तालुका विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष की अपील

beawar-samacharब्यावर, 14 जनवरी। तालुका विधिक सेवा समिति ब्यावर के अध्यक्ष एवं अपर जिला व सेशन न्यायाधीश ब्यावर प्रदीप कुमार वर्मा ने प्रशासनिक व न्यायिक अधिकारियों एवं अधिवक्ताओं के साथ बैठक आहूत कर ब्यावर में आगामी 11 फरवरी 2017 को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने के लिए अपील की है।
तालुका विधिक सेवा समिति अध्यक्ष ने शुक्रवार को बैठक में उपस्थित हुए न्यायिक अधिकारियों, अधिवक्ताआें, बीमा कम्पनियों के अधिकारियों से कहा कि वे अपने-अपने न्यायालय में लम्बित राजीनामा योग्य प्रकरणों का अधिकाधिक निस्तारण लोक अदालत के माध्यम से कराने का प्रयास करेंगे, साथ ही बैंक अधिकारियों को बैंक प्री-लिटिगेशन के अधिकाधिक आवेदन प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया एवं आमजन से भी अपील की गई है कि ऐसे पक्षकार जिनके प्रकरण न्यायालयों में लम्बित हैं और राजीनामा योग्य है तो वे संबंधित न्यायालय में उपस्थित होकर अपना प्रकरण लोक अदालत में रखवा सकते हैं।–00–
मकर संक्रान्ति पर्व के मध्यनजर 31 जनवरी तक
प्रातः 6 से 8 बजे एवं सायं 5 से 7 बजे तक नहीं उड़ायी जा सकेगी पतंग
धातु निर्मित मांझा एवं चाईनीजथ्रेड मेड मांझा की बिक्री व उपयोग पर प्रतिबन्ध
ब्यावर, 14 जनवरी। जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट अजमेर द्वारा 13 जनवरी को ज़ारी आदेश के तहत उन्होंने धारा 144 दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए अजमेर जिला में मकर सक्रान्ति पर्व के मध्यनजर लोक स्वास्थ्य व विद्युत संचालन बाधारहित बनाये रखने एवं पक्षियों के लिये बड़े पैमाने पर खतरा बन चुके धातु निर्मित मांझा तथा चाईनीज थ्रेड मेड मांझा की थोक व खुदरा बिक्री तथा उपयोग अजमेर जिला क्षेत्रा में निषेध व प्रतिबंधित किया गया है। यदि कोई व्यक्ति क्षेत्रा में उक्त प्रकार के मांझों का भण्डारण, विक्रय तथा परिवहन करेगा तो उसके विरूद्ध यथाप्रचलित सम्यक कानून के तहत कार्यवाही की जावेगी, आमजन को यह भी निषेध किया जाता है कि पक्षियों को नुकसान से बचाने के लिए प्रातः 6 से 8 बजे तक तथा सायं 5 से 7 बजे तक पतंग उड़ाने पर प्रतिबन्ध रहेगा। यह आदेश 31 जनवरी 2017 तक प्रभावी रहेगा। इस आदेश की प्रति पुलिस सहित संबंधित विभागों के उच्चाधिकारियों व क्षेत्राधिकारियों को सूचनार्थ एवं पालनार्थ सम्प्रेषित की गई हैं।
उपजिला मजिस्ट्रेट ब्यावर पीयूष समारिया ने भी बताया कि उक्त आदेश की अवमानना भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध होगा तथा अवहेलना करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ नियमानुसार अभियोग चलाया जाएगा। –00–

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