सरकार कर रही है कर्मचारियों के मौलिक अधिकारों का हनन

अजमेर। भारतीय जनता पार्टी अजमेर ने आज राज्य सरकार द्वारा जारी तथाकथित परिपत्र जिसमें सरकारी सेवा में कार्यरत कर्मचारियों पर संघ के कार्यक्रमों व बैठकों में भाग लेने पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसे कर्मचारियों के मौलिक अधिकारों का हनन बताते हुए राज्य सरकार के मानसिक दिवालियेपन की निशानी बताया है। भा.ज.पा. प्रदेश उपाध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत, भा.ज.पा. जिलाध्यक्ष रासासिंह रावत, पूर्व अध्यक्ष पूर्णाशंकर दशोरा, पूर्व न्यास अध्यक्ष धर्मेश जैन, पूर्व मंत्री श्रीकिशन सोनगरा, विधायक अनिता भदेल, वासुदेव देवनानी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरविन्द यादव, महामंत्री धर्मेन्द्र गहलोत, कैलाश कच्छावा, सोमरत्न आर्य, उपमहापौर अजीत सिंह राठौड़, पूर्व सभापति, सुरेन्द्र सिंह शेखावत, सरोज जाटव, प्रचार मंत्री कंवल प्रकाश किशनानी, युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नीरज जैन, जिलाध्यक्ष देवेन्द्र सिंह शेखावत, मीडिया प्रकोष्ठ अध्यक्ष जितेन्द्र मित्तल, मण्डल अध्यक्ष आनन्द सिंह राजावत, घीसू गढवाल, नरपत सिंह, डॉ. कमला गोखरू, जयंती तिवारी, रश्मी शर्मा, विनीता जैमन ने कडे शब्दों में राज्य सरकार द्वारा जारी परिपत्र की निन्दा करते हुए इसे तत्काल निरस्त करने की मांग की है। भा.ज.पा. नेताओं ने कहा कि राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ विश्व का सबसे बड़ा गैर-राजनीतिक सास्ंकृतिक एवं सामाजिक संगठन है। जिसका कार्य राष्ट्रहित के लिये निस्वार्थ भाव से कार्य करने हेतु व्यक्ति निर्माण का है।
इस देशभक्त संगठन के सेवा कार्य विविध क्षेत्रों के माध्यम से देशभर में सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर वनवासी अंचलों तक चल रहे है। कांग्रेस पार्टी को असहिष्णु एवं तानाशाही प्रवृत्ति की बताते हुऐ भा.ज.पा. नेताओं ने राजकीय कर्मचारियों को सामाजिक संगठनों के कार्यक्रमों में भाग लेने से रोकने को असंवैधानिक बताते हुऐ इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कुठाराघात बताया। परिपत्र को विधि-विरूद्ध बताते हुए सिविल सेवा आचरण नियमों में सामाजिक एवं धार्मिक गतिविधियों में भाग लेना वर्जित नहीं है क्योंकि कर्मचारी भी भारतीय नागरिक है तथा उसे किसी भी कार्यक्रम में श्रोता के रूप में भाग लेने पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है।
भा.ज.पा. ने कहा कि सरकार राज्य में बांग्लादेशी घुसपैठियों सहित अलगाववादी ताकतों को तो रोकने में विफल रही है तथा वर्तमान में आम जन में बढ़ती महँगाई व भ्रष्टाचार से अपना विश्वास खो चुकी राज्य की गहलोत सरकार बौखलाहट में राष्ट्र भक्त संगठनों पर अंकुश लगाने को प्रयास कर असंवैधानिक कृत्य कर रही है। भा.ज.पा. ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जरा पीछे का इतिहास देख लेवें इससे पूर्व भी कांग्रेस सरकारों ने जब भी संघ पर प्रतिबंध लगाने का कार्य किया उन्हें हमेशा मात खानी पड़ी है। इसलिये गहलोत इतिहास से सीख लेते हुऐ राष्ट्र भक्त संगठनों के कार्यक्रमों में सरकारी कर्मचारियों के भाग लेने पर अवैध रूप से रोक लगाने की भूल को नहीं दोहराये।
प्रवक्ता
अरविन्द यादव
मो. 9414252930
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