मौसम के अनुसार खान—पान पक्षाघात( लकवा) से बचाव का आसान उपाय

एथेंस (यूरोप) में प्रस्तुत व्याख्यान (शोधपत्र) को चिकित्सकों ने सराहा
अजमेर, 21 अप्रेल( )। मित्तल हाॅस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर अजमेर के वरिष्ठ जनरल फिजीशिन डाॅ तरुण सक्सेना ने बताया कि मौसम के अनुसार खान-पान पक्षाघात से बचाव का आसान उपाय है। खासतौर पर गर्मी के मौसम में मौसमानुकूल भोजन बेहद कारगर है।
डाॅ तरुण सक्सेना ने यह जानकारी शोध के आधार पर एथेंस (यूरोप) में आयोजित यूरोपियन स्ट्रोक काॅफ्रेंस (ई.एस.सी 2018) में ‘सेल डेथ इन स्ट्रोक रोल आॅफ मेटाबोलिज्म’ विषय पर व्याख्यान देते हुए साझा की। यूरोपियन स्ट्रोक काॅफ्रेंस 11 से 13 अप्रेल 2018 को आयोजित हुई थी। काॅफ्रेंस में जर्मनी, अमेरिका एवं जार्जिया के चिकित्सकों ने हिस्सा लिया। डाॅ तरुण सक्सेना के व्याख्यान को सभी ने सराहा। डाॅ तरुण सक्सेना ने बताया कि आॅक्सीजन एवं ग्लूकोज की मात्रा सामान्य होने पर भी अचानक से बेसल मेटाबोलिक रेट में परिवर्तन आने से कोशिका की ऊर्जा इकाई(ए.टी.पी) निर्माण में बाधा आती है एवं दिमाग की कोशिकाएं निष्क्रिय हो जाती है। ऐसा एकाएक मौसम में बदलाव (ज्यादा सर्दी या ज्यादा गर्मी) का अनुभव करने से अत्यधिक तनाव अथवा मौसमानुकूल भोजन नहीं करने से होता है।
डाॅ. तरुण बताया कि लकवे की प्रारम्भिक अवस्था में ही आॅक्सीजन एवं ग्लूकोज सामान्य करने के साथ ए.टी.पी निर्माण की दर को भी नियंत्रित करना आवश्यक है।
उल्लेखनीय है कि डाॅ तरुण सक्सेना इससे पूर्व भी राष्ट्रीय और अन्तरर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित काॅफ्रेंस में मधुमेह और पक्षाघात पर अपने अनेक शोधपत्र प्रस्तुत कर चुके हैं।

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