ग्राम स्वरोजगार योजना 14 से

जिले की ढाणी पुरोहितान (किशनगढ़) एवं नाईखेड़ा (केकड़ी) का चयन
योजनाओं में शतप्रतिशत कवरेज करने के निर्देश

अजमेर, 10 अप्रेल। ग्राम स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत भारत सरकार की सात विशिष्ट योजनाओं में ग्रामीणों को लाभान्वित करने के लिए ढाणी पुरोहितान (किशनगढ़) एवं नाईखेड़ा (केकड़ी ) का चयन किया गया है। यहां आगामी 14 अप्रेल से 5 मई तक विशेष अभियान चलाकर पात्र व्यक्तियों को विभिन्न योजनाओं में लाभान्वित किया जाएगा।
भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के केबिनेट सचिव श्री प्रदीप कुमार सिन्हा ने मंगलवार को वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से यह जानकारी दी।
जिला कलक्टर श्री गौरव गोयल ने बताया कि ग्राम स्वरोजगार योजना के तहत बैंकिंग क्षेत्र की प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जन धन योजना तथा प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, रसद विभाग की उज्ज्वला योजना, विद्युत विभाग की सौभाग्य एवं उजला योजना तथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की इन्द्रधनुष योजना के तहत ढाणी पुरोहितान एवं नाईखेड़ा के पात्र व्यक्तियों को लाभान्वित किया जाएगा। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को इन योजनाओं में शत प्रतिशत पात्र व्यक्तियों को लाभान्वित करने के निर्देश दिए है। उन्होंने बताया कि ग्राम स्वरोजगार योजना के तहत पूरे देश में 21 हजार 58 गाँवों का चयन किया गया है। जिसमे से अजमेर जिले के भी दो गांव चयनित हुए है।
उन्होंने बताया कि योजना के तहत विशेष अभियान की अवधि के दौरान कॉमन पोर्टल के माध्यम से दैनिक रिपोर्टिंग होगी। इसके साथ ही सरल एप भी बनाया जाएगा। जहां से रिपोर्ट अपलोड की जा सकेगी।

वीडियो कॉफ्रेंसिंग के दौरान मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद श्री अरूण गर्ग, जिला रसद अधिकारी श्री संजय माथुर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. के.के.सोनी, अवीवीएनएल के अधीक्षण अभियंता श्री मुकेश ठाकुर तथा लीड बैंक अधिकारी उपस्थित थे।

मगरा क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम
अतीतमण्ड में विश्रान्ति गृह के लिए 5 लाख स्वीकृत

अजमेर, 10 अप्रेल। मगरा क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम के तहत जवाजा पंचायत समिति में ग्राम पंचायत अतीतमण्ड के भोमिया जी महाराज के स्थान के पास विश्रान्ति गृह का निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए 5 लाख रूपए की वित्तीय स्वीकृति जारी की गई है। जिसकी प्रथम किश्त देय हो गई है। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अरूण गर्ग ने यह जानकारी दी।

महिला सहायता समिति की बैठक 23 को
अजमेर, 10 अप्रेल। जिला महिला सहायता समिति की बैठक आगामी 23 अप्रेल को अपरान्ह 12.30 बजे जिला कलक्टर एवं अध्यक्ष जिला महिला सहायता समिति श्री गौरव गोयल की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की जाएगी। महिला अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक ने यह जानकारी दी।

अक्षय तृतीया पर विशेष सतर्कता/ निगरानी बरतने का अभियान चलेगा
अधिकारियों को प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश

अजमेर 10 अपे्रल। जिला मजिस्ट्रेट श्री गौरव गोयल ने एक आदेश जारी कर आगामी 18 अप्रेल को अक्षय तृतीया (आखातीज) तथा 29 अप्रेल को पीपल पूर्णिमा पर अबूझ सावे होने के कारण जिले भर में बाल विवाह रोकने के लिए विशेष सतर्कता एवं निगरानी अभियान चलाया जायेगा। इसके लिए संबंधित अधिकारियों को बाल विवाह रोकथाम के लिए प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये है।
आदेश के तहत जिले में बाल विवाहों को तुरन्त रोकने हेतु अक्षय तृतीया एवं पीपल पूर्णिमा के अवसर पर जिला स्तर कलक्टर कार्यालय, जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय एवं प्रत्येक उपखण्ड मुख्यालय स्तर पर नियंत्रण कक्ष क्रियाशील रहेंगे। जो 24 घंटे कार्यरत रहेंगे। उपखण्ड मुख्यालय पर नियंत्रण कक्ष के प्रभारी संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट एवं जिला स्तर पर अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (शहर) प्रभारी अधिकारी रहेंगे। उन्होंने पुलिस विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, चिकित्सा विभाग, शिक्षा विभाग एवं पंचायतीराज विभाग के ग्राम स्तरीय कार्मिकों को प्रभावी कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया वहीं पटवारी, ग्राम सेवक, अध्यापक इत्यादि को बाल विवाह की आशंका होने पर निकट के पुलिस स्टेशन पर सूचना देने के लिए पाबंद करने के लिए कहा गया है।
आदेश के तहत जिला मजिस्ट्रेट ने निर्देश दिए कि जिले में गठित विभिन्न स्वयं सहायता समूह, किशोरी समूह, महिला समूह, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, साथिन, सहयोगिनी को बाल विवाह के विरूद्ध वातावरण निर्माण हेतु सक्रिय कराया जाए। ऎसे व्यक्ति व समुदाय जो विवाह सम्पन्न कराने में सहयोगी होते है यथा पण्डित, पण्डाल व टेन्ट लगाने वाले, हलवाई, ट्रॉसपोर्टस, प्रिन्टर, बैण्ड-बाजा इत्यादि पर बाल विवाह में सहयोगा ना करने का आश्वासन लेने एवं उन्हें कानून की जानकारी दी जाए।
उन्होंने कहा कि गाँव/ मोहल्लों के उन परिवारों में जहां बाल विवाह होने की आशंका हो, वहां समन्वित रूप से समझाईश करें। जहां आवश्यक हो, कानून द्वारा बाल विवाहों की रोकथाम करें। उन्होंने उपखण्ड अधिकारी/तहसीलदारों को निर्देशित किया कि बाल विवाह निषेध अधिकारी के रूप में सक्रिय रहकर बेहतर तरीके से कर्तव्यों का निर्वहन करें। जो अभिभावक बेटियों के विवाह के खर्च को वहन करने में सक्षम नहीं है तथा इस कारण बाल विवाह करवाते है, उन्हें महिला एवं बाल विकास विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग एवं अन्य सरकारी योजनाओं की जानकारी प्रदान करावें तथा सामूहिक विवाहों को प्रोत्साहित करने हेतु प्रचार -प्रसार कराए।
उन्होंने कहा कि गांव के प्रमुख व्यक्तियों की पहचान कर, उन्हें बाल विवाह रूकवाने की जिम्मेदारी प्रदान की जाए। धार्मिक गुरूओं तथा विभिन्न धार्मिक संस्था प्रधानों को भी बाल विवाह के दुष्परिणामों की एवं कानूनी प्रावधानों की जानकारी दें तथा इस कार्य में उनका भी सहयोग प्राप्त करें।

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