राजस्थानी लोक गीतों में दिया स्वच्छता का सन्देश

नृत्य और नाटक ने लोगो का मन मोहा

IMG-20171031-WA0034अजमेर। अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पुष्कर मेले में नगरपालिका पुष्कर के स्वच्छता पखवाड़े के दूसरे दिन मंगलवार को जागरुकता के कई कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरुक किया गया। कालबेलिया नृत्य कच्ची घोड़ी, ढोल बांकिया के साथ ही राजस्थानी नृत्य के माध्यम से सफाई के महत्व को बताया गया। स्वच्छता के इस मिशन को देसी पर्यटकों के साथ ही दूर देशों से आए विदेशी सैलानियों ने भी खासा सराहा। संयोजक गोपाल बंजारा व नाटक के लेखक और निर्देशक महेश वैष्णव के नेतृत्व में मेला मैदान सहित अन्य क्षेत्रों में किए गए नुक्कड़ नाटक को बड़ी संख्या में देशी और विदेशी पर्यटकों ने देखा और सराहा। नुक्कड़ नाटक का विदेशी पर्यटकों के लिए अशोक टांक ने अंग्रेजी अनुवाद किया जब विदेशी पर्यटकों को नुक्कड़ नाटक की थीम समझ में आई तो उन्होंने वरिष्ठ रंगकर्मी और लेखक निर्देशक गोपाल बंजारा की सराहना की और नगर पालिका पुष्कर के स्वच्छता मिशन को आज की जरूरत बताया। विदेशी पर्यटकों ने कहा कि आज पूरी दुनिया में प्रदूषण सबसे बड़ी समस्या है सिर्फ नगरी पुष्कर में साफ-सफाई रखने को लेकर नगर पालिका पुष्कर ने जो यह मेला क्षेत्र और आसपास के इलाकों में स्वच्छता अभियान चलाया है वह एक अनुकरणीय पहल है। सभी को स्वच्छता की अलख जगाने चाहिए। मेला मैदान में रंगकर्मी गोपाल बंजारा, महेश वैष्णव, मुकेश सबलानिया, कृष्ण गोपाल शर्मा प्रिया हल्द्वानी और राजेश कुमार सहित अन्य कलाकारों ने अपनी कला से सभी का मन मोह लिया।
लोगो की जुबा पर आया स्वच्छता गीत : अभियान के अंतर्गत गोपाल बंजारा की ओर से लिखित स्वच्छता गीत मेले में आये लोगो की जुबा पर छाने लगा है। लोग नुक्कड़ नाटक में शौचालय अब हर घर में बनाना है, स्वच्छता अभियान सफल करना है। सुनते है तो गीत लोगो को अच्छा लगता है और वे इसे गुनगुनाने लगते है।

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