इस्लाम विरोधी फिल्म का अजमेर में भी कड़ा विरोध

अजमेर। अमेरिका में निर्मित इस्लाम विरोधी फिल्म द इनोसेंस ऑफ मुस्लिम का अजमेर में भी कड़ा विरोध दर्ज कराया गया। पचंायत खुद्दाम सयैद जादगान दरगाह हजरत मीरां साहेब तारागढ़ के सदस्यों ने जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर पैगंबर हजरत मोहम्मद मुस्तफा के बारे में गलत तरीके से दिखाये गये दृश्यों पर आक्रोष जाहिर करते हुए बताया कि जो इस फिल्म में दिखाया गया है, वो शरियत और इस्लाम के खिलाफ है। मुसलमानों की आस्था को जो ठेस पहुंची है, उससे पूरी दुनिया में विरोध प्रदर्शन और खून खराबा हो रहा है, इसलिए भारत में इस फिल्म के प्रदर्शन पर तत्काल रोक लगायी जाये। इस मौके पर विरोध कर रहे मुस्लिमों ने अमेरिका के राष्ट्रीय ध्वज को जला कर अपने रोष का इजहार किया।
इसी प्रकार दरगाह के निजाम गेट पर अंजुमन मोईनिया फकरिया चिश्तिया खुद्दाम हजरात ने फिल्म की मजम्मत करते हुए अतिरिक्त जिला कलेक्टर जे के पुरोहित के जरिए प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। अंजुमन सेके्रट्री सयैद वाहिद हुसैन ने बताया कि हिन्दुस्तानी मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है। भारत सरकार उसे अमरिकी हुकूमत तक पहुंचा कर नफरत फैलाने वाले इस फिल्म को बैन कराये।
अंजुमन के पूर्व सदर सैयद गुलाम किबरिया चिश्ती और जुल्फिकार चिश्ती ने कहा कि मुसलमान अपने आका की शाने अकदस में गुस्ताखी बर्दाश्त नहीं करेंगे। अमेरिका इस आपत्तिजनक फिल्म का यूट्यूब से हटाये बल्कि इंटरनेट पर इसे ब्लॉक कर दे। मुसलमानों ने दरगाह के निजाम गेट के बाहर काफी देर तक अमेरिका के खिलाफ  नारेबाजी करते हुए अपने गुस्से का इजहार किया।
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