मित्तल हॉस्पिटल में हुई जीवन रक्षा पर कार्यशाला

अजमेर। पुष्कर रोड स्थित मित्तल हॉस्पिटल और रिसर्च सेंटर द्वारा जयपुर के डॉ. एम एन टंडन मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को जीवन-रक्षा पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में अतिथियों सहित 60 से ज्यादा प्रशिक्षार्णियों को संबोधित करते हुए हॉस्पिटल की एनेस्थेटिस्ट डॉ. मिनल खासगीवाला ने बताया कि सड़क दुर्घटना में घायल और बेहोश होने, हार्ट अटैक और पक्षाघात होने पर या किसी अन्य कारण से चोटग्रस्त हुए व्यक्ति के बेहोश हो जाने पर कई बार नाड़ी का धड़कना बंद हो जाता है या दूसरे शब्दों में हृदय गति थम जाती है और मस्तिष्क में रक्त संचार रुक जाता है। ऐसी स्थिति में तत्काल छाती के बीच में दोनों हाथों से निरन्तर दबाव देने और मुंह से कृत्रिम सांस देने से रोगी की धड़कन दुबारा शुरू की जा सकती है। डॉ. खासगीवाला ने डमी पर जीवन रक्षा का डेमोस्ट्रेशन दिया।
डॉ. माया टंडन ने प्रोजेक्टर पर फिल्म के जरिए दुर्घटना के पहले 10 मिनट के दौरान पीडि़त को दिये जाने वाले प्राथमिक उपचार और सीपीआर की जानकारी दी। मुख्य अतिथि प्रादेशिक परिवहन अधिकारी एस के नामा ने कार्यशाला की सराहना करते हुए आमजन के साथ परिवहन स्टाफ  को भी प्रशिक्षण देने को कहा।
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