अजमेर, 26 मई। शहर में तारागढ़ रोड स्थित गणेश नगर में आयोजित श्रीमदभागवत कथा में पंडित रविशंकर शास्त्री ने कहा कि लौकिक सगाईयां थोड़ा सा विवाद होने पर टूट जाती है मगर सगाई ठाकुरजी से हुई तो जीवन संवर जाएगा। ठाकुरजी से प्रीत लगाइए। प्रेम में सार्थकता होनी चाहिए ठाकुरजी द्वार तक चले आएंगे।
शास्त्री ने कहा कि जीवात्मा को परमात्मा से मिलाने के लिए महात्मा बनना पड़ेगा। जरूरी नहीं महात्मा कोई और हो। आप खुद भी महात्मा बन सकते हैं जैसे मीरा बाई, नरसी मेहता जैसे महापुरुष बने। उन्होंने कहा कि कलिकाल में काम और क्रोध नामक बीमारी से कोई बच नहीं पाया है। अगर इस बीमारी से बचना हो तो हरिनाम कीर्तन कीजिए। कीर्तन में भी दिखावा नहीं, भाव होना चाहिए। भगवान जाति, धर्म, रंग, रूप देखकर कृपा नहीं करते। वो भक्त की भक्ति देखकर कृपा बरसाते हैं। राधे राधे पुकारूं कुंज गलियन में.., हरिओम विठ्ठला.. जैसे भजनों पर श्रोता झूम उठे। सुमित सारस्वत ने बताया कि कथा प्रारंभ होने से पूर्व मुख्य यजमान फूलचंद प्रजापति, कन्हैयालाल, गोविंदराम ने सपत्नीक पूजन किया। कथा में पन्नालाल प्रजापति, गोपाल शर्मा, नवीन सोलंकी, प्रियंका प्रजापति, अलका प्रजापति, प्रेम बाई, जुगलकिशोर, नितिन दाधीच, गौरव, छवि, यशस्वी, प्राची, मुकेश सहित कई श्रद्धालु शामिल हुए। रविवार को कथा में वामन अवतार, राम जन्म, कृष्ण जन्म प्रसंग पर व्याख्यान होगा। ठाकुरजी के जन्म पर धूमधाम से नंदोत्सव मनाया जाएगा।
सुमित सारस्वत
मो.09462737273