राम मंदिर का समर्थन ही सच्ची राष्ट्रभावना होगी – भैयाजी जोशी

WhatsApp Image 2017-11-18 at 6.11.19 PMकार्यक्रम के प्रारंभ में श्री सुरेश भैया जी जोशी द्वारा दीप प्रज्वलन किया गया भैया जी जोशी एवं डॉ महेश शर्मा के स्वागत में बोर्ड चेयरमैन बी एल चौधरी श्रीमती अनीता जी भदेल जिला प्रमुख वंदना नोगिया प्रोफेसर बी एल सारस्वत प्रोफेसर ऋतु माथुर प्रोफेसर लक्ष्मी ठाकुर प्रोफेसर आशीष पारीक प्रोफेसर सुभाष चंद प्रोफेसर प्रवीण माथुर डॉ अरविंद शर्मा पूर्व कुलपति लोकेश शेखावत द्वारा किया गया इस अवसर पर सह सर कार्यवाह श्री मदन दास जी देवी भी उपस्थित थे उनको भी शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया गया इस अवसर पर पंडित दीनदयाल शोध संस्थान के अखिल भारतीय महासचिव श्री अतुल जैन भी उपस्थित रहे मंच संचालन कार्यक्रम संयोजक आनंद सिंह ने किया एवं धन्यवाद प्रोफेसर प्रवीण माथुर ने ज्ञापित किया इस कार्यक्रम में शहर के अनेक प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित रहे कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया

आज दिन दयाल शोध संस्थान द्वारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी वर्ष के अंतर्गत अजमेर में व्याख्यान कार्यक्रम आयोजित किया गया यह कार्यक्रम माध्यमिक शिक्षा बोर्ड स्थित राजीव गांधी सभागृह में आयोजित किया गया कार्यक्रम के प्रारंभ में एक डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शन किया गया यह डॉक्यूमेंट्री लगभग 30 मिनट की थी इसमें पंडित दीनदयाल जी के जीवन यात्रा का बहुत ही तथ्यात्मक तरीके से वर्णन किया गया दीनदयाल जी का भारतीय राजनीति में क्या योगदान रहा इसको विस्तार से दर्शाया गया पंडित दीनदयाल जी की सादगी का चित्रण भी बहुत प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया गया व्याख्यान कार्यक्रम के विषय वर्तमान संदर्भ में भू सांस्कृतिक राष्ट्रवाद पर प्रस्तावना रखते हुए पंडित दीनदयाल शोध संस्थान के अध्यक्ष पूर्व सांसद एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ महेश चंद शर्मा ने कहा की राष्ट्र क्या है देश और दुनिया में राष्ट्र शब्द की चर्चा होती है जिसे पर्यायवाची के रूप में बोला जाता है वर्तमान में राष्ट्र की कोई परिभाषा नहीं है युवाओं जैसी संस्था को अधिकार है कि किसी भी संप्रभु राज्य को मान्यता दे सकता है और वह राष्ट्र कहलाने लगता है वर्तमान में यू एन ओ के कारण ही राष्ट्रों की संख्या घटती और बढ़ती रहती है वर्तमान में राष्ट्र बनाएं बिगाड़े और मिटाए जाते हैं अराजकता आज का यक्ष प्रश्न है जिसे दूर करने में स्वयं सेवक संघ हस्तक्षेप करता है और करता रहेगा सामान्यतः इसे
एक राजनीतिक विज्ञान का विषय माना जाता है जबकि वेदों में तो राष्ट्र शब्द का प्रयोग एक बार ही नहीं अनेकों बार हुआ है यहां तक कि आज यूरोप में द्रीराष्ट्रवाद खड़ा हो गया है जबकि भूराष्ट्रवाद के आने के बाद ही मानवता सुखी होगी

इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता श्री सुरेश भैयाजी जोशी माननीय सर कार्यवाह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कहा भारतीय राष्ट्रवाद के साथ हिंदू शब्द से ही जुड़ा है हिंदू शब्द को संकीर्ण सांप्रदायिकता के आधार पर नहीं देखा जाना चाहिए उन्होंने स्मरण कराया कि जब बाबरी ढांचे को ढहाने के लिए हजारों हजारों की संख्या में कारसेवक अयोध्या पहुंचे थे तो रास्ते में उन्होंने किसी भी धर्म स्थल पर पत्थर नहीं फेंका ना किसी को नुकसान पहुंचाया था उनका उद्देश्य एक बाहरी आक्रमणकारी द्वारा स्थापित एक मस्जिद जो की मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी उसको हटाना था किसी भी प्रकार से इसमें इस्लाम का विरोध नहीं था देश में निवास करने वाले मुस्लिम धर्म वालों को भी यह समझना होगा कि भगवान राम ही राष्ट्रीयता का प्रतिक और रहेंगे उन्होंने बताया कि आर एस एस राजनीति से बहुत दूर है यह संस्था राष्ट्र व् राष्ट्रवाद की बात करने वाली संस्था है तो उसे राजनीति से कैसे जोड़कर देखा जा सकता है राजनीति से हटकर और उठ कर ही बात करनी होगी राष्ट्र की परिकल्पना इसी से होती रहेगी राष्ट्र तो बनते हैं मिटते हैं और यह चलता रहेगा वृहद भारत पूरा एक संस्कृति से जुड़ा हुआ है यह एक भ्रम के कारण अलग हुआ है उसे एक करने की जरूरत है और करना भी पड़ेगा राष्ट्रवाद में अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक की संकल्पना में बांट दिया गया है यह कट्टरता की भावना पैदा करता है जबकि वसुदेव कुटुंबकम वह पूरा विश्व एक है की संकल्पना पूरे विश्व में केवल भारतीय ही करते हैं और करते रहेंगे भैया जी जोशी ने बताया कि अगर भारत को समझना है तो संस्कृत को पढ़ना होगा वह समझना होगा बिना पढ़े और समझे भारत को समझा जाना संभव नहीं है जबकि हमारे यहां तो क्षेत्रीय पार्टियां अपने क्षेत्र विशेष वह अपने उत्थान मात्र के लिए अपने राष्ट्रीय हित का बलिदान करने के लिए भी तैयार रहती हैं

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