जितना पाप का मूल्यांकन, पाप का बंध भी उतना ही

श्रीजी की शोभायात्रा निकलेगी आज, आज से आहार के लिए पडग़ाहन कम्यूनिटी सेन्टर से
DSC05951मदनगंज-किशनगढ़। मुनि पुंगव 108 सुधासागर जी महाराज ने कहा कि अगर तुम्हारे मन में पाप करने का भाव आ जाता है। तुम्हारा उस पाप को करने का मुल्यांकन क्या है, तुम इसे कितने में छोड़ दोगे। जो तुम्हारा मूल्यांकन होगा तुम्हें पाप का बंध भी उतना ही होगा। ये बात मुनिश्री ने आर.के. कम्यूनिटी सेन्टर में चल रहे प्रवचन के दौरान कही। मुनिश्री ने उदाहरण देकर समझाया कि एक व्यक्ति ने किसी बच्चें का अपहरण 1 करोड़ रूपए के लिए किया। एक ने परिवार को दु:ख देने व परिवार का चिराग बुझाने के लिए किया और एक बंदर ने बच्चे का अपहरण 1 केले के लिए किया। तीनों ने अपहरण किया। मगर तीनों का पाप का मूल्यांकन अलग अलग था। तो पाप का बंध भी तुम्हारे मूल्यांकन के अनुरूप ही होगा।
मुनिश्री ने कहा कि घर के बड़े बुजुर्ग, घर के मुखिया का काम खुद के मंदिर आने का ही नहीं है बल्कि परिवार के सभी सदस्यों को मंदिर भेजने का है। जब युवा पीढ़ी मंदिर आ जाएगी तो किशनगढ़ का बेड़ा पार हो जाएगा। क्योंकि जब घर के बेटे बहु मंदिर आएंगे, प्रवचन में आएंगे तो जो उनको आशिर्वाद मिलेगा। उसका पुण्य घर के मुखिया को भी मिलेगा। जब तुम मंदिर जाकर हाथ में कलश लेकर भगवान के अभिषेक करते हो, तो मैं यह नहीं कहता कि तुम भगवान बन जाओगे, तुम मुनि बन जाओगे, धर्मात्मा बन जाओगे। किन्तु यह तो जरूर कह सकता हूँ कि भगवान के लिए कलश लेने वाला हाथ कम से कम शराब की बोतल तो हाथ में नहीं लेगा। कोई व्यसन तो नहीं करेगा क्योंकि भगवान का आभामण्डल उसे ऐसा करने नहीं देगा।
मुनिश्री ने कहा कि प्रात: 8 से 9.30 बजे तक घर का चुल्हा मत जआलो, दुकान मत खोलो, अगर दुकान खोलनी पड़े भी तो घर के मुखिया दुकान पर बैठेंगे और घर के सभी सदस्य प्रवचन में आएंगे। मैं चाहता हूँ कि प्रवचन में वो लोग ज्यादा आए जो शराबी हो, व्यसन करते हो। क्योंकि मैंने उनको सुधार दिया तो मेरा प्रवचन करना सफल है।
मुनि श्री ने कहा कि अच्छा शब्द जब पापियों के साथ लग जाता है तो वो भी बदनाम हो जाता है। मामा को मामाश्री कह दो तो वह चिढ़ जाता है। क्योंकि मामाश्री शब्द शकुनी के साथ लगकर बदनाम हो गया। जब तुम शराब की दुकान पर दुध पिओगे तो लोग तो यहीं समझेंगे की शराब पी रहे हो। मुनिश्री ने कहा कि तुम इतने लाइलाज पाप कभी मत कर लेना। जो पाप भगवान की शांतिधारा करने, गंधोधक लगाने, गुरू के आशिर्वाद के बाद भी धूल नहीं सके।
ये रहे श्रावक श्रेष्ठी
श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन पंचायत के प्रचार प्रसार मंत्री विकास छाबड़ा ने बताया कि चित्र अनावरण, दीप प्रज्ज्वलन और पाद प्रक्षालन का सौभाग्य रमेशचंद चौधरी, अजित कुमार, जिनेश कुमार, महेन्द्र कुमार जैन को मिला। शांतिधारा के पुण्यार्जक मोडक कोटा के मनोज कुमार, मीनू, अक्षत एवं धारांशी परिजन रहे।
शोभायात्रा निकलेगी आज
शुक्रवार को प्रात: 6 बजे से आर.के कम्यूनिटी में श्रीजी विराजमान करने के लिए श्री मुनिसुव्रतनाथ मंदिर जी से शोभायात्रा निकलेगी। जिसमें श्री मुनिसुव्रतनाथ मंदिर जी से श्रीजी की प्रतिमा व श्री आदिनाथ मंदिर जी से श्रीजी की प्रतिमा जी को लेकर कम्यूनिटी सेन्टर तक शोभायात्रा के रूप में लाएंगे।
आज से शांतिधारा व पडग़ाहन कम्यूनिटी सेन्टर से
शुक्रवार से कम्यूनिटी हॉल में निर्मित वेदी में श्रीजी को विराजमान करने के पश्चात् भगवान की शांतिधारा नियमित यहीं होगी। साथ ही मुनिसंघ को आहार के लिए पडग़ाहन भी शुक्रवार से कम्यूनिटी सेन्टर से ही होगा।

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