धर्म करना भी जीवन का महत्वपूर्ण कार्य- मुनि सुधासागर महाराज

जैन सुर संगम राजस्थान प्रतियोगिता के फाइनल में सुंदर भजनों पर ­ाूमे श्रोता
sudha sagarमदनगंज-किशनगढ़। मुनि सुधासागर महाराज ने सोमवार को आर.के. कम्यूनिटी सेंटर में धर्मापदेश देते हुए कहा कि जिन्दगी में असमर्थ होने व इच्छाएं पूरी नही होने पर व्यक्ति आत्म हत्या करता है जो गलत है। प्राणी संसार में जो चाहता है उसे वह कभी नही मिलता। पंचमकाल में मोक्ष नही मिलता। धर्म करना भी जीवन का महत्वपूर्ण कार्य है। लेकिन प्राणी सांसारिक कार्य को महत्व देते रहा है यही विनाश का कारण है। धर्म करने के लिए समय का इंतजार नही करना चाहिए। कर्म से आज तक कोई नही बच पाया। धर्म करने के लिए सांसारिक कार्याे का बहाना नही बनाना चाहिए। धर्म करने के लिए प्राणी जो बहाने बनाता है कर्म उसे नष्ट कर देता है। मंगल के सामने भीख मांगने पर वह अमंगल हो जाता है। जीवन में बिना मांगे मिलता है दिन रात तरकी करता है। प्रिय वस्तु के कारण धर्म को नही छोडना चाहिए। मुनिश्री ने अभिषेक, शांतिधारा करने की विधि विस्तार पूर्वक बताते हुए गंधोदक की महिमा का गुणगान करते हुए सभी को मंगल आशीर्वाद दिया। प्रात: श्रीजी का अभिषेक, शांतिधारा, चित्र अनावरण, दीप प्रज्जवलन, पाद प्रक्षालन, शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य सुनीलकुमार, मुकेशकुमार, दीपक, गौरव, प्रतिक जैन ब्यावर, अरविंद, रितेश जैन सतना, अशोककमार, उज्जवल काला, सतीश जैन जबलपुर, अरविंद जैन सागर, अमन जैन दिल्ली को मिला। दोपहर में सामयिक, सायं जिज्ञासा समाधान, आरती सहित विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
जैन सुर संगम राजस्थान प्रतियोगिता में बही भजनों की गंगा
ग्रांड फिनाले 8 अक्टबूर को
संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर महाराज के 50वें संयम र्स्वण जयंती महोत्सव के उपलक्ष में मुनि सुधासागर महाराज, मुनि महासागर, मुनि निष्कंपसागर, क्षुल्लक गंभीरसागर, क्षुल्लक धैर्यसागर महाराज के सान्न्ध्यि एवं आर.के. मार्बल के सहयोग तथा श्री दिगम्बर जैन धर्म प्रभावना समिति के तत्वावधान मेंं जैन सुर संगम राजस्थान प्रतियोगिता का फाइनल आयोजित किया गया। प्रतियोगिता के दौरान संतरंगी रोशनी, मधुर संगीत व खचाखच भरे पांडाल में भक्तो की तालियों के बीच 15 प्रतिभागियों ने मधुर आवाज के साथ सुंदर व मनमोहक भजनों की प्रस्तुति दी। जैन धर्म और आचार्यश्री के भजनों से पूरा पांडाल जिनमय हो गया। मधुर स्वरों में भजनों की सरिता के दौरान आचार्यश्री का गरिमामय गुणगान किया गया। प्रतिभागियों ने कब आओगें गुरूवर.., गुरूवर की लग्न में हो गई बावरी…, संयम स्वर्ण महोत्सव आया.., गुरू भक्ति में मन लागा…, गुरू चरण में रहकर जीवन को सफल करना है.., बडी मनभावन गुरूवर की चर्या.., दर दर भकटने की जरूरत नही.. तथा विद्यासागर ऋषि राज की गाथा गाते है.. आदि सुंदर भजनों से माहौल भक्तिमय हो गया और जैन धर्म व आचार्यश्री के जयकारों से पांडाल गुंजायमान होता रहा। फाइनल प्रतियोगिता का शुभारम्भ आर.के. मार्बल परिवार के कंवरलाल, महावीर प्रसाद, अशोककुमार, सुरेशकुमार, सुशीला, शांता पाटनी ने दीप प्रज्जवलित कर किया। कार्यक्रम में चित्र अनावरण प्रदीप पीएनसी आगरा, गुरू वंदना गोरी जैन जयपुर, मंगलाचरण ईशा जैन सांगानेर ने किया। प्रतियोगिता संयोजक सौरभ छाबडा व मीडिया प्रभारी संजय जैन के अनुसार प्रतियोगिता के फाइनल मुकाबले के निर्णायक मण्डल डा. गौरव सोगानी जयपुर, अवशेष जैन जबलपुर, दीपक जैन दिल्ली, रूपेश जैन दिल्ली, नेहा काला दिल्ली, सिद्धा पाटनी द्वारा 15 प्रतिभागियों में से 10 प्रतियोगियों का चयन ग्रांड फिनाले के लिए किया गया। प्रतियोगिता का ग्रांड फिनाले 8 अक्टूबर को आयोजित होगा। मंच संचालन कवि चन्द्रसेन भोपाल ने किया। कार्यक्रम में दस लक्की दर्शकों को सुशीला पाटनी ने पुरस्कार प्रदान किए। निर्णायक मण्डल, प्रतिभागियों के साथ महिला व बाल विकास मंत्री अनिता भेदल, विधायक भागीरथ चौधरी, पुलिस उपअधिक्षक मोटाराम बेनीवाल का सम्मान प्रकाश गंगवाल, सम्पत दगडा, भागचंद बोहरा, विनोद चौधरी, पूनम पहाडिया, नीरज अजमेरा, नौरतमल पाटनी, संजय जैन, महेन्द्र पाटनी, इन्द्रचंद पाटनी, राजेन्द्र जैन, सुशील अजमेरा, विनय जां­ारी, मदनलाल छाबडा, सौरभ छाबडा सहित समिति के पदाधिकारियों व सदस्यों द्वारा किया गया। इस अवसर पर अनेक श्रावक-श्राविकाएं मौजूद थे।
संजय जैन, मीडिया प्रभारी, श्री दिगम्बर जैन धर्म प्रभावना समिति, मदनगंज-किशनगढ़। 9829177225

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