मेरे छोटे परिवार की तो तकदीर ही बदल गई

अजमेर जिले की पीसांगन पंचायत समिति के लेसवा ग्राम की श्रीमती गृड्डी कंवर अपने नवनिर्मित मकान में प्रसन्न मुद्रा में

अजमेर। अजमेर जिले की पीसांगन पंचायत समिति के छोटे से गांव लेसवा में रहने वाली महिला गुड्डी कंवर के पति श्री श्रवण सिंह राजपूत का 25 वर्ष पूर्व अचानक निधन होने के साथ ही पूरा जीवन ही उजड़ गया। धीरे-धीरे सम्भल ने की कोशिश की तब जाकर अब उसके छोटे से परिवार की पूरी तकदीर ही बदल गई और उसके घर में खुशियां आने लगी।
लगभग 42 वर्षीय गुड्डी कंवर राजपूत के घर में एक मात्र लक्ष्मी रूपी पुत्री प्रियंका का जन्म हुआ परन्तु 2 वर्ष की उम्र में ही उसके पिता का साया उसके सिर से उठ गया माता ने सिलाई करके अपनी लड़की को पढ़ाने का बीड़ा उठाया परन्तु रहने के लिए सिर पर छत नही, घर चलाने के लिए संसाधन नही । परन्तु श्री अशोक गहलोत की सरकार ने उसकी सुनी और गुड्डी कंवर को विधवा पेंशन स्वीकृत की जिससे 500 रूपये प्रतिमाह की सहायता उसे मिल रही है यही नहीं मुख्यमंत्री अन्न सुरक्षा योजना में बी.पी.एल. के रूप में चयनित इस छोटे से गरीब परिवार को दो रूपये प्रति किलो की दर से 25 किलो गेहूं प्रतिमाह मिलने लगा इस प्रकार यह परिवार आर्थिक तंगी से कुछ मुक्त हुआ और मात्र 50 रूपये में प्रतिमाह खाने के लिए गेहूं मिलने लगा।
गुड्डी कंवर की तकदीर में तब अचानक बदलाव आया जब मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने ”मुख्यमंत्री ग्रामीण बी.पी.एल. आवास योजना” की घोषणा की और पंचायत समिति पीसांगन की नांद ग्राम पंचायत के ग्राम लेसवा के 13 आवासहीन बी.पी.एल. गरीब परिवारों में गुड्डी कंवर का चयन प्रथम चरण में ही हो गया। पंचायत समिति द्वारा 24 अक्टूबर 2011 को गुड्डी कंवर को मकान बनाने के लिए 45 हजार रूपये की आर्थिक सहायता देने की प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति जारी की गई । इन्हें प्रथम किश्त के रूप में 22 हजार 500 का अनुदान 22 नवम्बर 2011 को तथा द्वितीय किश्त के रूप में 18 हजार रूपये 23 मार्च 2012 को उनके पोस्ट ऑफिस के खाते में जमा कराये गये । 4 हजार 500 रूपये की तृतीय किश्त का भुगतान इसी माह होना है। मात्र 6 माह की अवधि में गुड्डी कंवर ने अथक परिश्रम से सरकार की अनुदान राशि से अपने लिए खूबसूरत आशियाना बना लिया है जिसमें आज वह खुशी खुशी अपना जीवन गुजार रही है।
गुड्डी कंवर ने बताया कि हालांकि शुरू में उसके जीवन में अंधेरा छा गया परन्तु मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की सरकार की सहायता ने उसके जीवन में उजियारा ला दिया। उन्होंने बड़ी प्रसन्नता के साथ बताया कि उसके परिवार में एक मात्र लड़की प्रियंका राठौड़ है जिसको इस गांव में पांचवी कक्षा तक पढ़ाने के बाद उन्होंने जयपुर में उसके ननिहाल पढ़ाई करने के लिए भिजवा दिया और वर्तमान में सरकार की सहायता और उनकी मेहनत से प्रियंका जयपुर के एक महाविद्यालय में एम.कॉम. अंतिम वर्ष की छात्रा है। उन्होंने बताया कि सरकार भी बेटी को पढ़ाने और बेटी को बचाने का संदेश दे रही है और वे भी अत्यधिक प्रसन्न है कि उनकी एक मात्र लड़की अपने जीवन की सफलता की ओर बढ़ रही है।

 

-श्री प्यारे मोहन त्रिपाठी
सहायक निदेशक
सूचना एवं जन सम्पर्क कार्यालय

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