सरकार के संरक्षण में पेपर लीक हुआ है

विजय जैन
अजमेर । केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पेपर लीक मामले में कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार के संरक्षण में पेपर लीक हुआ है। सरकार में शिक्षा माफियाओं का दबदबा है इसलिए छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, कांग्रेस ने सरकार की वर्तमान शिक्षा नीति पर कई सवाल उठाए।
शहर कांग्रेस अध्यक्ष विजय जैन के हवाले से जारी बयान में प्रवक्ता मुजफ्फर भारती ने बताया कि पिछले 13 दिनों मैं केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10 वीं और 12 वीं कक्षा के विभिन्न विषयों के प्रश्न पत्र खुलेआम वाट्सएप पर सर्कुलेट होने के बावजूद भी सी.बी.एस.ई. चेयरमैन एवं केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावेडकर द्वारा प्रश्न पत्र लीक होने के तथ्यों को झुठलाया जाकर नकल माफियाओं को बचाने की भरपूर कोशिश की गई जिससे साफ जाहिर है कि नकल माफियाओं के तार सरकार के अंदर तक जुड़े हैं।
विजय जैन का आरोप है कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के 25 लाख छात्रों का भरोसा बोर्ड से उठ चुका है और यह हालात सिर्फ केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड तक ही सीमित नहीं है हाल ही में कर्मचारी चयन आयोग नई दिल्ली द्वारा आयोजित कमांड हायर सेकेंडरी लेवल की ऑनलाइन परीक्षा में भी जिस प्रकार नकल माफियाओं ने बायोमेट्रिक क्लोनिंग और रिमोट एक्सेस तकनीक के माध्यम से वृहद स्तर पर नकल करवाई जा कर कर्मचारी चयन आयोग की विश्वसनीयता पर ही प्रश्नचिन्ह लगा दिया जिससे जाहिर है कि सरकार में नकल माफिया अंदर तक घुसे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार के साथ-साथ राजस्थान की सरकार भी नकल माफियाओं के आगे बेबस हो चुकी है राजस्थान पुलिस कांस्टेबल भर्ती की 45 दिन चलने वाली ऑनलाइन परीक्षा को महज 10 दिन में ही रद्द करना पड़ा वसुंधरा सरकार ने तो नकल माफियाओं के सामने यहां तक घुटने टेक दिए हैं कि अब इस ऑनलाइन होने वाली परीक्षा को ऑफलाइन करवाए जाने की घोषणा की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि जब पुलिस विभाग अपने ही विभाग की भर्ती में नकल रोकने में नाकाम सिद्ध हो चुका है तो उस पुलिस से दूसरे विभागों की परीक्षाओं में नकल रोकने या नकल माफियाओं के विरुद्ध कार्रवाई की जाने की आशा कैसे की जा सकती है कांस्टेबल भर्ती में 16 लाख अभ्यर्थियों की अब सरकार ऑफलाइन परीक्षा कैसे आयोजित करेगी इसका कोई रोड मैप सरकार के पास नहीं है।
शहर कांग्रेस अध्यक्ष विजय जैन ने आरोप लगाया कि 8 दिसंबर 2017 को गुजरात से पीएम मोदी की चहेती को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया है और जब दिल्ली में बोर्ड की दो परीक्षाओं के पेपर लीक हो गए थे उस समय CBSE की अध्यक्षा गुजरात में अपनी किताब के विमोचन में व्यस्त थी।
सीबीएसई पेपर लीक मामले में कांग्रेस का हमलावर रुख इख़्तियार कर कांग्रेस की ओर से मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए शहर कांग्रेस प्रवक्ता मुजफ्फर भारती ने कहा कि मोदी सरकार के संरक्षण में यह लीक हुआ उन्होंने कहा कि सरकारी संरक्षण के अंदर सारे पेपर बेच डाले गये अब केंद्र का मानव संसाधन मंत्रालय बताएं कि एग्जाम हो रही थी, या चिटिंग हो रही थी।

शहर कांग्रेस ने सरकार से पांच सवाल किये और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और सीबीएसई निदेशक को हटाने की मांग की

पहला सवाल: सालों से सीबीएसई के विधार्थियों को 3 पेपर दिए जाते थे. यानी पहले का एक पेपर, दूसरे का पहले से मेल नहीं खाएगा और तीसरे का दूसरे और पहले से. यानी तीन अलग-अलग पेपर दिये जाते थे. ताकि इससे चिटिंग न हो सके. आखिर किस साजिश के तहत मोदी सरकार ने तीन पेपर की प्रैक्टिस को बंद कर दिया. चार जोन को खारिज कर एक जोन में परीक्षा करवाईं? आखिर इसके क्या कारण थे? क्या कारण है कि तीन अलग-अलग पेपर सेट करने के बदले एक ही पेपर तैयार किया. आपने चार जोन को खत्म कर एक ही में क्यों बांटा?

दूसरा सवाल: एचआरडी और पीएम द्वारा सीबीएसई के पिछले प्रमुख का कार्यकाल छोटा क्यों कर दिया गया, और उनकी जगह ऐसे व्यक्ति को क्यों लाया गया जो मोदी जी की करीबी थीं. आखिर उनमें ऐसी क्या बात थी, जिन्हें चुना गया? आखिर क्या कारण है कि पेपर लीक होने के बाद भी सीबीएसई बेवकूफ बनाता रहा?

तीसरा सवाल: क्या यह सही है कि शिक्षा मंत्रालय और सीबीएसई के नाक के नीचे एक बहुत बड़ा शिक्षा माफिया फल-फूल रहा है?

चौथा सवाल: सीबीएसई की परीक्षा प्रणाली में पिछले कुछ सालों से अनेकों गड़बड़ियां पाईं गईं. चाहे मार्क्स की गड़बड़ी हो या मुश्किल सवाल पूछने की प्रथा. सीबीएसई से जिसे 10वीं या 12 वीं का एग्जाम संभल नहीं रहा, उन्हें नीट की जिम्मेवारी क्यों दी?

पांचवा सवाल: क्या सीबीएसई पेपर लीक की निष्पक्ष जांच नहीं होनी चाहिए? साथ ही जवाबदेही सुनिश्चित की जाए. एचआरडी मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और सीबीएसई के चेयरपर्सन को हटाए बगैर इसकी निष्पक्ष जांच संभव नहीं है. इसलिए कांग्रेस उन्हें हटाने की मांग करती है।

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