अजमेर। चाइल्ड लाइन के तत्वावधान में मदार दिशा आरसीडीसी एनजीओ के साथ हुई संगोष्ठी में राजस्थान राज्य किशोर बाल संरक्षण अधिनियम की चैयर पर्सन दीपक कालरा ने कहा कि किसी भी चाइल्ड अब्यूज और दुव्र्यवहार की सूचना चाइल्ड लाइन 1098 पर देकर सहयोग ले सकते हैं। असहाय व अनाथ बच्चों के संरक्षण के लिए सरकार ने चाइल्ड लाइन की व्यवस्था की है, जिससे कि उनके अधिकारों की रक्षा कर उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके। वे इस कार्य में बाल कल्याण समिति और स्वयं सेवी संस्थाओं का सहयोग करें और बच्चों को अपराधी नहीं समझ कर उनके साथ सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार करें। उन्होंने कहा कि परिवार में बच्चों के जीवन बनाने की जिम्मेदारी उनके माता-पिता की होती है, जबकि अनाथ व असहाय बच्चों की जिम्मेदारी सभी की है। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष एडवोकेट जयबहादुर माथुर ने कहा कि बच्चों से प्यार से बोलने से उनके भावी जीवन की स्थिति एकदम बदल सकती है। उन्होंने असहाय बच्चों के भविष्य के लिए बाल कल्याण समिति, स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा किये जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी दी।
चाइल्ड लाईन की नोडल संस्था दिशा के शहर समन्वयक मेल्विन स्टेनली ने पावर प्रजेन्टेशन के माध्यम से लावारिस बच्चों के संरक्षण के लिए किये जा रहे कार्यक्रमों के बारे में बताया। कार्यशाला में आयोजित खुले सत्र के दौरान पुलिस अधिकारियों, स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा किशोर बाल संरक्षण से संबंधित रखी गई समस्याओं का समाधान भी किया गया। राजस्थान महिला कल्याण मंडल की कार्यकारी क्षमा काकड़े, महिला बाल कल्याण समिति की नीता कंवर, चाइल्ड लाइन की करुणा फिलिप, अभयसिंह व नानूलाल प्रजापति ने भी विचार रखे। दिशा के निदेशक एन्थॉनी फर्नांडिस ने सभी का स्वागत व आभार व्यक्त किया।