नियमों में त्रुटियों के चलते एक भी ग्रामीण को पट्टा नसीब नहीं हुआ

zzअजमेर / ग्राम पंचायत सोमलपुर में गुरुवार को आयोजित पण्डित दीनदयाल उपाध्याय पट्टा व न्याय आपके द्वार शिविर दिनभर ग्रामीणों के बहिष्कार की भेंट चढ़ा रहा। इस दौरान नियमों में त्रुटियों के चलते एक भी ग्रामीण को पट्टा नसीब नहीं हुआ। देर शाम शिविर में संसदीय सचिव सुरेश सिंह रावत के आते ही ग्रामीणों को राहत मिल गई। दिनभर ग्रामीण पंचायत के बाहर धरना प्रदर्शन करते रहे। परन्तु अन्दर बैठी शिविर प्रभारी व उपखण्ड अधिकारी भावना शर्मा ने ग्रामीणाें की समस्या को लेकर कोई कदम नहीं उठाए। स्थानीय सरपंच इकराम चीता ने बताया कि ग्राम को नवम्बर 2012 में ही 542 बीद्या भूमी हस्तान्तरित है परन्तु राजस्व रिकार्ड में त्रुटीयों के चलते आबादी किस्म को सिवायचक भूमी इन्द्राज कर रखा है। इससे ग्राम पंचायत ग्रामीणों को किस आधार पर पट्टा जारी करें। चीता ने बताया कि एक माह पूर्व आयोजित शििवर में 97 प्रकरण में राजस्व रिकार्ड की त्रुटी को सुधारने हेतू ग्रामीणों ने आवेदन किया। जिसमें पटवारी, गिरदावर यहाँ तक की तहसीलदार ने भी प्रकरणों को सही ठहराते हुए उन्हें दुरस्त करने के लिए अपनी मोहर लगा दी। बावजूद इसके शिविर में उपस्थित उपखण्ड अधिकारी ने किसी भी प्रकरण पर हस्ताक्षर करने से मना करते हुए ग्रामीणों को शिविर में उपस्थित कराने की बात कह कर पल्ला झाड़ लिया। ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम में 11 वार्ड है उसके अन्तर्गत मात्र 2 वार्डो को ही आबादी किस्म राजस्व रिकार्ड में इन्द्राज है। दो वार्डो के ग्रामीण भी ग्राम के सभी ग्रामीणों के समर्थन में आ गए। दिनभर औपरचारिकताएं चलती रही। शाम 5 बजे जैसे ही शिविर में संसदीय सचिव सुरेश रावत के आने के सूचना मिली तो अधिकारी में हलचल मच गई। कुछ देर बाद संसदीय सचिव ने शिविर में पहंुचते ही उपखण्ड अधिकारी भावना शर्मा व तहसीलदार अजमेर को जमकर फटकार लगाई। रावत ने कहा कि लम्बित प्रकरणों में दोबारा ग्रामीणों को तहसीलदार के आदेश के बाद उपस्थित होना था तो सभी को तीन दिवस पूर्व सूचना का नोटिस जारी करना था। रावत ने कहा कि सरकार की योजनाओं को अधिकारी वर्ग अपनी भूमीका में कमी करते हुए उन्हें औपचारीक बनाने में तुला हुआ है। इन सभी को काम में कोताही के चलते बक्शा नहीं जाएगा। बिजली समस्या को लेकर रावत ने विद्युत निगम के अधिकारीयों को तबल करना चाहा तो पता चला कि शिविर में निगम का कोई भी कर्मचारी पहुंचा ही नहीं। इस पर रावत ने उपखण्ड अधिकारी को नोटिस देने के लिए कहा। वहीं तहसीलदार ने तुरन्त ग्राम को मिली 542 बीद्या भूमी को ग्राम पंचायत सोमलपुर को देने के आदेश जारी किए। आदेश जारी होते ही ग्रामीणों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। वहीं ग्राम के 500 मीटर की परिधि के बाहर बसी ढ़ाणीयों के लिए भी रावत ने कहा कि 542 बीद्या भूमी के बाद 500 मीटर की परिधि को और जोड़ने की प्रक्रिया कर सम्पूर्ण ग्राम को लाभान्वित किया जाएगा।

error: Content is protected !!