मजम्मत के काबिल है सरवर चिश्ती का बयान

महान सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह की रजिस्टर्ड संस्था अंजुमन सैयद जादगान के पूर्व सचिव सरवर चिश्ती ने अगर वाकई ये कहा है कि मोदी प्रधानमंत्री बन गए तो कोई ताज्जुब नहीं कि सारे मुसलमान आतंकवादी बन जाएं, तो वह बयान मजम्मत के काबिल है।
यह बयान दो मायनों में गैर वाजिब माना जा सकता है। एक तो वे दुनिया में सांप्रदायिक सौहार्द्र की मिसाल दरगाह शरीफ से जुड़े हुए एक जिम्मेदार खादिम हैं, जिनके मुंह से शांति का संदेश मिलने की उम्मीद की जानी चाहिए। दूसरा ये कि अगर वे ऐसा सोचते हैं तो यह उनकी निजी राय हो सकती है, मगर पूरी मुस्लिम कौम की तरफ से इस तरह के बयान का वे हक नहीं रखते।
जानकारी के मुताबिक उनके विवादित बयान पर मंगलूर शहर की पांडेश्वर पुलिस ने मामला दर्ज किया है। गत दो नवंबर को पॉपूलर फ्रंट ऑफ इंडिया की सार्वजनिक बैठक में दिए गए इस बयान पर वहां के नागरिक सुनील कुमार ने शिकायत दर्ज करवाई है कि यह भड़काऊ भाषण लोंगों को दंगे उकसाने प्रयास है।
हालांकि अब अजमेर आ कर उन्होंने एक तरफ तो यह कहा है कि उन्होंने साफ सुथरी बात कही है और उन्हें अपने कहे का मलाल नहीं है, मगर दूसरी ओर बयान में सुधार कर यह भी कहा है कि यदि मोदी देश के प्रधानमंत्री बनते हैं तो देश में सेक्युलरिज्म कहां रह पाएगा? उनका पहला बयान जहां वाकई आपत्तिजनक है, वहीं दूसरा बयान ऐसा है, जिसकी चिंता कांग्रेस सहित अन्य धर्मनिरपेक्ष ताकतों को भी है। उसकी वजह ये है कि मोदी अपनी छवि विकास पुरुष के रूप में स्थापित करने की लाख कोशिशों के बाद भी सांप्रदायिकता की छाप से तो मुक्त नहीं हो पाए हैं। विशेष रूप से मुसलमानों में तो मोदी की छवि कत्तई अच्छी नहीं कही जा सकती। इस रोशनी में चिश्ती का बाद वाला बयान कुछ-कुछ ठीक प्रतीत होता है। और कुछ नहीं तो इससे कम से कम मुसलमानों के बीच मोदी की छवि कैसी है, उसका अनुमान तो होता ही है। अपनी बात को बल प्रदान करने के लिए चिश्ती का यह कहना समझ में आता है कि गुजरात दंगों के बाद पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी कहा था सीएम को राजधर्म निभाना चाहिए। अमेरिका ने भी वीजा पर रोक लगा दी थी। पूरे देश और दुनिया में गुजरात दंगों और विशेष तौर पर अल्पसंख्यकों के नरसंहार की कड़ी भत्र्सना हुई है। वे कहते हैं कि ऐसे में मेरा कहा एक रिएक्शन है। बेशक उनका कहा एक रिएक्शन है, मगर यदि उन्हें आशंका है कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने पर ताज्जुब नहीं कि सारे मुसलमान आतंकवादी हो जाएं, तो यह अतिवादी नजरिया है। भले ही उन्होंने ऐसा भाववेश में आ कर कहा हो या उनकी जुबान फिसली हो, मगर उनका वह बयान मजम्मत के काबिल ही है। वो इसलिए कि ऐसा कह कर वे सारे मुसलमानों को कट्टरपंथी करार दिए दे रहे हैं। ऐसे में मुसलमानों और विशेष रूप से खादिमों की जमात को उनके बयान की मजम्मत करनी चाहिए। खादिमों को इसलिए कि दरगाह से जुड़ा कोई जिम्मेदार शख्स अगर ऐसा कहता है तो इससे न केवल खादिम कौम पर संदेह उत्पन्न हो सकता है, अपितु दरगाह शरीफ पर अकीदा रखने वाले लाखों हिंदुओं की आस्था पर भी असर पड़ सकता है। अब देखना ये होगा कि चिश्ती अपने बयान में घोषित रूप से संशोधन करते हैं या उन पर संशोधन का दबाव बनता है। और या फिर बात आई गई हो जाती है।  जहां तक चिश्ती को निजी तौर पर जानने वालों का सवाल है, उन्हें एक प्रगतिशील खादिम के तौर पर जाना जाता है और खादिमों में नई सोच लाने की उनकी कोशिशों को सब जानते हैं। यही कारण है कि उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा कि क्या वे ऐसा बयान भी दे सकते हैं, या फिर बयान में कुछ हेरफेर है।
-तेजवानी गिरधर

6 thoughts on “मजम्मत के काबिल है सरवर चिश्ती का बयान”

  1. तेजवानी जी इनके कुछ कहने या ना कहने से ” मोदीजी ” को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है
    इनेह ‘मोदीजी ” के पी . ऍम बनने की चिंता नहीं है … चिंता इस बात की है की यदि मोदीजी पी ऍम बन गए तो देश का विकाश होगा
    जो शायद इनेह पसंद ना हो … क्योकि इन्हें आदत सी हो गयी है कांग्रेस राज मे ना इन्साफी , जलालत झेलने की

  2. tejwani ji jab ye secetory hua karte the me joint sec. tha mene inke sath kam kiya hai 7 saalo tak ,me inki har bat se waqif hu ,ye chahte hai ki is bat ya bayan ko mahatve mile taki vapas pun ye limelight me aa sake is liye jan bhuj ke is tarah ki bat ko sare musalmano se jod kar khud ko musalmano ka rehbar batane ki koshish ki ja rahi hai ,in se puchiye ki vighat 10 varsho se modi gujrat me cm hai kitne musalman aatankvadi ban gaye jara bataye aur app ke eid ke din pakistan ka purve pradhan mantri bharat ke liye apshabd kehta hai khashmir pe kabje ki mansha darshata hai lekin ajj din tak app us ki majjammat tak nahi karte tab kya hindustan ka musalman jalil aur khwar nahi hota manniye sarwar sahib chahte hai unki bat ka virodh ho taki unhe pun apna purana sthan mil sake ,lekin hum logo ko inki mansha ko is tarah samajh jana chahiye ki jis tarah har c class film ka produser apni film ko hit karwane ke liye koi ek aisa vishay chod deta hai jis se film ko le kar vivadh ho aur us ki film ki muft publicity ho sake ,isi tarah ka ye bayan hai jo chahta hai ki use mahatve mile is liye .

  3. Sarwar chishty us community se aate hain jo ki jhoot bolne aur innocent muslims ko dargah ke naam pe thagne ka kaam krte hain…so its all refuge from start…

  4. जिस व्यक्ति (नरेन्द्र मोदी) के (संधर्भ) बारे में सरवर जी यदि ये बयान है तो कुछ गलत नहीं है ये उस व्यक्ति के बारे में है जिसके मुख्यमंत्री के रूप में ये जिम्मेदारी बनती थी की वो अपने प्रदेश के लोगो की जान की रक्षा करता (कारण या प्रष्टभूमि कुछ भी हो ) पर वो ऐसा करने में नाकाम रहा यदि आप एक मुख्यमंत्री के रूप में अपने प्रदेश को नहीं संभाल सकते तो प्रधानमंत्री के रूप में इस विशाल अनेकता वाले देश को क्या संभालोगे. केवल विकास से कुछ नहीं होता विकास जिन्दा लोगो के लिए होता है.
    और एक पुरानी कहावत है संगी साथियो से आपके चरित्र की पहचान होती है जिसके संगी साथी माया बेन कोडनानी और अमित शाह जैसे लोग हो उसके बारे में मै खुद क्या कहूं?.
    इसीलिए मैंने लिखा था :
    इस सिरे से उस सिरे तक हर कोई गुनाहगार है
    कोई है जमानत पर और कोई फरार है!!!

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