जय जय पृथ्वीराज से गूंज उठा सभागार

नाटक ‘मत चूके चौहान‘ का हुआ प्रभावी मंचन
img-20161224-wa0004अजमेर/‘चार बांस चौबीस गज‘ की हुँकार पर पृथ्वीराज चौहान द्वारा शब्दबेधी बाण से यवन सुुल्तान मोहम्मद गौरी का खात्मा करने और फिर चन्दबरदाई और पृथ्वीराज के जय मातृभूमि कहते हुए प्राणोत्सर्ग करने की रोमांचक घटनाओं को देखकर आजाद पार्क का दो हजार दर्षकों से भरा समूचा पाण्डाल ‘जय जय पृथ्वीराज चौहान‘ के नारों से गूंज उठा। अवसर था भारत विकास परिषद् के राष्ट्रीय अधिवेषन में शनिवार 24 दिसम्बर, 2016 को सांयकाल रंगकर्मी उमेष कुमार चौरसिया द्वारा लिखित व निर्देषित नाटक ‘मत चूके चौहान‘ केे प्रभावी मंचन का। नाट्यवृंद थियेटर अकादमी के 15 युवा कलाकारों की अभिनय क्षमता ने ध्वनि, प्रकाष और संगीत के अनूठे तालमेल के साथ मंच पर पृथ्वीराज चौहान के विविध जीवन प्रसंगों को जीवन्त कर दिया।
पृथ्वीराज चौहान की भूमिका में अंकित शांडिल्य के इस प्रभावी संवाद ने दर्षकों की खूब तालियां बटोरीं। विविध दृष्यों में संवेदनषील और शौर्यपूर्ण संवादों ने मंच पर पृथ्वीराज की शूरवीर छवि को उकेरा। गौरी की क्रूरता को प्रदर्षित करते इमरान खान के अभिनय ने दर्षकों के रोंगटे खड़े कर दिये। ‘चन्दबरदाई के चरित्र को प्रभावी रूप में प्रस्तुत किया भवानी कुषवाहा ने। वृद्ध राजा अनंगपाल की भूमिका में दिनेष खण्डेलवाल, महामंत्री बने निर्मल सहवाल, राजपुरोहित लखन चौरसिया, सेनापति नितेष माथुर व अन्य भूमिकाओं में मोहित कौषिक, जितेन्द्र मालावत और रामप्रसाद ने प्रभावी अभिनय किया। सूत्रधार के रूप में दिलीप पारीक ने भी प्रभावित किया। नाटक को संगीत से सजाया डॉ रजनीष चारण ने और कला निर्देषन अषोक सक्सेना ने किया। निर्माण प्रबन्ध डॉ. अनन्त भटनागर ने किया तथा डॉ पूनम पाण्डे, वर्षा शर्मा, प्रदीप व राजकुमार का विषेष सहयोग रहा। इस अवसर पर अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।

-उमेष कुमार चौरसिया
निदेशक ‘नाट्यवृंद‘
संपर्क-9829482601

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