आसनों से शरीर के जोड़ लचीले होते हैं। मांसपेशियों की सुदृढ़ता बढ़ती है तथा साथ ही मन भी स्थिर होने लगता है। मन की चंचलता कम होने से चित्त की वृत्तियाँ निर्मूल होती हैं। शांत मन के लिए श्वास की मंथरता आवश्यक है। इसके लिए देर तक एक मुद्रा में बैठना आवश्यक होता है जिसका अभ्यास केवल आसन सिद्धि से ही हो सकता है। उक्त विचार विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी राजस्थान के प्रान्त प्रशिक्षण प्रमुख डॉ0 स्वतन्त्र शर्मा ने शहीद भगत सिंह उद्यान, वैशाली नगर में चल रहे योग प्रशिक्षण सत्र के दौरान व्यक्त किए।
नगर प्रमुख रविन्द्र जैन ने बताया कि योग सत्र में बुद्धवार को साइनोसाइटिस के उपचार हेतु जलनेति तथा उदरीय विकारों यथा एसिडीटी, कब्ज, आंतों की सूजन इत्यादि के उपचारार्थ वमन धौति का अभ्यास सिखाया जाएगा।
(रविन्द्र जैन)
नगर प्रमुख
9414618062