श्री अखिल भारतीय वेदान्त प्रचार मंडल के संस्थापक ब्रह्मलीन वेदान्त केवरी स्वामी मनोहरानंद सागर महाराज के उत्तराधिकारी व शिष्य व अजमेर के पुष्कर रोड स्थित अद्वैतानंद वेदांत आश्रम के महंत स्वामी श्री अद्वैतानंद सागर का लम्बी बीमारी के बाद 30 मई को जयपुर स्थित एसएमएस अस्पताल में देवलोक हो गया। स्वामी जी की पार्थिव देह जयपुर से अजमेर लाई गई और साधु परम्परा के अनुरुप पार्थिव देह को समाधि दी गई।
उनका जन्म 1 जनवरी 1959 को हुआ। बाल्यकाल से ही उनकी रुचि जीवन के सत्य को जानने की रही। स्वामी अद्वैतानंद ने मात्र 14 वर्ष की उम्र में ही संन्यास लिया और वे वेदांत केसरी मनोहरदास महाराज के शिष्य बन गए। उन्होंने मिडिल कक्षा और वेदान्त आचार्य की शिक्षा अर्जित की। स्वामी अद्वैतानंद आदि शंकराचार्य और अपने गुरु व उनके भी गुरु स्वामी लीलाशाह द्वारा दिए गए वेदान्त ज्ञान का पूरे देश में प्रचार-प्रसार कर रहे थे।