मित्तल हाॅस्पिटल में दूरबीन विधि से निकाला खराब गुर्दा

लम्बे समय से संक्रमण के कारण हो गया था खराब
अजमेर, 19 अप्रेल ()। मित्तल हाॅस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर अजमेर के यूरोलाॅजिस्ट डाॅ कुलदीप शर्मा ने 40 वर्षीय एक मरीज का बायां गुर्दा आधुनिक दूरबीन तकनीक से निकाला। मरीज का बायां गुर्दा पथरी के कारण लम्बे समय से संक्रमित होकर खराब हो गया था। डाॅ कुलदीप शर्मा और उनकी टीम ने मरीज का लेप्रोस्कोपिक नेफ्रेक्टमी द्वारा आॅपरेशन कर उसे पीड़ा मुक्त किया।
डाॅ कुलदीप शर्मा ने बताया कि इस तरह के आॅपरेशन अमूमन मरीज के कमर में बड़ा चीरा लगता है। मरीज को काफी दिन अस्पताल में उपचाररत रहना पड़ता है जिससे उसका उपचार खर्च भी बढ़ता है और दर्द भी सहना पड़ता है।
यूरोलाॅजिस्ट डाॅ कुलदीप ने बताया कि मित्तल हाॅस्पिटल में ‘लेप्रोेस्कोपिक नेफ्रेक्टमी’ अपने आप में बड़ी उपब्धी है। उन्होंने बताया कि इस तरह के लम्बे संक्रमण में गुर्दा आस-पास की संरचना जैसे तिल्ली और आंतों से चिपक जाता है। जिसे दूरबीन के जरिए अलग करना मुश्किल ही नहीं जटिल भी हो जाता है। उन्होंने बताया कि मरीज का आॅपरेशन सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ। इसमें तकरीबन चार घंटे का समय लगा। मरीज अब पूर्णरूप से स्वस्थ है उसे अस्पताल से दो- तीन दिन में ही छुट्टी दे दी गई है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि मरीज उपचार से पहले बाएं तरफ कमर के दर्द से पीड़ित रहता था। बार-बार अस्पताल में भर्ती होना पड़ता था। जांच में पता चला कि उसका बायां गुर्दा काम नहीं कर रहा है। पथरी के कारण जख्मी होकर संक्रमण से खराब हो गया है। जिसे आॅपरेशन के जरिए निकलना ही जरूरी हो गया था।
डाॅ कुलदीप ने बताया कि इस आॅपरेशन में एनेस्थेटिस्ट डाॅ राजीव पांडे, ओटी व नर्सिंग स्टाफ यूसुफ, शमा, मदन व मुकेश का सराहनीय योगदान रहा।
निदेशक डाॅ दिलीप मित्तल ने बताया कि मित्तल हाॅस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर अजमेर संभाग का एक मात्र एनएबीएच मान्यता प्राप्त हाॅस्पिटल है जहां पथरी, प्रोस्टेट व मूत्र रोग संबंधित सभी तरह का उपचार गुणवत्तापूर्ण व कुशल व दक्ष चिकित्सकों की टीम के हाथों होता है। मित्तल हाॅस्पिटल में भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत 1700 से अधिक जरूरतमंद व गरीब रोगियों के निःशुल्क उपचार किए जा चुके हैं। राज्य सरकार ने इसके लिए मित्तल हाॅस्पिटल को अधिकृत किया हुआ है। इनमें हृदय, कैंसर, गुर्दा, बे्रन व स्पाइन तथा पथरी, प्रोस्टेट व मूत्ररोग संबंधित सभी तरह के रोगी शामिल हैं।

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