राजनीति करने के बजाय स्कूलों पर कार्यवाही की जाए

मुज़फ्फर भारती
अजमेर 19 अप्रैल। फीस वृद्धि के मुद्दे पर कांग्रेस की कार्यवाही के बाद शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी द्वारा दिए गए बयान पर कांग्रेस नेताओं ने कहा कि मंत्री जी बयानबाजी बंद करें निजी स्कूलों से कानून की अनुपालना कराएं। कांग्रेस ने कहा शिक्षा मंत्री का दावा झूठा निजी स्कूलों ने बीस प्रतिशत से अधिक फीस कमेटी या नहीं बनाई और वह भी महज़ कागज़ी हैं, राजनीति करने के बजाय स्कूलों पर कार्यवाही की जाए।
शहर कांग्रेस प्रवक्ता मुजफ्फर भारती ने बताया कि पिछले 2 दिन से अजमेर जयपुर कोटा सहित राज्य के कई हिस्सों में निजी शिक्षण संस्थानों द्वारा कानून का उल्लंघन करके की गई फीसों में मनमानी अभिवृद्धि के विरुद्ध कांग्रेस द्वारा किए गए आंदोलन से बौखला कर शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने निजी स्कूलों के विरुद्ध कार्रवाई करने के बजाय कांग्रेस पर ही झूठे आरोप लगाना शुरु कर दिए।
शिक्षा मंत्री के बौखलाहट भरे बयान पर शहर कांग्रेस अध्यक्ष विजय जैन ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि शिक्षा मंत्री राज्य की जनता से झूठ बोल रहे हैं कि 34 हजार निजी स्कूलों में से 26 हजार निजी स्कूलों ने फीस कमेटियों का गठन कर लिया है जबकि यह सरासर गलत एवं मिथ्या प्रचार है अजमेर सहित प्रदेश भर के स्कूलों में 20 प्रतिशत निजी स्कूलों ने ही फीस कमेटियों का गठन किया है उसमें भी फर्जीवाड़ा है। और शिक्षा मंत्री के गृह जिले में तो हालत बद से बदतर है जहां कानून की मौजूदगी में प्राइवेट स्कूलों ने बेतहाशा फीसों मैं वृद्धि कर अभिभावकों का बजट बिगाड़ दिया है निजी शिक्षण संस्थाएं शिक्षा विभाग एवं सरकार के नियंत्रण से बाहर हो चुकी हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने शिक्षा मंत्री से कहा कि कांग्रेस पर अनर्गल आरोप लगाने के बजाय पिछले 14 महीने से राजस्थान विद्यालय फीस विनियमन विधेयक का उल्लंघन कर रहे निजी स्कूलों के विरुद्ध कार्रवाई करें तो जनता को बेहतर राहत मिल जाएगी।
शिक्षा मंत्री के बयान पर पूर्व मंत्री ललित भाटी ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार अगर बच्चों के भविष्य के प्रति इतनी ही सजक होती तो आज निजी स्कूलों के हौसले इतने बुलंद नहीं होते कि वह मनमानी एवं कानून का उल्लंघन कर शीशों में वृद्धि करते कांग्रेस ने जब सरकार के कारनामों को जनता के सामने उजागर किया तो मंत्री तिलमिला गए और अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं।
पूर्व विधायक डॉ श्री गोपाल बाहेती ने कहा कि शिक्षा मंत्री द्वारा कांग्रेस पर लगाए आरोप बेबुनियाद हैं क्योंकि तत्कालीन अशोक गहलोत सरकार ने 1 अगस्त 2013 को प्रदेश में राजस्थान विद्यालय फीस विनियमन अधिनियम 2013 लागू किया था इस एक्ट के तहत पूर्व न्यायाधीश श्री शिवकुमार शर्मा की अध्यक्षता में 7 सदस्य राज्य स्तरीय फीस निर्धारण कमेटी के गठन का प्रावधान किया गया था इस कमेटी को स्कूल की भौतिक और आधारभूत सुविधाओं आए और खर्चों के आधार पर फीस तय करनी थी कमेटी ने प्रदेश के निजी स्कूलों से फीस का ब्यौरा मांगना भी प्रारंभ कर दिया था कि दिसंबर 2013 में सरकार बदल गई भारतीय जनता पार्टी की नई सरकार ने इस एक्ट का राजनीतिकरण कर दिया।
पूर्व विधायक डॉ राजकुमार जयपाल ने कहा कि कानून के बावजूद स्कूल प्रशासन मनमाने तरीके से फीस वसूल रहे हैं सरकार के शिक्षा मंत्री दावा कर रहे हैं कि फीस एक्ट लागू है लेकिन जब एक्ट लागू है तो फिर निजी स्कूलों की मनमानी क्यों इसका तो सीधा अर्थ यही है कि सरकार के मंत्री और शिक्षा विभाग के अधिकारी निजी स्कूलों के साथ मिले हुए हैं।
शिक्षा मंत्री के बयान पर प्रदेश कांग्रेस सचिव महेंद्र सिंह रलावता पीसीसी सदस्य हेमंत भाटी ने कहां की आम आदमी का बजट तो पहले ही बिगड़ा हुआ है अब स्कूलों द्वारा बेतहाशा गैर कानूनी तरीके से फीस वृद्धि करने के कारण स्थिति और बिगड़ गई है दोनों नेताओं ने कहा कि राज्य कि भाजपा सरकार करोड़ों करोड़ों बच्चों के भविष्य को देखते हुए प्राइवेट स्कूलों की तानाशाही पर लगाम नहीं लगाती है तो कांग्रेस विशेष जन आंदोलन कर जनता की आवाज बुलंद करेगी। उन्होंने कहा कि मंत्री के बयान पर आश्चर्य है कि सभी स्कूलों में फीस कमेटियों का गठन हो चुका है तो फिर बिना अभिभावकों की सहमति के बेतहाशा फीस वृद्धि कैसे हो रही है।

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