सतर्कता जांच में पारदर्शिता बरतें -प्रबंध निदेशक

vig1अजमेर, 24 अक्टूबर। अजमेर विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक श्री बी. एम. भामू ने निगम के सतर्कता दल के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे बिना किसी दबाव के निष्ठापूर्वक दिए गए लक्ष्यों के आधार पर समयबद्धता के साथ सतर्कता जांच पूर्णं करें।
प्रबंध निदेशक मंगलवार को डिस्काॅम के मुख्यालय भवन पर आयोजित सतर्कता दल के अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने बताया कि सतर्कता जांच भी निगम की एक सेवा है इस कारण सतर्कता शाखा अब से सेवा शाखा के नाम से जाना जाएगी।
बैठक में प्रबंध निदेशक ने सतर्कता/सेवा शाखा के कार्य में पारदर्शिता लाने के लिए उपभोक्ताओं को चार श्रेणियों में बांटा है। उन्होंने बताया कि श्रेणी -ए जिसमें ऐसे उपभोक्ता जिनके घरों में एसी या अन्य वह उपकरण लगे हुए है जिसकी वजह से बिजली खपत अधिक होती है। ऐसे उपभोक्ताओं की फीडर इंचार्ज या तकनीकी कर्मचारी हर महीने की बिलिंग और रीडिंग का ब्यौरा सहायक अभियंता कार्यालय में देंगे। श्रेणी – बी में बडे आवास जिनमें एसी नहीं लगे है, पर वहां बिजली खपत के अन्य कारण भी है, जैसे बोरिंग, गीजर आदि। ऐसे उपभोक्ताओं की बिलिंग एवं रीडिंग के लिए तकनीकी कर्मचारी और मीटर रीडर की जिम्मेदारी तय रहेगी। श्रेणी-सी में सामान्य आकार वाले आवास जहां बिजली केवल ट्यूब लाइट, पंखे और फ्रिज आदि के लिए काम आती है। ऐसे उपभोक्ताओं की माॅनिटरिंग भी होगी। उन्होंने कहा कि श्रेणी ए व बी पर विशेष सख्ती बरती जाएगी। वहीं श्रेणी डी में वे बिजली कनेक्शन जो कच्ची बस्तियों या निम्न वर्ग के लोगों के यहां लगे है जैसे बल्ब, टीवी आदि ऐसे इलाकों में छोटे स्तर पर हो रही बिजली दुरूपयोग को रोका जाएगा व समझाईश की जाएगी। श्रेणी सी व डी उपभोक्ताओं की सतर्कता जांच करने पर आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण किए गए राजस्व निर्धारण की राशि जमा नहीं करा पाते है तो निगम नियमानुसार उनकी प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जाता है इससे निगम व विद्युत चोरी निरोधक पुलिस थाना की छवि खराब होती है साथ ही जनहित में गलत संदेश जाता है इसलिए इन्हें बिजली का दुरूपयोग करने से रोका जाए व समझाईश की जाए।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पूर्व में सतर्कता जांच में जो लक्ष्य आवंटित किए जाते थे उनमें आपसी सहमति से परिवर्तन किए गए है। इनमें निम्न परिवर्तन शामिल है-
1. नम्बर आॅफ वीसीआर -पूर्व में जो वीसीआर किए जाने का लक्ष्य दिया जाता था उसे समाप्त कर दिया गया है।
2. राजस्व निर्धारण -12 लाख के स्थान पर 15 लाख कर दिया गया है।
3. वसूली – 15 लाख के स्थान पर 12 लाख कर दिया गया है।
4. प्राथमिकी रिपोर्ट- विद्युत चोरी अधिनियम की धारा 138 के तहत एफआईआर की संख्या 10 के स्थान 7 कर दी गई है।
5. गिरफ्तारी – विद्युत चोरी अधिनियम की धारा 138 के तहत गिरफ्तारियों की संख्या 10 के स्थान 7 कर दी गई है।
बैठक में प्रबंध निदेशक ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सतर्कता जांच में ओ एण्ड एम विंग, केन्द्रीय सतर्कता के अधिकारियों व थानाधिकारियों द्वारा किए गए कार्यो के आधार पर उन्हें अंक दिए जाएगेें। उन्होंने बताया कि राजस्व निर्धारण के लिए 40 अंक, वसूली के लिए 30 अंक, प्राथमिकी रिपोर्ट दर्ज व गिरफ्तारी के लिए 10 अंक, चोरी प्रकरण के लिए 10 अंक व टी एण्ड डी लोसेज के लिए 10 अंक दिए जाएगें।
निगम के सभी फीडर मैनेजर, फीडर इंचार्ज व मीटर रीडर के द्वारा फीडर पर होने वाली छीजत व चोरी की सूचना लिखित में सतर्कता अधिकारियों को दी जाएगी। उसके आधार पर जांच की जाएगी। प्रत्येक फीडर पर छीजत कम करने की जिम्मेदारी फीडर इंचार्ज की होगी।
डिस्काॅम में सतर्कता जांच में श्रेष्ठ कार्य करने के लिए प्रबंध निदेशक ने संभागवार अधिकारियों व पुलिस थाना अधिकारियेां को प्रमाण पत्रा देकर सम्मानित किया। सम्मानित होने वाले अधिकारियों में श्री एलएल मेघवाल (अधिशाषी अभियंता) राजसमंद, श्री जी डी फुलवारी (अधिशाषी अभियंता, सतर्कता) अजमेर जिला वृत्त अजमेर, श्री आर. पी. बरवड सहायक अभियंता, ग्रामीण झुंझुनूं व पुलिस थाना अधिकारियों में श्री रामेश्वर सिंह एसएचओ थाना मकराना, श्री इन्द्र सिंह एसएचओ थाना राजसमंद, श्री मुख्तार अहमद एसएचओ थाना झुंझुनूं और श्री चांद खां एसएचओ थाना नागौर शामिल है।
इस मौके पर निदेशक (वित्त) श्री एसएम माथुर, निदेशक (तकनीकी) श्री केपी वर्मा, अधीक्षण अभियंता सतर्कता श्री वीपी सिंह, अति. पुलिस अधीक्षक श्री मुकेश सांखला, टी ए टू एम डी श्री मुकेश बाल्दी, सहित समस्त अधिशाषी एवं सहायक अभियंताओं सतर्कता व डिस्काॅम के पुलिस थाना अधिकारी उपस्थित थे।

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