उदयपुर: जिले की कोटड़ा पंचायत समिति के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, झालरा में ड्यूटी ज्वाइन करने गए शिक्षक ने स्कूल के हाल देखे तो एक बार तो वे चकरा गए। ताले लगे स्कूल को देखकर लग रहा था जैसे भूतहा फिल्मों का सैट लगा हो। पूछने पर ग्रामीणों ने जानकारी दी कि स्कूल पिछले सात सालों से नहीं खुला है। शिक्षक ने इसकी जानकारी जिला कलैक्टर हेंमत गेरा को दी। देवला से यह गांव 16 किलोमीटर दूर है।
देवला से 6 किलोमीटर तक तो सड़क है लेकिन इसके बाद पैदल जाना पड़ता है या वहां से यदा-कदा गुजरने वाले दुपहिया वाहन चालकों से लिफ्ट लेनी पड़ती है। अधिकारियों के अनुसार यह हिस्सा वन विभाग में आने के कारण यहां आज तक सड़क नहीं बन सकी है। उधर, लम्बे समय से कोटड़ा में ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी []बीईईओ] नहीं है। यह अतिरिक्त प्रभार बडग़ांव बीईईओ के पास है। एसडीआई के भी तीनों पद खाली हैं। पूरा बीईईओ कार्यालय एक एलडीसी के भरोसे चल रहा है।शिकायत मिलने के बाद शिक्षा विभाग और प्रशासनिक हलके में हलचल मच गई। कलैक्टर ने एसडीओ को मौका देखकर रिपोर्ट देने को कहा है। निर्देश के बाद एसडीओ मोहनलाल वर्मा मंगलवार को झालरा पहुंचे तथा स्कूल देखा व ग्रामीणों से जानकारी ली। एसडीओ से बात करने पर उन्होंने बताया कि यह सच है कि स्कूल इतने समय से बंद था, इस मुद्दे के ऊपर विचार किया जाएगा तथा उचित बनती हुई कार्रवाई भी की जाएगी।