तीन दिन की लावारिस बच्ची का भविष्य तय नहीं

अजमेर। तीन दिन की लावारिस बच्ची का भविष्य क्या होगा यह फिलहाल तय नहीं हैं। पुलिस को नसीराबाद के निकट सुनसान इलाके में मिली इस बच्ची के वारिसों की तलाश है, लेकिन फिलहाल कोई सफलता हाथ नहीं लगी है। मासूम बच्ची को बाल कल्याण समिति को सौंप दिया गया है। मात्र तीन दिन की इस मासूम की आंखें दुनिया की इस भीड़ में अपनी मां को तलाश रही है। न जाने कोन सी मजबूरी रही कि इसे जन्म देने वाली मां ने ही इसे इस बेरहम दुनिया में मरने के लिए अकेला छोड़ दिया। पुलिस ने इस बच्ची को नसीराबाद के निकट बीर घाटी के सुनसान इलाके से बरामद किया। जिस मासूम बच्ची को इस समय मां की गोद में होना चाहिए आज वो मासूम गैरों की गोद में लावारिस के नाम से पलने को मजबूर है। बाल कल्याण समिति के लिए भी यह समस्या ही है की आखिर इतनी कम उम्र की मासूम बच्ची को पालेगा कौन? सवालों में उलझी इस नन्ही सी जान के वारिस की तलाश में पुलिस ने रात दिन एक कर रखे हैं। अस्पतालों के रिकोर्ड खंगाले जा रहे हैं। गर्भवती महिलाओं के विषय में भी जानकारी जुटाई जा रही है। यह तलाश कब खत्म होगी, होगी भी या नहीं कहना मुश्किल है। यही कारण है की बाल कल्याण समिति अब इसे किसी योग्य दम्पत्ति को गोद देने पर विचार कर रही है।
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