ईद-उल-अज़हा के मौके पर कई परिवारो ने कि बकरो कि कुर्बानी

IMG_20150925_101129-1दौराई/02 सितम्बर। निकटवर्ती ग्राम दौराई में शनिवार को मुस्लिम समुदाय के लोगों ने त्याग व बलिदान के पर्व ईद-उल-अज़हा को बडे हर्षोल्लास से मनाया। समुदाय के लोगों ने अल्लाह की राह में बकरों की बढ़ चढ़ कर कुर्बानी दी। ग्राम स्थित दरगाह हजरत अब्बास पर सुबह से ही नमाजियों के पहुंचने का सिलसिला शुरु हो गया। सुबह 9 बजे दरगाह परिसर नमाजियों से खचाखच भर गया। दरगाह हजरत अब्बास पर मौलाना काजिम अली जैदी ने विशेष नमाज के बाद अपने वतन हिन्दूस्तान में आपसी इत्तेहाद व अमन चैन की दुआ मांगी । इसी प्रकार ग्राम की ईदगाह पर भी बड़ी संख्या में समुदाय के लोगों को मौलाना जिशान हैदर ने ईद कि नमाज अदा कराई। इसके बाद एक दुसरे को गले लगाकर मुबारकबाद देने का सिलसिला शुरु हो गया। समुदाय के लोग रंग बिरंगें नए कपड़े पहनकर खुशी से एक दुसरे को गले मिलकर मुबारक बाद देते नजर आए। ग्राम में सैंकड़ौं बकरों की कुर्बानी दी गई। मुस्लिम घरों में साल भर से बड़े प्यार से पल रहे बकरों को पाला गया। वहीं कईयों ने बाजार से मंहगें, खूबसूरत व वजनदार बकरों को खरीदकर अल्लाह की राह में कुर्बानी दी।

कई परिवारों ने दी एकता की मिसाल

कुर्बानी के इस पर्व पर मुस्लिम समुदाय के कई परिवारों ने एक साथ मिलकर दरगाह हजरत अब्बास अ.स पर एक ही बकरें की कुर्बानी देकर इतिहास रचा। ऑल इंडिया शिया फाउन्डेशन अजमेर के जिलाध्यक्ष आसिफ अली ने बताया कि प्रेम व सदभावना के इस पर्व को और रोमांचक व एकता की मिसाल कायम करने के लिए कई परिवारों ने यह फैसला लिया है।

तीन हिस्सों में बाँटी कुर्बानी

ऑल इंडिया शिया फाउन्डेशन अजमेर के प्रवक्ता मौलाना काजिम अली जैदी ने बताया कि कुर्बानी के बकरे को तीन हिस्सों में बाँटा गया। पहला हिस्सा गरीबों के लिए, दूसरा हिस्सा रिश्तेदारो को व तीसरा हिस्सा अपने लिए रखा जाता है।

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