मलाला की जिंदगी बचाने के लिए दुआ मांगी

अजमेर। पकिस्तान में महिला अधिकारों और शिक्षा के लिए आवाज बुलंद करने वाली 14 साल की मलाला यूसुफ जई की हत्या के प्रयास को गैर इस्लामी करार देकर उस के समर्थन में दुआओं का दौर शुरू हो चुका है। सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में भी अमन और तालीम पसंद लोगों ने मलाला की जिन्दगी बचाने की दुआ मांगी। ख्वाजा साहब की मजार पर चादर पेश की गई। इस दुआ में सभी धर्मों के लोग शामिल हुए। मलाला की जिन्दगी को बचाने की दुआ के लिए दरगाह शरीफ में खजूर के बीज की गिनती के साथ की जाने वाली खास दुआ आयते करीमा और खतमे खाज्गान भी की गई।
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