मुख्यमंत्राी जल स्वावलंबन अभियान बनेगा मिसाल- प्रो. देवनानी

पंचायतीराज राज्य मंत्राी का अतिरिक्त प्रभार मिलने पर प्रो. देवनानी का शहर में कई जगह स्वागत
शिक्षा और पंचायतीराज से जुड़ी समस्याओं का होगा समाधान

वासुदेव देवनानी
वासुदेव देवनानी
अजमेर, 11 दिसम्बर। शिक्षा राज्यमंत्राी प्रो. वासुदेव देवनानी का पंचायतीराज राज्यमंत्राी बनने के बाद पहली बार अजमेर आगमन पर शहर में कई जगह स्वागत किया गया। प्रो. देवनानी ने कहा कि शिक्षा और पंचायतीराज से जुड़ी समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। प्रदेश को जल के क्षेत्रा में आत्मनिर्भर बनाने के लिए चलाया जा रहा मुख्यमंत्राी जल स्वावलंबन अभियान पूरे देश में मिसाल साबित होगा। राजस्थान शीघ्र ही हरे-भरे प्रदेश के रूप में जाना जाएगा।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रो. देवनानी ने कहा कि संतों के आशीर्वाद से विधिवत पूजा अर्चना के साथ शुरू किए गए इन कार्यों में आमजन का भी पूरा सहयोग मिल रहा है। मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुंधरा राजे द्वारा शुरू किए गए जल स्वावलंबन अभियान का मुख्य उद्देश्य राजस्थान को जल के क्षेत्रा में आत्मनिर्भर बनाना है। इसमें प्रत्येक व्यक्ति को भागीदारी निभानी चाहिए। भावी पीढ़ी को दी जा सकने वाली यह सबसे बड़ी सौगात है। जल रहेगा तभी हमारी आने वाली पीढियां सुरक्षित रह पाएंगी।
उन्होंने कहा कि शिक्षा और पंचायतीराज के शिक्षकों से संबंधित समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित किया जाएगा। शिक्षा एवं पंचायतीराज राज्यमंत्राी प्रो. देवनानी का आज जिला परिषद में स्वागत किया गया। जिला प्रमुख सुश्री वंदना नाोगिया, प्रधान दिलीप पचार, सुमित्रा रावत, अध्यक्ष श्री अरविंद यादव, पार्षद श्री रमेश सोनी, महेंद्र जादम, जयकिशन पारवानी, जिला परिषद सदस्य शमशेर रावत आदि ,हित कई जन प्रतिनिधियों एवं सरपंचों ने उनका स्वागत किया।

पश्चिम क्षेत्राीय अन्तर विश्वविद्यालय खो-खो महिला प्रतियोगिता आरम्भ
सामाजिक और राष्ट्रीय एकता बढ़ाते है खेल – प्रो. देवनानी
अजमेर, 11 दिसम्बर। खेल हमारे जीवन का आवश्यक अंग है। ये राष्ट्रीय एकता और सामाजिक समरसता को बढ़ानें में अहम योगदान अदा करते है। खेल हमें अनुशासन सिखाते है। ये विचार शिक्षा राज्यमंत्राी प्रो. वासुदेव देवनानी ने रविवार को महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय में आयोजित पश्चिम क्षेत्राीय अंतर विश्वविद्यालय खो-खो महिला प्रतियोगिता के उद्घाटन अवसर पर कहे।
उन्होंने कहा कि खो-खो भारत का एक प्राचीन परम्परागत खेल है। इसके लिए विशेष संसाधनों की आवश्यकता नहीं रहती है। ये खेल हमे जीवन में सीधे आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। एक बार दिशा तय करने के पश्चात उसमें बदलाव नहीं किया जाना चाहिए। जीवन का भी यही उसूल है। मानव मात्रा के जीवन के हर क्षेत्रा में खिलाड़ीपन का भाव आवश्यक है। जीवन को एक खेल की तरह जीना चाहिए। निर्धारित नियमों के अनुसार आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि जीवन का सर्वार्गींण विकास पढ़ने के साथ-साथ शहशैक्षिक गतिविधियों से होता है। देश के पांच राज्यों से आयी हुई टीमे अजमेर के अच्छे अनुभव अपने क्षेत्रा में पहुंचायगी तथा राजस्थानी संस्कृति को जान पाएंगे।
संसदीय सचिव श्री सुरेश सिंह रावत ने कहा कि जीतने वाली टीम को नियमित अभ्यास के माध्यम से अपनी विजय को कायम रखने का प्रयास करना चाहिए। इसी प्रकार विजय प्राप्त नहीं कर सकने वाले दल को हार का शौक मनाने के स्थान पर समीक्षा करके अपनी कमियों को दूर करना चाहिए।
महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कैलाश सोडानी ने कहा कि इस पांच दिवसीय प्रतियोगिता में राजस्थान, गुजरात, गोआ, मध्यप्रदेश एवं महाराष्ट्र के लगभग 50 विभिन्न विश्वविद्यालयों की टीमे आने की संभावना है। प्रतियोगिता में अब तक 35 टीमों ने अपना पंजीयन करवाया है। प्रतियोगिता का उदघाटन मैच डाॅ. बाबा साहेब अम्बेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय, औरंगाबाद तथा संत गाडगे बाबा अमरावती विश्वविद्यालय अमरावती की टीमों के मध्य खेला गया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुल सचिव कमल राम मीना, विश्वविद्यालय पर्यवेक्षक महेन्द्र सिंह उपस्थित थे।

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