श्रीमद् भागवत महापुराण कथा यज्ञ के समापन पर संतों का समागम

ph 14-11 2अजमेर- 14 नवम्बर – श्रीमद् भागवत महापुराण कथा सप्ताह यज्ञ में श्री ईष्वर मनोहर उदासीन आश्रम में पधारे संतो द्वारा आर्षीवचन देते हुये कहा कि श्रीमद् भागवत महापुराण का श्रृवण करना कल्याणकारी है, जीवन सफल हो जाता है। आश्रम के महंत स्वरूपदास उदासीन, तीर्थराज पुष्करराज के महंत हनुमानराम, हरिषेवा धाम भीलवाडा के सांई मायाराम, महंत अर्जुनदास, निर्मलधाम के स्वामी आत्मदास, जतोई दरबार के भाई फतनदास, प्रेम प्रकाष आश्रम के दादा नारायणदास हालाणी दरबार के देवीदास जी, विष्णुश्रीचंदाणी सहित पधारे संतो ने धर्मप्रेमियों को आर्षीवचन देते कहा कि हरिनाम का झण्डा लेकर भजन कीर्तन करें, समाज व परिवार का ध्यान रखते हुये भगवान की कथा करनी चाहिये। सिन्धी सारस्वत ब्राहमणों ने भी उपस्थित होकर पूजन करवाया।
व्यवस्थापक सन्त गौतमदास ने बताया कि परम पूज्य महामंडलेष्वर स्वामी जगदीषदास जी उदासीन के मुखारिवन्द से कथा ज्ञान करवाया और सुदामा चरित्र का वर्णन किया। सात दिवसीय यज्ञ की पूर्णाहूति देकर कथा को विश्राम दिया गया। पाण्डाल में पधारे श्रृद्धालुओं ने महाआरती का आयोजन किया। स्वागत सत्कार श्रीमति षीला व मोहनलाल कोटवाणी, षंकर सबनाणी, दीपक बालाणी, भगवानदास घनष्याम आडवाणी,जोधपूर के लखमीचंद किषनाणी, नरेन्द्र बसराणी, महेन्द्र कुमार तीर्थाणी, पार्षद मोहन लालवाणी, राजेन्द्र जयसिंघाणी, प्रकाष मूलचंदाणी, गोरधन मोटवाणी, हरीष मोदियाणी ने किया।

(महेन्द्र कुमार तीर्थाणी) मो.9414705705

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