आनन्दम् के तत्वावधान में गीत गुलजार

सृजन को समर्पित संस्था आनन्दम् के तत्वावधान में आगामी 29 अक्टूबर 2012 शरद पूर्णिमा की चांदनी में लवकुश गार्डन में सदाबहार गीतों का अनूठा कार्यक्रम गीत गुलजार आयोजित किया जा रहा हैं।
संस्था की सदस्या श्रीमती प्रीति तोषनीवाल ने बताया कि यह कार्यक्रम आनन्दम् कि चतुर्थ प्रस्तुती हैं जिसमें देश के ख्यातनाम, फिल्मी गीतकार, कवि और शायर भाग लेते हैं। इस बार गीत-गुलजार में कृष्ण सीरियल, ऐनिमेशन फिल्म रामायण और जमना किनारे जैसी हिट फिल्मों के गीतकार श्री रामेन्द्र मोहन त्रिपाठी, अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लोकप्रिय गीतकार श्री राजेन्द्र राजन् एवं हिन्दी, उर्दू गजल के ख्यातनाम कवि श्री दिनेश सिंदल अपनी प्रस्तुति देंगे। कार्यक्रम का संचालन श्री रावबिहारी गौड करेंगे।
संस्था की ओर से श्री सीताराम जी गोयल ने बताया कि कार्यक्रम नियत अवधि का है एवं प्रवेश आमंत्रण पत्र पर ही मान्य होगा। आमंत्रण पत्र संस्था के सदस्यों के पास उपलब्ध होगें। इस अवसर पर कार्यक्रम की तैयारियेां पर चर्चा करते हुए संस्था के सदस्य श्री रमेश ब्रह्मवर, हेमन्त शारदा, कवंल प्रकाश, नवीन सोगानी, सोमरत्न आर्य, सुनिल मुन्दडा, अनिल जैन, भवानी शंकर, निरंजन महावर, प्रतिभा गहलोत एवं डॉ. सुभाष माहेश्वरी उपस्थित थे।

संस्था का परिचय
आनन्दम् सृजन को समर्पित नगर की एकमात्र वो संस्था है जो मनोरंजन के साथ साथ ज्ञान रंजन, लोकरंजन व सामाजिक साद्देश्यता के कार्यक्रम आयोजित करती है।
संस्था की आवश्यकता – सांस्कृतिक विदूषता के इस दौर में जहाँ शुद्ध सात्विक सृजन से जनित कार्यक्रमों का नितान्त अभाव है। स्वस्थ व शालीन हास्य की खोज में पूरा समाज यंत्र-तंत्र भटक रहा है वहीं गीत-कविता की मनोरम स्वर सुनाई नहीं दे रहे। इस कमी को पूरा करने के लिए ‘आनन्दम्’ की स्थापना की गई।
परिवार – ‘आनन्दम्’ परिवार में नगर के प्रतिष्ठित व अग्रणी समाज सेवी, बुद्धिजीवी, शिक्षाविद्, व्यवसायी सभी वर्ग के प्रतिनिधी शामिल हैं। सभी सदस्य अपने-अपने क्षेत्र में आयाम स्थापित कर चुके हैं तथा नगर की सांस्कृतिक चेतना के प्रति प्रतिबद्ध है। जिसमें सीताराम गोयल, रमेश ब्रह्मवर, हेमन्त शारदा, श्रीमती प्रीति तोषनीवाल, एस.एस. सिद्धु, सोमरत्न आर्य, रासबिहारी गौड़, कवंल प्रकाश, अशोक पंसारी, नवीन सोगानी, डॉ. सुभाष माहेश्वरी, श्रीमती प्रतिभा गहलोत, अतुल माहेश्वरी, भवानी शंकर, सुनिल मुंदडा, निरंजन महावर, अनिल जैन, संजय कुमार सोनी एवं श्रीमती इन्दु जैन शामिल है।
कार्यक्रम – अपने दो वर्ष के कार्यकाल में ‘आनन्दम्’ के तीन कार्यक्रम अपनी गरिमा, गौरव एवं आभा के कारण आज भी शहर में चर्चा का विषय है।
प्रथम कार्यक्रम – ‘जस्ट हास्यम्’ अप्रेल माह 2011 में हास्य पर केंद्रित कार्यक्रम ‘जस्ट हास्यम्’ आयोजित किया गया। जिसमें अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त चार लाइना फेम हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा, लाफ्टर चैंपियन रास बिहारी गौड़, व्यंग्यकार तेजनारायण बेचैन, संजय झाला, अशोक चारण की प्रस्तुति रही। कार्यक्रम में ठहाकों का आलम ये रहा कि पूरा शहर महीनों हास्य रस में डूबा रहा और आज भी कार्यक्रम के जुमले लोगों की जुबान पर मुस्कान बिखेर रहे हैं।
द्वितीय कार्यक्रम – ‘गीत-गुलजार’ – अजमेर के इतिहास में पहली बार इतिहास बनाते हुए शरद पूर्णिमा की चांदनी में, संगमरमर की बारहदरी पर, झील के किनारे गीतों से सजी शाम ‘गीत-गुलजार’ का आयोजन किया गया। जिसमें ‘पुरवा सुहानी हाई रे’ जैसे फिल्मों के गीतकार, दो फिल्मफेयर अवॉर्ड विजेता श्री सन्तोष आनन्द सहित श्रीमति सरिता शर्मा, देवल आशीष, रमेश शर्मा ने गीतों की वो सरिता बहाई लगा कि शब्द झील में डुबकी लगा रहे हैं। आज तक वो कार्यक्रम श्रोताओं के मन मास्तिष्क में किसी पेंटिंग की तरह दर्ज है।
तृतीय कार्यक्रम – जस्ट हास्यम् द्वितीय जिसमें अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हास्य व्यंगकार श्री अशोक चक्रधर, पदम्श्री सुरेन्द्र दुबे, कमलेश शर्मा एवं रासबिहारी गौड़ के ठहाकों और कविताओं से एक फिर नगर की सांस्कृतिक और साहित्यिक चेतना मुखर हुई।
चतुर्थ कार्यक्रम – गीत-गुलजार द्वितीय – आगामी 29 अक्टुबर 2012 शरद पुर्णिमा को एक बार फिर आनासागर झील के किनारे चांदनी रात में अजमेर का अप्रीतम स्थान लवकुश गार्डन पर गीतो की छटा बिखेरने के लिये रामायण एवं श्रीकृष्णा जैसे लोकप्रिय सीरियलों के गीतकार रामेन्द्र मोहन त्रिपाठी, श्री राजेन्द्र राजन् एवं श्री दिनेश सिंधल का आना प्रस्तावित है।
योजना – हमारी हर वर्ष विभिन्न अवसरों पर इसी प्रकार के कार्यक्रम करने की योजना है। जिनमें होली के तुरंत बाद हास्यम् एवं शरद के आगमन पर गीत गुलजार मुख्य होंगे। हम चाहेंगे की इन कार्यक्रमों के माध्यम से उक्त विधा के शिरोमणि या सेलेब्रटी के साथ-साथ नए कवि कलाकार भी श्रोताओं को मिलें एवं सृजन की शुचिता घर-घर पहुचे।
विशेषताएं – कार्यक्रम की शालीनता, शिष्टता के समस्त मानदण्डों को रखते हुए नियत समय पर प्रारम्भ व अन्त करने का अनुशासन वही परम्परागत औपचारिकताओं से बचते हुए प्रत्येक श्रोता को अपना मुख्य अतिथि मानने की पहल आनन्दम् ने ही की है।

रमेश ब्रह्मवर
सदस्य आनन्दम्(संयोजक)

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