंगा चाहे मुझे कुछ भी करना पडे और मेरे घर में 4-5 पैसे कमाने वाले है, और मैं तुझे व मेरे परिवार को जान से खत्म करके रहूंगा और इसके पश्चात् आये दिन परिवादी व उसके परिवाद के साथ मारपीट करने लगा है। 3 यह कि परिवाद व उसका परिवाद गरीब होने के कारण सब कुछ सहन कर चुपचाप रह गया। जिससे अभियुक्त की हिम्मत ओर बढ गई, और अभियुक्त व उसकी पत्नि आये दिन झूंठी चोरी की शिकायतते थाने में लिखवाते रहे और येनकेन परिवादी व उसके परिवार का जीना दुष्वार कर दिया है, और जब दिनांक 24.08.2016 को न्यायालय में दीवारी मुकदमें की तारीख पेशी थी, तो उस दिन अभियुक्त व उसकी पत्नि ने पूर्व नियोजित षडयंत्र रचकर परिवादी व उसके बच्चों तथा परिवादी के घर में 2 कि0मी. दूर परहनें वाले परिवादी के भाई बीरम सिंह, उसके पुत्र सूरज सिंह, चांद सिंह तथा ताराचंद सिंह के विरूद्ध एक षडयंत्र रचकर निहायती झूठी शिकायत पुलिस अधीक्षक महोदय, अजमेर के यहां उपस्थित होकर दर्ज करवाई, जबकि उक्त् दिनांक को परिवादी के रिश्तेदार अपने अपने घर पर थे, और उसमें से सूरज सिंह तो रामदेवरा पोकरण, जैसलमेर के दर्शन यात्रा पर गया हुआ था। जब उक्त शिकायत बाबत परिवादी द्वारा बन्ना सिंह से बात की तो अभियुक्त ने परिवादी को धमकाते हुए कहा कि मैंने पुलिस थानें में 50,000/- रूपये दिये है वो तेरी कुछ नहीं सुनेगें। और अगर तूं वहां आया तो तुझे गिरफ्तार कर लेगं ओर तुझे पुलिस से इतना पिटवाउंगा कि तेरे मरण हो जायेगा और उसके बाद से तेरे परिवर के दूसरें सदस्यों के साथ भी यही करूंगा। 4 यह कि अभियुक्त की इस धमकी से परिवादी व उसका परिवार इतना डर व सहम गया कि वे अवसाद ग्रस्त होकर काफी मानसिक रूप से व्यथित होता चला गया और अपने काम धंधे पर भी नहीं जात, जिससे परिवादी के परिवार के समक्ष खाने के लाले पड गये। इसके कुछ दिवस पश्चात् दिनांक 04.09.2016 को अभियुक्त परिवादी के निवास थान पर आया, आते ही परिवादी, उसकी पत्नि व बच्चों को धमकानें लगा कि अभी तो तुझे और तेरे परिवार को घर में कैद किया है और अब देखना पुलिस की कैद में भी बहुत जल्द ही भेजूगा और परिवादी और उसकी पत्नि व बच्चों के साथ मारपीटाई करने लगा। अभियुक्त के इस कृत्य से परिवादी इतना भयभीत हो गया कि उसने रात्री 9.00 बजे से लगभग अकेले कमरे में गया और फिनाईल पीकर अपनी जीवनलीला सामाप्त करनें की कोशिश की, इसके पश्चात् परिवादी को आनन फानन में जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय, अजमेर में भर्ती करवाया और इलाज करवाया तथा इसकी एक शिकायत पुलिस अधीक्षक महोदय, अजमेर को दी, जिस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। 5 यह कि इसके पश्चात् अस्पताल में भर्ती था, तो पीछे से अभियुक्त व उसके साथ आये दो-तीन अन्य व्यक्तियों ने जबरदस्ती परिवादी के घर में घुसकर परिवादी के पुत्र व पत्नि के साथ मारपीट की तथा धमकी दी कि पुलिस में जाने की कोशिश की तो जान से मार दूंगा इस पर परिवादी की पत्नि व पुत्र पुलिस थाना अलवर गेट, अजमेर पर शिकायत देने गये तो उन्होंने कार्यवाही करने का आश्वासन देकर उन्हें घर भेज दिया। 5 यह कि दिनांक 8 सितम्बर 2016 को पिरवादी अस्पताल से छुट्टी लेकर घर आया तो अभियुक्त दो-चार अन्य व्यक्तियों के साथ परिवादी के घर आया तथा परिवादी व उसके परिवार को मकान खाली करके जाने की कह रहा है तथा नहीं जानें पर जान से मारने की धमकी दे रहा है। इसलिए परिवादी को माननीय न्यायायलय के समक्ष यह परिवाद प्रस्तुत करना पड रहा है। 6. यह कि उपरोक्त वर्णित अपराध माननीय न्यायालय के क्षेत्राधिकार में होने से माननीय न्यायालय को उक्त प्रकरण का श्रवणाधिकार प्राप्त है। 7. यह कि परिवद निर्धारित न्यायशुल्क पर अन्दर मियाद प्रस्तुत किया जा रहा है। अतः से निवेदन है कि परिवादी का परिवाद स्वीकार किया जाकर उक्त परिवाद को अन्तर्गत धारा 156(3) दं0प्र0सं0 के तहत पुलिस थाना अलवर गेट भेजा जाकर बाद अनुसंधान आरोपीगण को सख्त से सख्त सजा से दण्डित किये जानें के आदेश न्यायहित में प्रदान करनें की कृपा करे।। आदि रिपोर्ट पर अभियोग संख्या-392/2016 धारा 385,389,323,337,448,451,506 भादस में पंजीबद्ध कर अनुसंधान प्रारम्भ किया गया

पुलिस अधीक्षक जिला अजमेर के निर्देषानुसार षराब पीकर उत्पात मचाते एवं षराब पीकर वाहन चलाने के मामले 185 पुलिस एक्ट में थाना कुल 00 510 में थाना,,कुल 00 60 पुलिस एक्ट की कार्यवाही मे थाना,,कुल 207 एमवीएक्ट मे थाना, ,कुल 0 अन्य एमवी में थाना ,मदनगंज 1, कूल

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