मूत्र मार्ग में संक्रमण पीड़ित का सही मूल्यांकन जरूरी-डाॅ कुलदीप शर्मा

CME- Dr Kuldeep (MHRC)अजमेर। मूत्र मार्ग में संक्रमण पीड़ित का सही मूल्यांकन जरूरी है। मूत्र मार्ग में भले जीवाणु उपस्थित है तो सभी को ईलाज की जरूरत नहीं है। सिर्फ महिलाओं में जिनके प्रसव अवस्था है और निकट भविष्य में आॅपरेशन की जरूरत है तो उन्हें ईलाज जरूरी है।
मित्तल हाॅस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर अजमेर के यूरोलाॅजिस्ट डाॅ कुलदीप शर्मा ने बुधवार रात्रि आयोजित सेमिनार में यह विचार रखे। सेमिनार मूत्र नली में संक्रमण साधारण और जटिल विषय पर रखा गया था। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ के.के.सोनी के मुख्यातिथ्य और जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय के जनरल सर्जरी विभाग के सेवानिवृत्त विभागाध्यक्ष एवं प्रोफेसर डाॅ टी पी देवपुरा की अध्यक्षता में आयोजित सेमिनार में अजमेर के अनेक चिकित्सकों ने हिस्सा लिया।
डाॅ कुलदीप ने बताया कि मूत्र मार्ग में बिना लक्षण के संक्रमण रहता है तो सभी को ईलाज की जरूरत नहीं होती। उन्होंने बताया कि सामान्य तौर पर देखा गया है कि लोग चिकित्सक की सलाह के बिना भी मूत्र की जांच कराते हैं और यदि उसमें मूत्र मार्ग में जीवाणु की उपस्थिति होना ज्ञात होता है तो एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन शुरू कर देते हैं। यह प्रेक्टिस सही नहीं होती। उन्होंने कहा कि मूत्र मार्ग में संक्रमण दुनिया का तीसरा बड़ा संक्रमण है। यह पथरी, प्रोस्टेट, मूत्र की थैली के कमजोर होने, गुर्दे के कैंसर होने, पैशाब की नली लगे होने के कारण हो सकते हैं। जरूरत मूत्र मार्ग के संक्रमण से ग्रसित मरीज के सही मूल्यांकन की होती है। जिससे मरीज को अपेक्षित उपचार दिया जा सके। बिना लक्षण के मूत्र मार्ग का संक्रमण रहने पर एंटीबायोटिक दवाइयां दिया जाना एंटीबायोटिक का दुरुपयोग ही कहा जाएगा। इससे मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है।
इस मौके पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ के.के सोनी ने डाॅ कुलदीप शर्मा के अध्ययन और विषय पर दक्षता की सराहना की। इससे पहले सेमिनार के प्रारम्भ में मित्तल हाॅस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर अजमेर के चिकित्साधीक्षक डाॅ विनोद विजयवर्गीय ने मुख्य अतिथि डाॅ के के सोनी का बुके भेंट कर स्वागत किया। इस मौके पर निदेशक डाॅ दिलीप मित्तल सहित अनेक चिकित्सक मौजूद थे।

संतोष गुप्ता
प्रबन्धक जनसम्पर्क/9116049809

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