संस्कृति द् स्कूल का 8वॉं वार्षिकोत्सव सम्पन्न

अजमेर। संसार को अच्छा बनाना है मेरे लिए, तुम्हारे लिए और सम्पूर्ण संसार के लिए तथा इसके लिए हमें उदार दृश्टिकोण अपनाना होगा। यही संदेष निहित था संस्कृति द् स्कूल के वार्शिक उत्सव ‘दक्ष’ में । कार्यक्रम की थीम ‘हार्मनी’ का आधार बनाकर छात्र-छात्राओं ने जहॉं नृत्य, गीत, नाटक, जुगलबंदी के द्वारा यह संदेष देने का प्रयास किया कि समन्वय, सहयोग व एकता से ही हम सुखद् संसार की रचना कर सकते हैं, वहीं प्रदर्षनी में भी इसी थीम को विभिन्न विशयों से प्रोजेक्ट, मॉडल्स, चार्ट्स, लघुनाटिका, कठपुतली प्रदर्षन, नुक्कड़ नाटक के माध्यम से प्रदर्षित किया गया । सांस्कृतिक कार्यक्रम से पूर्व दोपहर 2ः30 बजे विद्यालय प्रदर्षनी का उद्घाटन च्1। की नन्ही छात्रा श्रीचरिता कीर्तना के अभिभावक श्रीमती एवं श्री के0एन0वी0एम0 के करकमलों के द्वारा किया गया ।
सांयकालीन कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन मुख्य अतिथि डॉ0 के0के0 पाठक, सचिव, आर.पी.एस.सी., अजमेर के द्वारा मॉं सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलन एवं विष्वषांति, कल्याण के मंत्रोच्चारण से किया गया । सभी मेधावी छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत करते हुए सम्पूर्ण विष्व की मंगल कामना की तथा विद्यालय की उपलब्धियों को सराहा।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में विद्यालय के चेयरमैन श्री सीताराम जी गोयल ने अपने उद्बोधन में सभी विद्यार्थियों को संदेष दिया । सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रथम प्रस्तुति प्राईमरी विभाग के नन्हे मुन्ने बच्चों ने प्रकृति संरक्षण का संदेष देते हुऐ की । जिसे सभी दर्षकों व महानुभावों से सराहा तथा अगली प्रस्तुति योगा पर आधारित थी, जिसमें योग प्रदर्षन के द्वारा विद्यार्थियों ने पंचतत्वों तथा मनुश्य के बीच के समन्वय का सुन्दर प्रदर्षन किया । इसी क्रम में सम सामयिक नृत्य में मानवीय संबंधों के संक्रमण की पीड़ा को व्यक्त कर विद्यार्थियों ने सबका मन मोह लिया । हिन्दी नाटक ‘‘ चारूमित्रा’ के द्वारा कलिंग युद्ध की विभीशिका, राजा अषोक का हृद्य परिवर्तन तथा षान्ति पथ की ओर अग्रसर होने का प्रभावी मंचन प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम की अगली प्रस्तुति थी मूकामिनय जिसमें विद्यार्थियों ने लघु नाटिका तथा किसी की मुस्कराहटों पर हो निसार गीत पर नृत्य कर ‘‘देने का सुख’’ उक्ति को चरितार्थ किया । अंग्रेजी नाटक ‘इन दी नेम ऑफ गॉड’ में साम्प्रदायिक सौहाद्र बनाए रखने का संकल्प दिया गया, जिसमें सभी कलाकारों ने अपनी – अपनी अभिनय प्रतिभा का लोहा मनवाया । कार्यक्रम के अन्य आकर्शण पूरब पष्चिम, उत्तर दक्षिण के बंगाली नृत्य, मोहिनी अट्टम, भांगड़ा तथा राजस्थानी व पंजाबी नृत्य रहे । कार्यक्रम का मुख्य आकर्शण भारतीय षास्त्री संगीत तथा पाष्चात्य संगीत की जुगलबंदी रही, जिसकी प्रस्तुति ने उपस्थित सभी अतिथि एवं अभिवावकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। सांस्कृतिक कार्यक्रम का निर्देषन उप प्राचार्या (सांस्कृतिक कार्यक्रम) श्रीमती षाष्वती घोश के द्वारा किया गया तथा अन्त में प्राचार्य श्री अमरेन्द्र मिश्रा ने विद्यालय की वर्शभर की उपलब्धियों का विवरण देते हुए कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों एवं अभिवावकों का धन्यवाद ज्ञापन किया।
अमरेन्द्र मिश्रा,
प्राचार्य

error: Content is protected !!