– एजेंट की धोखाधडी से टूरिस्ट विजा पर कर रहा था भवन निर्माण में कारीगीरी काम
– गांव में बेबस बीबी और बच्चें कर रहे है इंताजार
– मदद को आगे आई रावत सेना
जवाजा।
गरीबी और बेबसी के बीच जिंदगी से थक चुकी पांच बच्चों की मां ने सरकार से अपने पति की वतन वापसी करवाने की गुहार लगाई है। पिछले एक माह से दुबई जेल में बंद अपने पति को छुडा पाने में असमर्थ पत्नी और पांच मासूम बच्चों का रो-रो कर बुरा हाल हो रहा है, वे रोज सुबह से शाम तक दरवाजे पर बैठकर अपने पति के आने का इंतजार कर रही है। सवा साल पहले 16 अक्ठूबर 2016 को अजमेर जिले के जवाजा थाना क्षेत्र के सुरडिया गांव निवासी मायादेवी का पति प्रभुसिंह पुत्र गोपीसिंह रावत अपने परिवार का कर्जा चुकाने के लिए डेढ लाख रूपए खर्च कर दुबई गया था। जहां भवन निर्माण के लिए कारीगीरी का काम करता था, गत 28 नवबंर प्रभु के लिए अशुभ दिन रहा, जब उसको दुबई पुलिस ने टूरिस्ट विजा पर काम करते हुए पकड लिया। हालांकि इस मामले में उसको भेजने वाले एजेंट ने उसके साथ धोखा किया था, लेकिन कानून के अनुसार विदेश में बिना विजा के रहने पर उसको जेल भेज दिया। कुल मिलाकर प्रभु का कसूर सिर्फ इतना था कि वह कर्जे में डूबा हुआ बरोजगार था और भेजने वाले एजेंट ने धोखा दे दिया। अब टूरिस्ट वीजा के कारण वह पिछले एक माह से जेल में है। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो रहा है। इधर रिहाई की मांग को लेकर माया अपने बच्चों के साथ जवाजा पुलिस थाने पहुंची लेकिन, थानाधिकारी रामस्वरूप चौधरी ने मामला विदेश मंत्रालय से जुड़ा हुआ बताते हुए किसी प्रकार की कारवाई करनेे से इनकार कर दिया। आखिर मायूस होकर बेरंग लौटाई माया।
सत्ताई सौ रूपए रोजना के नहीं चुका सकता परिवार – मायादेवी को जानकारी मिली कि पति को छुडवाने के एवज में भारतीय मुद्रा के सत्ताई सौ रूपए रोजाना का जुर्माना और अन्य खर्च के करीब डेढ लाख रूपए को चुकता कर पाना उसके या उसके परिवार के लिए काफी मुश्किल है। यहीं चिंता उसे खाए जा रही है और रोज अपने पति की वापसी की आस में दरवाजे पर बैठकर उसका इंतजार करती है।
15 माह से नही भेजा एक रूपया – माया ने बताया कि प्रभू को विदेश गए चौदाह महिने बीत गए, लेकिन उसने अब तक घर पर पैसा नही भेजा। अक्सर बात होने पर सेठ द्वारा एक साथ पैसा देकर भेजने की बात कहता रहता था। ऐसे में माया ने बताया कि उसको 15 माह से पैसा भी नही मिला है। माया ने बताया कि उसके तीन बेटे और दो बेटियां है, सबसे बडा बेटा 11 साल का ही है। तीन मासूम बच्चों के साथ अपने परिवार का गुजर-बसर करने के लिए वह स्वयं भी मजदूरी करने को मजबूर है।
रावत सेना ने पीडा सुनते ही सहयोग का उठाया बीडा – विदेश भेजने वाले एजेंट की धोखाधडी से दुबई जेल में बंद जवाजा थाना क्षेत्र के सुरडिया गांव निवासी प्रभुसिंह रावत की मदद करने को लेकर कई संस्थाएं आगे आ रही है। करीब महिनेभर से जेल में बंद प्रभु की पीडों को विभिन्न संगठनों ने विदेश मंत्रालय तक पहुंचाया, लेकिन अब तक कार्रवाई नही हो पायी है। पीडित परिवार की मदद करने के लिए रावत सेना प्रदेश उपाध्यक्ष किशोरसिंह रावत, प्रदेश आंदोलन प्रमुख देवीसिंह जवाजा, प्रवक्ता हरिसिंह दुर्गावास, रतनसिंह सुरडिया, गोविन्दसिंह रावत, दयालसिंह अतीतमंड, नरेन्द्रसिंह शाहपुरा आदि ने पीडित परिवार को खाद्य सामग्री, स्वेटर, कम्बल, गर्म कपडे और आर्थिक मदद कर परिजनों को ढांढस बंधाया। साथ ही रावत सेना ने हर संभव मदद करने का आश्वासन दे कर शीघ्र ही केन्द्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात कर प्रभु की वतन वापसी करवाने की बात कही। उन्होने इस संबंध में विदेश मंत्रालय को अवगत करवाना बताया। इधर पीडित के परिजनों का प्रभु की वतन वापसी के इंतजार में रो-रो कर बुरा हाल हो रहा है। फोटो केप्शनः गांव सुरडिया में दुबई जेल में बंद पीडित प्रभुसिंह रावत के परिजनों को खाद्य सामग्री, स्वेटर, कम्बल, गर्म कपडे और आर्थिक मदद कर परिजनों को प्रभु की वतन वापसी करवाने का ढांढस बंधाते रावत सेना कार्यकर्ता।