भामाशाह राजस्थान की संस्कृति में शामिल, अब बनाएंगे संस्कृत विभाग का भवन

शिक्षा एवं पंचायतीराज राज्यमंत्राी ने किया संभागीय संस्कृत शिक्षाधिकारी कार्यालय भवन का शिलान्यास
भामाशाह सेठ श्री नेमीचन्द, सीतादेवी तोषनीवाल चेरीटेबल ट्रस्ट ने भवन निर्माण के लिए दिए 22 लाख रूपए

प्रो. वासुदेव देवनानी
प्रो. वासुदेव देवनानी
अजमेर, 28 अप्रेल। शिक्षा एवं पंचायतीराज राज्यमंत्राी प्रो. वासुदेव देवनानी ने कहा कि भामाशाह राजस्थान की संस्कृति में शामिल हैं। अनादिकाल से भामाशाह राजस्थान की तरक्की में अपना योगदान देते रहे है। अब अजमेर में संस्कृत शिक्षा विभाग का नया भवन भी भामाशाह के सहयोग से तैयार करवाया जाएगा। भामाशाह सेठ श्री नेमीचंद तोषनीवाल, सीतादेवी तोषनीवाल चेरीटेबल ट्रस्ट कोलकाता द्वारा अजमेर में संस्कृत शिक्षा भवन के लिए 22लाख रूपये की सहायता दी गई है।
शिक्षा एवं पंचायतीराज राज्य मंत्राी प्रो. वासुदेव देवनानी ने अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर आज तोपदड़ा स्थित शिक्षा संकुल में सम्भागीय संस्कृत शिक्षाधिकारी कार्यालय भवन का शिलान्यास किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि राजस्थान के विकास में भामाशाहों का अतुलनीय योगदान रहा है। अनादिकाल से भामाशाह समाज के उत्थान, विकास एवं आम नागरिकों की सुविधाओं के लिए अपना आर्थिक व सामाजिक योगदान देते रहे है। महाराणा प्रताप को तो भामाशाह ने अपना सर्वस्व अर्पण कर दिया ताकि वे युद्ध भूमि में अकबर से पूरे जोश और संसाधनों के साथ लोहा ले सके। राजस्थान के शहरों में धर्मशालाओं, विद्यालयों, प्याउ एवं ऐसे ही अनेक निर्माण कार्य है जो भामाशाहों की स्मृति को चिरस्थायी बनाएं रखें हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुन्धरा राजे के नेतृत्व में राजस्थान सरकार भामाशाहों के सहयोग से कई विकास कार्य करवा रही है। सरकारी स्कूलों के साथ ही शहरों व गांवों के विकास में भामाशाहों ने दिल खोल के सहयोग दिया है। मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान भामाशाहों के सहयोग की जीती जागती मिसाल है। राजस्थान सरकार संस्कृत के विकास के लिए पूरा ध्यान दे रही है। सरकार संस्कृत शिक्षा के उन्नयन व संवर्द्धन के लिए किसी तरह की कमी नहीं आने देगी।
कार्यक्रम में लक्ष्मी मन्दिर कडक्का चैक के महंत श्री श्यामशरण जी देवाचार्य तथा भामाशाह प्रेरक डाॅ. रामगोपाल जाट ने भी विचार व्यक्त किए।

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