शहर जिला कांग्रेस अजमेर सोमवार को टेन्डर की होली दहन कर विरोध प्रर्दषन करेगी

विजय जैन
विजय जैन
अजमेर 26 फरवरी। बिजली व्यवस्था निजीकरण के टेन्डर के विरोध में शहर जिला कांग्रेस अजमेर सोमवार को टेन्डर की होली दहन कर विरोध प्रर्दषन करेगी। कांग्रेस ने घोषणा की है कि संगठन किसी दबाव मे आंदोलन से पीछे होने वाला नहीं है। सरकार को इस जन विरोधी निर्णय को किसी भी सूरत मे वापस लेना होगा।
निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार संगठन के कार्यकर्ता और नेता सोमवार को सुबह ग्यारह बजे पंचषील स्थित अजमेर विद्युत वितरण निगम के मुख्यालय विद्युत भवन पर जमा होंगे और शहर कांग्रेस अध्यक्ष विजय जेैन के नेतृत्व में सरकार द्वारा अजमेर की बिजली व्यवस्था को ठेके पर दिये जाने के टेन्डर का विरोध कर प्रर्दषन किया जाऐगा। घोषित कार्यक्रम के मुताबिक यहां विरोध स्वरूप विधी विधान के साथ उस टेन्डर की होली का दहन किया जाऐगा जिसके जरीये सरकार और उसके नुमाईंदे अजमेर को बीस वर्षों के लिये निजी कम्पनी के हाथों गिरवी रखने का मानस रखते है। टेन्डर की होली के दहन कार्यक्रम मे कांग्रेस के सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल होगे।
विजय जैन ने कहा कि बिजली कम्पनी के अध्यक्ष या अन्य अधिकारी कांग्रेस को किसी भी प्रकार का दबाव बनाने का प्रयास करें मगर कांग्रेस किसी बबाव या भ्रम मे आने वाली नहीं है और वह जनता के हित के इस आंदोलन को निर्णायक संघर्ष तक जारी रखेगी। उन्होने कहा कि कहा कि बिजली जैसी जन उपयोगी आवष्यक सेवा को निजी हाथो में किसी भी हाल में नहीं जाने दिया जाऐगा सरकार आंदोलन को दबाने के कितने भी जतन कर ले।
उन्होने कहा कि भाजपा का संगठन और अजमेर जिले का प्रतिनिधित्व करने वाले सांसद प्रो. सांवरलाल जाट, राज्य सरकार के दो मंत्री, वासुदेव देवनानी, अनीता भदेल राज्यसभा सांसद भूपेन्द्र यादव, एक प्राधिकरण के अध्यक्ष दो संसदीय सचिव, निगम के महापौर मिल कर भी अजमेर की विद्युत व्यवस्था निजी होथों में जाने पर एक शब्द बोलने की हालत में नहीं है। उन्होने इन भाजपाई जनप्रतिनिधीयों से कहा कि बिजली के निजीकरण पर वह अपनी स्थिती स्पष्ट करें कि सरकार का यह कदम सही है और वह इसके सर्मथन मे हैं। जनता ने इसके विरोध के अभियान में कांग्रेस को पूर्ण समर्थन देकर यह साबित कर दिया है कि सरकार का यह फैसला जनता के हित मे नहीं है भाजपा के मंत्री में इसकी बोखलाहट आम जनता ने देखी है।
उन्हाने ने कहा कि विद्युत व्यवस्था के निजीकरण का पूर्व इतिहास यह साबित करता है कि जहां जहां भी विद्युतिकरण का निजीकरण हुआ है वहां बिजली व्यवस्था बदहाल हुई है और जनाक्रोष अपने चरम पर पहंुचा है। इसके सबसे बेहतरीन उदाहरणो में दिल्ली व उज्जैन में किया गया निजीकरण उल्लेखनिय है जहां यह व्यवस्था पूर्णतया फेल हो चुकी है।
जैन ने आरोप लगाया कि राजस्थान लोक उपापन में पारदर्षिता अधिनियम 2013 के प्रावधानों के अनर्तगत ठेके पर लेने वाली निजी कम्पनी को ठेके के दौरान वसूली जाने वली कुल रकम का 5 प्रतिषत अमानत राषी जमा करवानी चाहिये क्योंकि निजी कम्पनी के द्वारा 20 वर्षो की ठेका अवधि में 10800 करोड़ रूपये से भी अधिक की वसूली की जायेगी जिसकी 5 प्रतिषत अमानत राषी 500 करोड़ होती है जबकि ठेका प्राप्त करने वाली कम्पनी से इस वसूली के विरूद्ध परफोरमेन्स बैंक गारन्टी 34 करोड़ रूपये जमा करवाया जाना प्रस्तावित किया गया है जो करोड़ों के भ्रष्टाचार का संकेत है।

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