सिंहनाद से ही होगा भारत का पुनरूत्थान – प्रांजलि येरेकर

IMG-20180123-WA0027सिंह के पुरूष से युक्त युवा ही भारत को विष्व गुरू के पद पर आसीन कर सकते है, स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि मेरा विष्वास युवा पीढ़ी में है, और इस पीढ़ी से युवा निकलकर भारत को श्रेष्ठ बनाएंगे आज का युवा सामर्थ्यवान है किंतु उसकी षक्तियां सुषुप्त अवस्था मे पड़ी हुई है जिन्हे जगाने के लिए उसे अपने अंतर्मन में झांकना होगा और भारत की गौरवमई परपंरा को आत्मसात करते हुए स्वयं को ही भारत समझ कर आगे बढ़ना होगा । हम भारत माता की पूजा करते है किंनु उसी भारत माता को गंदा भी करते है हमें अपने आदर्षों को व्यवहार में लाने की आज आवष्यकता है, उक्त विचार विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी, राजस्थान की प्रांत संगठन सुश्री प्रांजलि येरेकर ने आज संस्कृति स्कूल में विवेक पखवाडे़ के अंतर्गत ओयाजित विचार गोष्ठी में व्यक्त किये।

उन्होने युवाओं का आह्वान करते हुए कहां कि हमें अपने कार्यों को श्रेष्ठता की ऊंचाई तक ले जाने का संकल्प मन में लेकर भारत के उत्थान के लिए कार्य करने की आवष्यकता है।

इस अवसर पर संस्कृति स्कूल के प्राचार्य कर्नल एके त्यागी , हरदीप सिंह, डॉ रजनीष चारण, संगीता इंदौरिया तथा विवेकानंद केंद्र के प्रंात प्रषिक्षण प्रमुख डॉ स्वतंत्र कुमार षर्मा भी उपस्थ्ति थे।

(रविन्द्र जैन)
नगर प्रमुख
9414618062

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