सेवा, संस्कार व संगठन ही सिन्धु सभा की पहचान – बच्चाणी

अजमेर – 30 मार्च- भारतीय सिन्धु सभा 1979 स्थापना से देष भर में सभी सामाजिक संगठनों, पूज्य सिन्धी पंचायतों को जोडकर संघ की प्रेरणा से संतो का आर्षीवाद लेकर सेवा, संस्कार व संगठन के रूप में सेवा कर रही है। ऐसे विचार सभा की स्थापना दिवस पर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नवलराय बच्चाणी ने प्रकट किये। प्रदेष महामंत्री महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने कहा कि राजस्थान में 90 स्थानों से अधिक सक्रिय ईकाईयां सेवा कर रही है और सभा की ओर से पंचायत सम्मेलन, युवा सम्मेलन, महापुरूषों के बलिदान दिवस के प्रेरणादायी कार्यक्रमों सहित सिन्धी भाषा व संस्कृति के कार्य कर रही है और सिन्धी बाल संस्कार षिविरों के माध्यम से विद्यार्थियों को जोड रही है। सिन्ध मिलकर अखण्ड भारत बनेगा और युवा पीढी गौरवमयी इतिहास पर गर्व करे ऐसे वार्षिक कलण्डर बनाकर कार्यक्रम किये जा रहे है।
कार्यक्रम का षुभारम्भ भारत माता, ईष्टदेव झूलेलाल व सिन्ध के चित्र पर माल्यार्पण कर प्रारम्भ किया गया। संगठन गीत संगठन मंत्री मोहन कोटवाणी व जिलाध्यक्ष मोहन तुलस्यिाणी ने संगठन गतिविधियों पर विचार प्रकट किये। कार्यक्रम संचालन महानगर मंत्री महेष टेकचंदाणी ने किया। कार्यक्रम में सभी ने समर्पण निधि संगठन के लिये सेवा की। कार्यक्रम में संगठन विस्तार हेतु दादा नवलराय बच्चिाणी, पूर्व अध्यक्ष नानकराम जयसिंघाणी व तुलसी सोनी का अभिनंदन किया गया।
कार्यक्रम में संभाग प्रभारी नरेन्द्र बसराणी, प्रदेष युवा मंत्री मनीष ग्वालाणी, कोषाध्यक्ष कमलेष षर्मा, महेष सावलाणी, पार्षद मोहन लालवाणी, खेमचंद नारवाणी, भगवान पुरसवाणी, रमेष वलीरामाणी, किषन केवलाणी, पुरषोतम जगवाणी सहित विभिन्न ईकाईयों के कार्यकर्ता उपस्थित थे।

(महेष टेकचंदाणी)
महानगर मंत्री,
मो .9413691477

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